हेमा मालिनी का जन्म 16 अक्टूबर 1948 में तमिलनाडु में हुआ था. बॉलीवुड की यह अभिनेत्री भरत्नाट्यम की एक बेहतरीन नृत्यांगना है.
फिल्म शोले के बाद अभिनेता धर्मेंद्र से हेमा ने शादी कर ली. उस समय धर्मेंद्र शादीशुदा थे और उनके चार बच्चे थे.
हेमा को तमिल फिल्मों के डायरेक्टर श्रीधर ने 1964 में यह कह रिजेक्ट कर दिया था कि उनके चेहरे में कोई स्टार अपील नहीं है. परंतु बालीवुड में वह ड्रीम गर्ल के रूप में खुद को स्थापित करने में सफल रहीं.
हेमा मालिनी हिन्दी फिल्म की पहली महिला सुपर स्टार बनी. वे बॉलीवुड की उन गिनी चुनी अभिनेत्रियों में शामिल है, जिनमें सौंदर्य और अभिनय का अनुठा संगम देखने को मिलता है.
इस प्रसिद्ध अभिनेत्री और नृत्यांगना ने लगभग चार दशक के कैरियर में कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया. इनकी सुंदरता और अदाओं के कारण इन्हें बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल्स कहा जाने लगा.
हेमा मालिनी ने हिन्दी फिल्मों में 'सपनों का सौदागर' (सन् 1968), से पदार्पण किया.
हेमा मालिनी को पहली सफलता 'जॉनी मेरा नाम' (1970), से मिली. उन्हें पहला बड़ा ब्रेक रमेश सिप्पी की फिल्म 'अंदाज'(1971), में मिली.
हेमा मालिनी सन् 1972 में 'सीता और गीता' में किये गये किरदार व सहज अभिनय सोहरत के बुलंदियों पर पहुंची. 'प्रेम नगर, अमीर-गरीब' (1974), 'सन्यासी, धर्मात्मा, खुशबू और प्रतिज्ञा जैसी फिल्मों (1975) में प्रदर्शित हुये.
1975 की मेगा हिट फिल्म 'शोले' में अपनी अल्हड़ अंदाज और संवादों के कारण हेमामालिनी लोगों के जुबान पर चढ़ गयी. आज भी सिने प्रेमी उस अंदाज और संवाद की चर्चा करते हैं.
हेमा मालिनी ने 1980 में अभिनेता धर्मेंद्र से शादी की और उनकी दो बेटियां ईशा एवं आहना हुई.
फिल्मी कैरियर की जगह अपनी महारथ वाले ओड़िसी डांस की तरफ ज्यादा ध्यान दिया और देश- विदेश में कई कलात्मक प्रस्तुतियां दी.
कभी फिल्म में पब्लिसिटी के लिए हेमा मालिनी को ड्रीम गर्ल के नाम से इंट्रोड्यूस किया गया था, लेकिन बाद में वह उसी नाम से जानी भी गई.
1977 में हेमा मालिनी की मां ने हेमा मालिनी को लेकर 'ड्रीम गर्ल' नाम से एक फ़िल्म भी बनाई थी.
ग्लैमर के अलावा ये राजनीति में भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से राज्य सभा की सांसद भी चुनी गयी.
फिल्मों में हेमा मालिनी को ब्रेक देने वाले पहले फिल्म निर्माता थे अनंत स्वामी. उन्होंने हेमा मालिनी को अपनी फिल्म 'सपनों का सौदागर' में नायिका का रोल दिया था जिसमें पर्दे पर वह राज कपूर के साथ नजर आई थीं.
फिल्म 'सपनों का सौदागर' में के निर्देशक थें महेश कौल. फिल्म 'सपनों का सौदागर' में काम करते समय हेमा मालिनी की उम्र सिर्फ़ 16 साल की थी.
राज कपूर ऐसे पहले शख्स थे जिन्होंने हेमा मालिनी का स्क्रीन टेस्ट लिया था. खुद हेमा मालिनी का भी मानना है कि आज वह जो भी है राज कपूर की बदौलत है.
