FIR में चंद्रमुखी चौटाला का रोल प्ले कर पॉपुलर हुईं एक्ट्रेस कविता कौशिक अपना 39वां जन्मदिन मना रही हैं. कविता का जन्म 15 फरवरी, 1981 को काशीपुर में हुआ था. एक्ट्रेस का नाम जुबां पर आते ही एक ऐसी पुलिसवाली की इमेज दिमाग में आती है जो गुस्सैल है, कड़क है, बेबाक है और बेझिझक है.
इस सीरियल में अपने काम से कविता ने मास ऑडिएंस को प्रभावित किया. शायद ही कोई दूसरी फिल्म या टीवी एक्ट्रेस ऐसी होगी जिसने इतने शानदार तरीके से महिला पुलिस का रोल प्ले किया हो.
कविता कौशिक प्रोफेशनल फ्रंट से ज्यादा इन दिनों अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में रहती हैं. एक्ट्रेस सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं और इंस्टाग्राम पर अपनी तस्वीरें डाला करती हैं.
कविता कौशिक की बोल्ड तस्वीरें अक्सर सोशल मीडिया पर चर्चा में रहती हैं. कभी एक्सरसाइज करते, कभी योग करते तो कभी यूंही पोज देते, कविता की बोल्ड तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल होती हैं.
साल 2017 में कविता ने रोनित विश्वास संग शादी रचाई थी. मैरिड लाइफ एंजॉय कर रहीं एक्ट्रेस ने पिछले साल हिंदुस्तान टाइम्स को दिए गए इंटरव्यू में बताया था कि वे शादी तो कर चुकी हैं मगर कभी मां नहीं बनेंगी. कविता ने इसकी वजह भी बताई थी.
कविता कौशिक ने कहा था कि कभी मां नहीं बनने का फैसला उन्होंने अपने पति रोनित बिस्वास के साथ मिलकर लिया है. कविता ने बताया, "मैं बच्चे के साथ अन्नाय नहीं करना चाहती. यदि मैं 40 की उम्र में मां बनती हूं तो जब तक मेरा बेटा 20 का होगा हम बुढ़ापे की दहलीज छू रहे होंगे. मैं नहीं चाहती कि महज 20 साल की उम्र में मेरा बच्चा अपने बूढ़े मां-बाप की जिम्मेदारियां उठाने लगे."
कविता ने कहा, "हम दुनिया को शांत और हल्का रखना चाहते हैं और नहीं चाहते कि हम पहले से भीड़ से भर चुकी दुनिया में उसे बड़ा करें और मुंबई में धक्के खाने के लिए छोड़ दें.
पति के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि- रोनित ने अपने मां-बाप को उस वक्त खो दिया था जब वह बहुत छोटा था, मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ. इकलौती बेटी होने के नाते मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ी अपने परिवार की रोजी रोटी कमाने और उन्हें सपोर्ट करने के लिए."
कविता ने कहा, "हम जिदंगी को बच्चों की तरह एन्जॉय कर रहे हैं. सफर तय कर रहे हैं और कपल गोल्स पूरे कर रहे हैं. कई बार मैं उसके साथ एक बाप जैसा बर्ताव करती हूं और वो मेरे साथ किसी मां जैसा बर्ताव करता है.
हम उन खाली जगहों को भरते हैं जो हमारी जिंदगियों में रह गई थीं, इसलिए हमें बच्चा पैदा करने की कमी महसूस नहीं होती है. हमने अपने पिता द्वारा बढ़ाए गए परिवार की जिम्मेदारियां उठाई हुई हैं जो राजस्थान के एक गांव में रहते हैं. हम जितना संभव हो पाता है उनकी मदद करते हैं."