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मनोरंजन

अंग्रेजी से परेशान, होटल में किया काम, गांव का लड़का ऐसे बना हीरो

अंग्रेजी से परेशान, होटल में किया काम, गांव का लड़का ऐसे बना हीरो
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पंकज त्रिपाठी अब हिंदी सिनेमा का जाना -पहचाना चेहरा हो गए हैं. वे गैंग्स ऑफ वासेपुर, मसान, निल बटे सन्नाटा, फुकरे और अनारकली ऑफ आरा सहित कई फिल्मों में नजर आ चुके हैं. पंकज की अगली फिल्म राजकुमार राव स्टारर न्यूटन है, जो 22 सितंबर को रिलीज हो रही है. वे इसमें आर्मी अफसर की भूमिका में हैं. पंकज के बॉलीवुड में सफल होने तक की यात्रा बेहद मुश्क‍िल भरी रही है.
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पंकज ब‍िहार के गोपालगंज जिले के एक छोटे से गांव में जन्मे हैं. उनके परिवार का मूल व्यवसाय खेती-किसानी है. पंकज भी इस काम में अपने माता-पिता की मदद करते थे. दसवीं कक्षा तक उनका फिल्मों से कोई वास्ता नहीं था. उनके गांव से 20 किलोमीटर दूर एकमात्र सिनेमाघर था.
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पंकज का रुझान बचपन से एक्ट‍िंग की ओर जरूर था. इसलिए वे छठ पूजा पर होने वाले कार्यक्रमों में लड़की बनकर अभिनय करते थे. स्कूल की पढ़ाई पूरी होने पर वे पटना आ गए और उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई के लिए दाखिला ले लिया. लेकिन इसमें पंकज की ओर रुचि नहीं थी. इसके बाद उन्होंने माता-पिता के दबाव के चलते होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया. इसी दौरान उन्होंने थिएटर करना भी शुरू कर दिया.
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जब मन नहीं लगा तो पंकज ने तय किया कि वे सिर्फ एक्ट‍िंग ही करेंगे. इसी में अपना कॅरियर बनाएंगे. इसके लिए उन्होंने अपने माता-पिता को भी राजी कर लिया. अपने सपने को पूरा करने के लिए पंकज ने दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला ले लिया. यहां उन्हें अपनी प्रतिभा को दिखाने का पूरा मौका मिला.
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पंकज की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुई. उनको अंग्रेजी बोलने में परेशानी होती थी. जबकि वे जिनके बीच उठते-बैठते थे, वे सब अंग्रेजी बोलते थे. इसलिए पंकज को लगा कि अंग्रेजी न आने के कारण उनका सपना अधूरा रह सकता है. लेकिन किसी तरह उन्होंने टूटी-फूटी अंग्रेजी से काम चलाया और इसकी भरपाई अपनी उम्दा अदाकारी से की.
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पंकज ने अपने संघर्ष के दिनों में होटल में भी काम किया. वे जब पटना में थिएटर करते थे, तब उन्होंने अपना खर्च उठाने के लिए एक होटल में नौकरी की थी. लापरवाही करने पर उनका मैनेजर उन्हें खूब डांटता था. एक बार पंकज ने उससे कहा कि एक दिन वे इस होटल में मेहमान के रूप में आएंगे. आगे जाकर यह बात सच साबित हुई.
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पंकज ने शुरू में कई छोटे-मोटे रोल किए. उन्हें फिल्म रन, ओमकारा, अपहरण, धरम, रावण आदि में देखा जा सकता है, लेकिन  पंकज को बड़ा ब्रेक मिला अनुराग कश्यप की फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर से. इसमें वे सुल्तान कुरैशी के रोल में नजर आए, जो कसाईखाने में काम करता है. इस रोल के बाद उन्हें इसी तरह के दस और रोल के ऑफर मिले, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया, क्योंकि वे एक ही तरह के किरदार नहीं निभाना चाहते थे.
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