बॉलीवुड के मशहूर गीत ‘कहीं दूर जब दिन ढल जाए’ और ‘आवारा हूं’ जैसे गाने गाकर फिल्मी दुनिया में अपना अलग मुकाम बनाने वाले मुकेश माथुर की आज पुण्यतिथि है. मुकेश को उनके दर्द भरे नगमों के लिए जाना जाता है. उन्होंने गानों के साथ प्यार और रोमांस को नई परिभाषा दी थी. कभी पीडब्लूडी में नौकरी करने वाले मुकेश की किस्मत उन्हें मायानगरी लाना चाहती थी.
मुकेश माथुर सपनों की नई उड़ान लेकर मुंबई चल दिए थे. बता दें, मुकेश को बड़ा गीतकार बनाने में एक्टर मोतीलाल ने अहम भूमिका निभाई थी. दरअसल मुकेश ने मोतीलाल की बहन की शादी में गाना गाया था. उनका ये टैलेंट देखकर वह मुकेश को मुंबई ले आए.
मुकेश ने करियर की शुरुआत फिल्म 'निर्दोष' से की थी. जिसमें उन्होंने एक्टिंग के साथ गाने भी गाए थे. मुकेश ने फिल्म 'माशूका', 'आह', 'अनुराग' और 'दुल्हन' में भी काम किया. हिंदी सिनेमा में कभी ना भूलने वाले उनके योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा.
मुकेश ज्यादातर अपने दोस्तों के बीच कुंदन लाल सहगल के गीत गाया करते थे. उनके गाने सुनकर सभी लोग मंत्रमुग्ध हो जाते थे.
सुरीली आवाज के मालिक मुकेश के फिल्मी करियर में सबसे पहला गाना 'दिल ही बुझा हुआ हो तो' गाया था.
मुकेश बेस्ट प्लेबैक सिंगिग के लिए 1 नेशनल अवॉर्ड, 4 फिल्मफेयर अवॉर्ड और 3 बांग्ला फिल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन पुरस्कार से नवाजे गए. मुकेश फिल्मफेयर पुरस्कार पाने वाले पहले मेल सिंगर थे.
मुकेश की आवाज के दीवाने तो के.एल. सहगल भी हो गए थे. मुकेश ने अपने करियर में करीब 1300 गाने गाए थे. मुकेश 50 के दशक में शोमैन राज कपूर की आवाज बने.
मुकेश को अपनी लव स्टोरी को मुकाम तक पहुंचाने के लिए बड़े पापड़ बेलने पड़े. उन्हें गुजराती लड़की से प्यार हुआ लेकिन करियर में सेटल ना होने की वजह से शादी में मुश्किलें थी. मुंबई में मुकेश का अपना घर भी नहीं था. वह घंटों अपने प्यार के दीदार के लिए उनके घर के सामने खड़े रहते थे. लड़की के परिवार को जब पता चला तो उन्होंने दोनों के मिलने पर रोक लगाई. अंत में दोनों के प्यार की जीत हुई और उन्होंने परिवार के खिलाफ जाकर शादी कर ली.
अमेरिका में दिल का दौरा पड़ने से मुकेश का निधन हो गया था. उस दौरान मिशिगन में वह कॉन्सर्ट के लिए गए थे.