फिल्में बनाते समय फिल्ममेंकर्स से भी गलतियां हो जाती हैं. लेकिन आमतौर पर दर्शक उसे देख नहीं पाते हैं. हम कुछ ऐसी ही फिल्मों की गलतियों के बारे में आपको बता रहे हैं दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे: फिल्म का दसरा पार्ट पंजाब पर आधारित था लेकिन क्लाइमेक्स में जिस स्टेशन को दिखाया गया है, वो आपटा का है. आपटा पंजाब में नहीं बल्कि महाराष्ट्र में है.
रा वन: फिल्म में शाहरुख को साउथ इंडियन दिखाया गया है लेकिन उनको क्रिश्चियन नियमों के अनुसार दफनाया जाता है. हद तो तब हो गई जब करीना कपूर उनकी अस्थियों को पानी में बहाती हैं.
पीके: फिल्म में सरफराज (सुशांत सिंह राजपूत), जग्गू (अनुष्का शर्मा) से कहता है कि वो ब्रूज के पाकिस्तानी एम्बेसी में काम करता है. लेकिन ब्रूज में पाकिस्तान की कोई एम्बेसी ही नहीं है.
लगान: यह फिल्म 1892 की कहानी थी. फिल्म में एक ओवर में छह बॉल दिखाया गया है. लेकिन 1892 में इंग्लैंड ने एक ओवर में सिर्फ पांच बॉल की ही अनुमति दी थी.
अमर अकबर एंथॉनी: फिल्म में अमिताभ बच्चन, ऋषि कपूर और विनोद खन्ना एक ही समय पर अपनी ऑनस्क्रीन मां निरुपा रॉय को खून दे रहे हैं.
हैदर: फिल्म 90 के दौर के कश्मीर के हालात पर आधारित है. लेकिन 'बिस्मिल' गाने में पीछे मोबाइल का टॉवर नजर आ रहा है. उस समय कश्मीर में मोबाइल का टॉवर नहीं था.
रॉकस्टार: साडा हक गाने में इम्तियाज अली ने अखबार के माध्यम से जॉर्डन यानी रणबीर कपूर के केरेक्टर को समझाने की कोशिश की है. लेकिन अगर आप हेडलाइन्स और उसके अंदर के खबर को देखेंगे तो आपको गलती समझ आएगी.
स्क्रीन के बाईं तरफ जो खबर है वो 2012 में रिलीज हुई जब तक है जान के बारे में है और दाईं तरफ की खबर 2011 के भारत-पाकिस्तान वर्ल्ड कप सेमी फाइनल की है. इम्तियाज ने किसी भी खबर को लेकर बस उसका हेडलाइन बदल दिया.
प्यार का पंचनामा: फिल्म के ओपनिंग सीक्वेंस में तीनों दोस्त ढ़ाबा बाइक पर आते नजर आते हैं और जाते समय उनके पास जीप कैसे आ जाती है, वो तो वही जानते हैं.
ये जवानी है दीवानी: इस सीन में ट्रेन में चढ़ने से पहले बनी (रणबीर कपूर), नैना (दीपिका पादुकोण) की किताब उनके हाथ से ले लेते हैं लेकिन अगले सीन में नैना के हाथ में किताब फिर से आ जाता है.