हमेशा से अपने बेबाक बयानों के लिए जानी जाने वाली कंगना रनोट का यह रूप हमें इंडिया टुडे माइंड रॉक्स में भी देखने को मिला. फेमिनिजिम से
लेकर जेंडर इक्वेलिटी पर बात करने वाली कंगना ने अपनी बातों से सबका दिल चुरा लिया.
इंडिया टुडे माइंड रॉक्स में पहुंची कंगना ने 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' का अपना फेमस डायलॉग, 'शर्माजी जब कहीं जाना नहीं तो बस के धक्के क्यों खाने'
कहकर वहां मौजूद दर्शकों का दिन बना दिया.
कंगना ने कहा, जेंडर इक्वेलिटी से होमोसेक्सुएलिटी पर बहस छिड़ जाती है.
कंगना का मानना है कि यदि आप आपसी सहमति से रिलेशनशिप में हैं तो आपको शर्मिंदगी महसूस नहीं होनी चाहिए.
कंगना कहती हैं, फेमिनिज्म का मतलब जेंडर इक्वेलिटी नहीं होता. इसके मायने उनके सम्मान से है ना कि उन्हे समान समझने से.
छात्रों को सावधान करते हुए कंगना ने कहा कि सोच-समझ कर सारे काम करने चाहिए. किसी जाल में नहीं फंसना चाहिए और अपने सामने आई हर
चुनौती के लिए खुद का एक सपोर्ट सिस्टम तैयार करना चाहिए जैसा कि मैंने किया. इसका उदाहरण देते हुए कंगना ने कहा कि उन्होंने महज 17 साल की
उम्र में अपने साथ हो रहे मानसिक और शारिरिक अनयाय के खिलाफ आवाज उठाई. अकेले होते हुए भी मैंने महज 17 साल की उम्र एफआईआर दर्ज
करवाई थी.
कंगना ने फेमिनिज्म पर जोर देते हुए कहा कि फेमिनिज्म का मतलब अधिकारों के लिए लड़ना नहीं होता.
दिल टूट जाने पर खुद को जिस कविता के जरिए कंगना संभालती आईं हैं उन्होंने उस कविता को स्टूडेंट्स के साथ भी शेयर किया.
कंगना मानती हैं कि प्यार में सिर्फ एक भाषा का ही प्रयोग होना चाहिए और वो भाषा होती है कविता की.
कंगना ने अमिताभ बच्चन की फिल्म 'पिंक' का जिक्र करते हुए कहा कि यह फिल्म महिलाओं के प्राइड को सेलिब्रेट करती है. मैं इस फिल्म के लिए
शूजीत सरकार और अमिताभ बच्चन की आभारी हूं क्योंकि सही मायनों में फेमिनिस्ट वहीं हैं जो महिलाओं के परिवेश को बदलने का मादा रखते हैं.