बी आर चोपड़ा की महाभारत में वैसे तो कई यादगार सीन देखने को मिले हैं जिन्हें देख किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएं. लेकिन आज भी महाभारत का सबसे प्रभावी सीन है वो जब भीष्म पितामह की मृत्यु शैया तैयार की जाती है वो भी बाणों के जरिए.
महाभारत में अर्जुन ने भीष्म पितामह पर बाणों की वर्षा की थी. उन्होंने उनकी बाणों की शय्या तैयारी की थी. लेकिन जिस सीन को देखने में आपको इतना दर्द होता है, असल में मुकेश खन्ना को कोई चोट तक नहीं आई थी.
उस सीन के बारे में मुकेश खन्ना ने विस्तार से बताया है. सीन शूट करने में पूरा दिन निकल गया. तारीफ़ करनी होगी दिवंगत रवि चोपड़ा और उनकी टीम की.हर एक बाण मुझ पर तार द्वारा छोड़ा गया.हर एक को मैंने पकड़ा, लगने का रिऐक्शन दिया.आगे आधा, पीछे आधा बाण मेरे ड्रेस के नीचे पहने जिरह बख़्तर पर स्क्रू किया गया.फिर दिन भर बाण चलते रहे, चलते रहे.
वैसे जो बात मुकेश खन्ना बता रहे हैं, ऐसा ही कुछ रवि चोपड़ा ने भी एक इंटरव्यू में बताया था. उन्होंने कहा था- जाहिर है कि हम तीर तो आर-पार कर नहीं सकते थे तो हमने प्लेटें बनाईं. आधी प्लेटों पर हमने तीरों का निचला हिस्सा लगा दिया और उनको (मुकेश खन्ना) उसके ऊपर लिटा दिया. उनके कपड़ों के नीचे हम दूसरी प्लेट डाल देते थे जिसमें तीर लगाने की जगह होती थी.
रवि चोपड़ा ने ये भी बताया था कि इस सीन को शूट करने में लंबा टाइम लगा था. इस सीन के लिए इतनी मेहनत की गई थी जिससे हर तीर, और वो बाणों की शैया एक दम वास्तविक लगे. बताया ये भी गया है कि इस सीन को शूट करने के दौरान मुकेश खन्ना कभी भी चोटिल नहीं हुए.
बता दें कि महाभारत में मुकेश खन्ना को बतौर भीष्म काफी पसंद किया गया था. उनकी डायलॉग डिलीवरी से लेकर उनके हाव-भाव तक, मुकेश खन्ना ने भीष्म को छोटे पर्दे पर जीवित कर दिया था. उस किरदार के लिए उनकी आज भी काफी तारीफ की जाती है.