1980 और 90 तक के दशक में भारतीय सिनेमा एक लीक पर चल रहा था. इसमें ताजगी लाने का श्रेय अभिनेता कमल हासन को जाता है. आज कमल हासन का जन्मदिन है. कमल हासन का जन्म 7 नवंबर 1954 को एक तमिल परिवार में हुआ.
कमल हासन एक ऐसे क्रांतिकारी कलाकार हैं, जिन्होंने हर किरदार निभाया है. जो कभी ना तो भाषा में बंधे, ना क्षेत्र में.
कमल हासन ने 'पुष्पक' जैसी मौन फिल्म बनाई. 'अप्पू राजा' में वे बौना बनकर हमारे सामने आए.
दक्षिण के इस सुपरस्टार ने 1987 में फिल्म 'नायकन' में एक गैंगस्टर की भूमिका निभाई.
'चाची 420' तो सबको याद होगी. इसके बाद कमल हासन को एक ऐसा पुरुष कहा जाने लगा, जो सबसे प्यारी चाची थी.
फिल्म 'नायकन' के गैंगस्टर के रूप में एक पति, पिता, दोस्त और फिर बूढ़ा होने तक की भूमिका को कमल हासन ने संजीदगी से जीया.
कमल हासन की मूवी 'नायकन' ने हिंदी फिल्म निर्माताओं को ऐसा झकझोरा कि उन्हें 'नायकन' की कहानी पर दयावान नाम से हिंदी फिल्म बनानी पड़ी.
कमल की नायकन को हिंदी में दयावान के नाम से बनाने वाले फिरोज खान थे.
1990 में आई फिल्म 'अप्पू राजा' में वे डबल रोल में दिखे. दो में से एक किरदार बौने का था.
1988 में कमल हासन 'पुष्पक' लेकर आए. यह एक सायलेंट पिक्चर थी. 131 मिनट की पिक्चर में एक भी डॉयलॉग नहीं था.
1997 में कमल हासन 'चाची 420' बनकर आए. इस मूवी में उन्होंने महिला बनकर सबको हैरान किया.
'चाची 420' के बाद भी कमल ठहरे नहीं, वे 'दशावतारम' में 10 रूपों के साथ पर्दे पर दिखे.
2008 में रिलीज हुई फिल्म 'दशावतारम' के 10 किरदारों में उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश का भी रोल निभाया.
कमल हासन 6 साल की उम्र में पहली बार कैमरे के सामने आए. अगस्त 1960 में रिलीज हुई 'कालाथुर कन्नम्मा' नाम की इस फिल्म में बड़े-बड़े सितारे थे.
कमल हासन ने पहली ही मूवी में जैमिनी गणेशन जैसे बड़े स्टार की मौजूदगी ने दर्शकों का दिल जीत लिया. 'कालाथुर कन्नम्मा' को राष्ट्रपति पुरस्कार मिला और कमल हासन को यहीं से पहचान मिल गई.
कमल हासन ने 5 और फिल्मों में बतौर बाल कलाकार काम किया, जहां उन्हें शिवाजी गणेशन और एमजी रामचंद्रन जैसे बड़े नामों के साथ काम करने का मौका मिला.
कमल के शौक को परिवार का भी समर्थन मिला, उन्होंने टीकेएस नाटक सभा नाम के थियेटर में अपना नाम लिखवा लिया था.
हाईस्कूल के बाद कमल हासन का पढ़ाई से नाता टूट-सा गया, लेकिन तमिल सिनेमा ने 70 के दशक के अंत में एक दमदार अभिनेता की धमक को महसूस करना शुरू कर दिया.
कई फिल्मों में सपोर्टिंग रोल कर रहे कमल ने 70 के दशक में दूसरी भाषाओं की तरफ भी कदम बढ़ाने शुरू कर दिए थे.
उन्हें अपना पहला बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मलयालम फिल्म 'कन्याकुमारी' के लिए ही मिला.
1975 में आई तमिल फिल्म 'अपूर्वा रागानगल' से कमल हासन को सही मायने में तमिल सिनेमा में पहचान मिली.
'अपूर्वा रागानगल' के लिए कमल हासन को सर्वश्रेष्ठ तमिल अभिनेता का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला. कमल तमिल, तेलगू, मलयालम और फिर हिंदी सिनेमा में भी छा गए थे. 1988 में आई साइलेंट फिल्म 'पुष्पक' ने तो भाषाओं की दीवार ही गिरा दी.
दुनिया की सबसे बड़ी समस्या आतंकवाद पर बनी उनकी नई फिल्म 'विश्वरूपम' कमल हासन का ड्रीम प्रोजेक्ट है.
दक्षिण में तहलका मचाने के बाद अब बारी हिंदी सिनेमा की थी. 1981 में आई के बालाचंदर की फिल्म 'एक दूजे के लिए' के साथ कमल ने हिंदी फिल्मों में कदम रखा.
'एक दूजे के लिए' के बाद आई फिल्मों 'सदमा', 'ये तो कमाल हो गया' और 'जरा सी जिंदगी' ने उनकी पहचान को और पुख्ता किया. 1984 में आई मल्टीस्टारर फिल्म 'राजतिलक' और 1985 में आई 'सागर' ने उन्हें हिंदी सिनेमा में भी स्टार का दर्जा दिला दिया.
फिलहाल उनकी नई मूवी 'विश्वरूपम' पर विवाद चल रहा है. इस फिल्म को तमिलनाडु सरकार ने रिलीज नहीं होने दिया था. इस पर कमल हासन ने देश छोड़ देने तक की धमकी दे दी. हालांकि बॉलीवुड उनके साथ खड़ा है. फिल्म निर्देशक करण जौहर ने कहा कि उनकी बेहतरीन फिल्म को राजनीतिक का मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए.
कमल अब ऐसी फिल्में बनाने का फैसला कर चुके थे, जिनका असर पूरे देश पर हो. इस कड़ी में 1996 में आई उनकी फिल्म 'इंडियन' और साल 2000 में आई 'हे राम' ने भारतीय दर्शकों पर गहरा प्रभाव छोड़ा.
बॉलीवुड के दबंग स्टार सलमान खान ने भी कहा कि वे कमल हासन के साथ हैं. उन्होंने अपने फैन्स से कमल हासन को सपोर्ट करने को कहा.
फिल्मफेयर पा लेने के बाद एक के बाद एक हिट फिल्मों ने उन्हें तमिल सिनेमा
का सुपरस्टार बना दिया. साल 1982 तक कमल हासन ने कई और फिल्मफेयर और नेशनल
अवॉर्ड अपने नाम किए. 2008 में उनकी फिल्म 'दशावतारम' ने दुनियाभर में 250 करोड़ से ज्यादा का कारोबार किया.
तमिडनाडु की मुख्यमंत्री ने कहा है कि हिंसा भड़कने के डर से इस फिल्म पर बैन लगाया गया है. हालांकि उनके विरोधी इसे राजनीतिक हमला बता रहे हैं. विश्वरूपम अब 'विवादरूपम' बन गई है.