बॉलीवुड के मशहूर फिल्म निर्माता-निर्देशक यश चोपड़ा आज जन्मे थे. आज वह हमारे बीच भले ही नहीं हैं लेकिन हिंदी सिनेमा में उनकी निर्देशित रोमांटिक फिल्में अमर रहेंगी. इन फिल्मों के माध्यम से वे आज भी हमारे बीच जिंदा हैं. सिनेमा की दुनिया में उन्होंने लंबी पारी खेली. वैसे तो उन्होंने हर तरह की फिल्में बनाईं लेकिन रोमांटिक फिल्मों के मामले में उनसे बड़ा कोई सानी नहीं हुआ. वह रोमांस को पर्दे पर संजीगदी और शालीनता के साथ दर्शाते थे.
यश चोपड़ा की शख्सियत का ही कमाल था जो अमिताभ-रेखा-जया बच्चन को एकसाथ फिल्म में लाए. शायद ही यश चोपड़ा के अलावा इसे कोई और कर पाता.
यश चोपड़ा ने अमिताभ-रेखा के प्यार और जया-अमिताभ के रिश्ते में उलझन को दर्शकों तक पहुंचाया. बता दें, फिल्म सिलसिला सिर्फ एक फिल्म नहीं थी, बल्कि असल जिंदगी में दो प्यार करने वालों के बिछुड़न की कहानी थी.
अमिताभ-रेखा-जया को फिल्म सिलसिला में एकसाथ लाने के लिए उन्हें बहुत पापड़ भी बेलने पड़े. वह पर्दे पर एक एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को दर्शाना चाहते थे. रिश्तों के कशमकश में फंसे लव ट्राएंगल में वह अमिताभ-रेखा को कास्ट करना चाहते थे. लेकिन उन दिनों अमिताभ को लेकर जया और रेखा में कोल्ड वॉर चल रही थी. रेखा के साथ अमिताभ के अफेयर का पता लगने के बाद जया बहुत डिस्टर्ब रहती थीं. जया को अपना घर टूटता हुआ नजर आ रहा था. उन्होंने अमिताभ को सख्त हिदायत दी कि वह रेखा के साथ कोई फिल्म नहीं करेंगे.
रेखा और अमिताभ की हामी लेना मुश्किल नहीं था, लेकिन जया को मनाना बहुत पेचीदा था. अमिताभ ने यश चोपड़ा को कहा कि जब तक जया मुझे रेखा के साथ काम करने की इजाजत नहीं देगी तब तक मैं इस फिल्म को नहीं करूंगा. इसके लिए यश चोपड़ा ने 2 घण्टे तक जया के साथ बातचीत की, जिसका नतीजा यह हुआ कि उन्होंने फिल्म में काम करने के लिए हां तो कहा लेकिन एक शर्त पर कि इसमें वह भी काम करेंगी.
जिसके बाद इस ऐतिहासिक फिल्म में इन तीनों दिग्गज कलाकारों को फिल्माया गया. यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट तो नहीं हुई. लेकिन इसके बाद अमिताभ, जया और रेखा को कभी भी एक दूसरे के साथ नहीं देखा गया. इसी के साथ अमिताभ-रेखा की लव स्टोरी अधूरी प्रेम कहानियों में शामिल हो गई.
अमिताभ बच्चन और जया की शादी साल 1973 में हुई थी, इसके 8 साल बाद फिल्म 'सिलसिला' आई थी. इस फिल्म के बाद अमिताभ-रेखा कभी साथ नहीं दिखे.
लंबे फिल्मी करियर में यश चोपड़ा को कई पुरस्कार मिले, जिनमें छह राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और ग्यारह फिल्म फेयर अवार्ड्स शामिल हैं. उनकी आखिरी फिल्म 'जब तक है जान' थी. जिसमें शाहरुख खान, कटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा ने काम किया था.
यश चोपड़ा ने अपनी फिल्मों के जरिए हिंदी सिनेमा को कई स्टार दिए. अमिताभ बच्चन को सुपरस्टार बनाने में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है. अमिताभ और यश चोपड़ा ने साथ में कई बेहतरीन फिल्में की. उन्होंने जहां दीवार से बिग बी को एंग्री यंगमैन की छवि दी तो वही कभी-कभी से रोमांटिक हीरो के रुप में उभारा.
यश चोपड़ा ने DDLJ, चांदनी, वीर जारा, जब तक है जान, सिलसिला, कभी-कभी, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, दिल तो पागल है जैसी सुपरहिट फिल्में बनाईं. रोमांस को गहराई से समझने की उनकी कला को बॉलीवुड आज भी याद करता है.