राज कपूर के साथ काम करने के बाद हेमा मालिनी को देवानंद के साथ फिल्म 'जॉनी मेरा नाम' में काम करने का मौका मिला. यह फ़िल्म बहुत बड़ी हिट साबित हुई. इस फ़िल्म के निर्देशक विजय आनंद थे और एक-एक गाना बहुत खूबसूरती के साथ फ़िल्माया गया था.
हेमा मालिनी का जन्म तमिलनाडु के अम्मानकुडी नामक स्थान में 16 अक्टूबर 1948 को हुआ था. उनकी शिक्षा-दीक्षा आंध्र महिला सभा, चेन्नई में हुई.
हेमा मालिनी को मूल रुप से भरतनाट्यम का डांसर माना जाता है. अपनी पहली फिल्म में संवाद बोलने के लिए हेमा मालिनी ने उर्दू लिखना और पढ़ना सीखा.
शत्रुघ्न सिन्हा के साथ भी हेमा ने काम किया है. अमिताभ के साथ तो भी कई हिट फिल्में दी है.
हेमा ने कमाल अमरोही की फिल्म 'रजिया सुल्तान' में काफी संवाद उर्दू में बोला है. उस दौरान 'रज़िया सुल्तान' फ़िल्म का लता जी का गाया गाना, 'ऐ दिले नादान...' काफी प्रसिद्ध हुआ था.
अपने फिल्मी करियर में हेमा मालिनी ने अमिताभ, राजेश खन्ना, जितेंद्र, संजीव कुमार के साथ-साथ और भी कई अभिनेताओं के साथ काम किया. जितेंद्र हेमा के हमउम्र थे.
हेमा मालिनी ने फिल्म 'अंदाज़' में राजेश खन्ना के साथ काम किया. फिल्म 'कनारा' का गाना 'नाम गुम जाएगा, चेहरा ये बदल जाएगा...' में हेमा मालिनी ने एक अंधी लड़की का क़िरदार निभाया था जिसमें हेमा के साथ जितेंद्र थे.
हेमा मालिनी ने धमेंद्र के साथ क़रीब 25 फ़िल्में साथ कीं और लगभग सभी हिट हुईं.
हेमा मालिनी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि मैं अब 'ड्रीम गर्ल' नहीं 'ड्रीम वूमेन' हो सकती हूं.
हेमा मालिनी का सपना है एक डांस इंस्टीट्यूट बनाने का और यह डांस इंस्टीट्यूट वह मुंबई में ही खोलना चाहती हैं.
हेमा मालिनी को वर्ष 1973 में फिल्म फेयर बेस्ट एक्ट्रेस अवार्ड मिला. यह सम्मान उन्हें फिल्म 'सीता और गीता' के लिए मिला.
हेमा मालिनी को वर्ष 1999 में फिल्म फेयर लाइफटाइम एचीव्हमेंट अवार्ड से नवाजा गया.
हेमा मालिनी को साल 2000 में भारत सरकार द्वारा प्रदत्त पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया.
वर्ष 2003 में हेमा मालिनी को जी सिने लाइफटाइम एचीव्हमेंट एवार्ड से भी सम्मानित किया गया.
साल 2003 में हेमा मालिनी को स्टार स्क्रीन अवार्ड जोड़ी नं. 1 फिल्म 'बागबान' के लिए मिला.
अनुभवी, खूबसूरत और प्रतिभाशाली हेमामालिनी भारतीय कला-जगत की अमूल्य धराहर हैं.
जीवन के सातवें दशक में प्रवेश कर चुकी हेमामालिनी की खूबसूरती आज भी नयी नवेली अभिनेत्रियों की ईष्या का विषय बन सकती है. वे आज भी दर्शकों को अपने मोहपाश में बांधने की क्षमता रखती हैं.
हेमामालिनी का बचपन तमिलनाडु के विभिन्न शहरों में बीता. हेमा के पिता वी एस आर चक्रवर्ती तमिल फिल्मों के निर्माता थे.
