मुगले-आजम (1960)
निर्देशक : के आसिफ
पृथ्वीराज कपूर : अनारकली, सलीम की मोहब्बत तुम्हें मरने नहीं देगी और हम तुम्हें जीने नहीं देंगे.
निर्देशक : यश चोपड़ा
राजकुमार : चिनॉय सेठ, ये बच्चों के खेलने की चीज़ नहीं है, हाथ कट जाए तो खून निकल आता है.
निर्देशक : ऋषिकेश मुखर्जी
राजेश खन्ना : हम सब रंगमंच की कठपुतलियां हैं, जिनकी डोर ऊपर वाले की उंगलियों से बंधी हुई हैं. कब कौन उठेगा कोई नहीं बता सकता.
निर्देशक : सुभाष घई
शत्रुघ्न सिन्हा : जली को आग कहते हैं, बुझी को राख कहते हैं और जिस राख में बारूद बने उसे विश्वनाथ कहते हैं.
निर्देशक : चंद्र बरोट
अमिताभ बच्चन : डॉन का इंतजार तो 11 मुल्कों की पुलिस कर रही है, लेकिन डॉन को पकड़ना मुश्किल नहीं, नामुमकिन है.
निर्देशक : टीनू आनंद
अमिताभ बच्चन : हम जहां खड़े होते हैं, लाइन वहीं से शुरू होती है.
निर्देशक : प्रकाश मेहरा
अमिताभ बच्चन : भई, मूंछे हों तो नत्थूलाल जी जैसी हों, वर्ना ना हों.