फिल्मी परिवेश में पली-बढ़ी हेमामालिनी ने चेन्नई के आंध्र महिला सभा से अपनी पढ़ाई पूरी की.
रूपहले पर्दे पर हेमा ने पहली बार पदार्पण किया एक नर्तकी के रूप में.
तेलगू फिल्म पांडव वनवासम् में हेमा ने एक नृत्य में पहली बार बड़े पर्दे पर अपनी झलक दिखाई, पर दक्षिण भारतीय फिल्म निर्माता-निर्देशकों को वे प्रभावित करने में असफल रहीं.
आखिरकार, हेमा की खूबसूरती और नृत्य कला ने हिंदी फिल्मों के शोमैन राजकपूर को प्रभावित किया.
राजकपूर ने उन्हें अपनी फिल्म सपनो का सौदागर में अभिनय का अवसर दिया.सपनों का सौदागर की नायिका के रूप में हिंदी फिल्मों को उसकी ड्रीम गर्ल की पहली झलक मिली.
धीरे-धीरे हेमामालिनी का सम्मोहन हिंदी फिल्मी दर्शकों के सर चढ़कर बोलने लगा और उनका नाम शीर्ष अभिनेत्री की सूची में सबसे ऊपर शुमार हो गयीं.
लगभग तीन दशक तक हेमामालिनी के अभिनय और आकर्षण का जादू तात्कालिक अभिनेत्रियों पर हावी रहा.
रूपहले पर्दे से लेकर संसद तक और नृत्य समारोहों के मंच से लेकर छोटे पर्दे तक हेमामालिनी हर जगह अपनी आकर्षक उपस्थिति से दर्शकों का ध्यानाकर्षण करती रही हैं.
हेमामालिनी के लंबे फिल्मी सफर की उल्लेखनीय फिल्में हैं-जॉनी मेरा नाम, ड्रीम गर्ल, राजा जानी, सीता और गीता, धर्मात्मा, शोले, चरस, दो और दो पांच, बागबान, रजिया सुल्तान, द बर्निग ट्रेन, त्रिशूल, द बर्निग ट्रेन, ज्योति, अमीर-गरीब, प्रेम नगर, खुशबू, मीरा, क्रांति और बागबान.
हिंदी फिल्मी दर्शकों ने हेमामालिनी के अभिनय के हर रंग देखे हैं. शोले में बातूनी बसंती हो या रजिया सुल्तान में गंभीर रजिया, सीता और गीता में दोहरी भूमिका हो या बागबां में उम्रदराज पत्नी की भूमिका हेमामालिनी ने हमेशा ही दर्शकों पर अपने अभिनय की गहरी छाप छोड़ी है.
दिल एक आशना के निर्देशन और निर्माण की जिम्मेदारी निभाकर हेमामालिनी ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपने लंबे अनुभव को रचनात्मक मोड़ दिया.
हिन्दी सिनेमा और कला जगत में योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री की प्रतिष्ठित उपाधि से भी सम्मानित किया गया.
अभिनेत्री, निर्मात्री, निर्देशिका और सांसदा होने के साथ ही हेमामालिनी अंतरराष्ट्रीय स्तर की शास्त्रीय नृत्यांगना भी हैं.
'शोले' फिल्म से मशहूर हुई इस एक्ट्रेस की दो बेटियां हैं- बड़ी बेटी ईशा देओल और छोटी बेटी आहाना देओल, यह तिकडी कई चैरिटेबल कार्यक्रम भी प्रस्तुत करती हैं.
धर्म से हिन्दू होने के कारण धर्मेंद्र अपनी पहली ब्याहता प्रकाश कौर के रहते तलाक दिए बिना दूसरी शादी नहीं कर सकते थे, इस कारण शादी करने के लिए धर्मेँद्र और हेमा मालिनी ने इस्लाम धर्म अपना लिया और इस्लामी रीति-रिवाज से शादी की. धर्मेंद्र ने अपना नाम बदल कर दिलावर खान केवल किया जबकि हेमा मालिनी का नाम बदल कर आयशा किया गया.