करणजीत कौर वोहराः
कोई उन्हें पसंद करे या नापंसद, लेकिन कोई भी उन्हें नजरअंदाज नहीं कर सकता. उन्होंने 2011 में भारतीय सरजमीं पर कदम रखे और उसी दिन से वे सुर्खियों में छाईं हुई हैं. करणजीत कौर वोहरा उर्फ सनी लियोनी अपने सफर को एसोसिएट कॉपी एडिटर नरेंद्र सैनी के साथ साझा कर रही हैं. पेश है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश:
लोग आपको इंटरनेट के जरिए काफी जानते हैं. हम आपके मुंह से करणजीत कौर वोहरा के बारे में जानना चाहते हैं?
मेरी मॉम हिमाचल प्रदेश और डैड चंडीगढ़ से थे. वे दोनों यहीं जन्मे और पले-बढ़े. इसलिए मैं सौ फीसदी देसी हूं. बेशक हम भारत में नहीं रहे और अंग्रेजी बोलते थे लेकिन उन्होंने हमारे कल्चर को हमारे जीवन का हिस्सा बनाए रखा. वे हमें हर संडे गुरुद्वारे लेकर जाते थे. दर्शन के साथ गुरबानी का भी वे हमें हिस्सा बनाते थे. मैं और मेरा भाई जानते थे कि हम कौन हैं. हम कहां से आए हैं. अपने कल्चर और जड़ों को हम जानते थे.
करियर ऑप्शन चुनने को लेकर आपके पेरेंट्स ने ऑब्जेक्शन तो किया होगा? आपने उन्हें कैसे मनाया?
मनाने की कोई बात ही नहीं है. जब आपके पेरेंट्स आपको समझते हैं तो वे आपकी चॉयसेज की भी रेस्पेक्ट करते हैं. जाहिर तौर पर मेरे पेरेंट्स की भी कुछ चिंताएं और ऑब्जेक्शंस थे, आखिर मैं उनकी बेटी हूं, उन्होंने मेरे फैसले की रेस्पेक्ट की.
एडल्ट फिल्म इंडस्ट्री में आने के लिए किस चीज ने प्रेरित किया?
मेरे जीवन में बहुत कुछ चल रहा था. मैं नर्सिंग कर रही थी, उसी दौरान मेरा वास्ता एडल्ट फिल्म इंडस्ट्री से भी पड़ा. यह मेरे लिए किसी बड़े काम की नींव की तरह था क्योंकि इस इंडस्ट्री में मुझे जो भी नाम मिला, उसी की वजह से आज मैं बॉलीवुड में हूं और बड़े सितारों के संग काम कर रही हूं. जीवन में कुछ भी बेवजह नहीं होता.
एक बेटी, बहन और पत्नी होने के नाते, आपके लिए परिवार कितने मायने रखता है?
मेरे लिए मेरा परिवार ही सब कुछ है. बदकिस्मती से पिछले पांच साल में मैं अपने मॉम-डैड, दोनों को खो चुकी हूं. वे मेरे सामने ही चले गए. पेरेंट्स दुनिया में सबसे कीमती चीज हैं. उनके साथ रहना खुशकिस्मती है. कई बार लाइफ में ऐसा भी वक्त आता है जब आप उनको हल्के में लेते हैं. उनका फोन आता है तो कहते हैं कि बिजी हैं. हम अपनी लाइफ में पूरी तरह उलझ जाते हैं लेकिन यह भूल जाते हैं कि वही हमें जीवन देने वाले हैं.
आपके बारे में माना जाता है कि आप बेहद इंडिपेंडेंट लेडी हैं?
हर किसी को अपना जीवन जीने का हक है. मैं किसी और के बारे में कुछ नहीं कह सकती, लेकिन मेरे पेरेंट्स हमेशा मुझे अपने पांव पर खड़ा होने के लिए कहते थे. वे कहते थे कि तुम्हें खुद कुछ करना है. रोजाना वे बस यही कहते थे कि तुम्हें अपने दम पर कुछ करना है. यही मेरे लिए असल आजादी थी.
भारत को एडल्ट फिल्म इंडस्ट्री को लीगलाइज कर देना चाहिए?
जो जनता चाहती है और जो सरकार का इरादा है, वही होना चाहिए. मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकती. मैं यहां ऐसा कुछ नहीं करने आई हूं. मेरा लक्ष्य एंटरटेनमेंट और फिल्में करने का है.
आप कई ब्रांड्स एंडोर्स कर रही हैं, फिल्में भी कर रही हैं, आप अपने लिए किस क्षण को टर्निंग पॉइंट मानती हैं?
मैं तो कल्पना भी नहीं कर सकती थी कि बॉलीवुड में फिल्मों में आऊंगी और इतना काम करूंगी. बिग बॉस ने भारत में मेरी एंट्री में अहम भूमिका निभाई है. लोगों ने हर पल मुझे टीवी पर देखा. उन्होंने देखा कि मैं कैसे बात करती हूं, कैसे रहती हूं, क्या सोचती हूं. मेरा नेचर कैसा है. इन्हीं बातों ने हर चीज बदल डाली. मेरे फैन्स ने बतौर एक इंसान मुझे करीब से जाना.
आइटम नंबर के बारे में क्या कहना है?
मैं इसे लेकर बहुत ही एक्साइटेड हूं. बेशक आइटम सांग के शब्दों को लेकर कई तरह की नेगेटिव बातें हुई हैं. लेकिन ये फिल्मों का अहम हिस्सा बन गए हैं. लोग इन गानों को देखना पसंद करते हैं. यह उन्हीं की डिमांड पर हैं. लैला सांग को यूट्यूब पर मिले 20 लाख हिट से उसकी लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है
आपके लिए प्यार क्या मायने रखता है?
हर किसी के जीवन में प्यार होना चाहिए. इसे अपनी प्रायरिटीज में सबसे ऊपर रखा जाना चाहिए और इसकी रेस्पेक्ट की जानी चाहिए.
भारतीय ऑडिएंस का आपको हर रोल में हाथोहाथ लेने पर कैसा लगता है?
सब ईश्वर की मेहरबानी है. सभी लोग और चाहने वाले मेरी फिल्में देख रहे हैं और गाने सुन रहे है. बहुत ही सपोर्टिव लोग हैं. यह बहुत अच्छा है. मैं कल्पना भी नहीं कर सकती थी कि मैं इस देश में आऊंगी, यूं फिल्में करूंगी और वह भी जॉन अब्राहम, तुषार और अनिल कपूर के साथ. यह तो सपने के सच होने जैसा है. थैंक यू इंडिया.
बॉलीवुड की एक बड़ी और सुपरहिट हीरोइन इतनी अच्छी हिंदी नहीं बोल पातीं, आप कैसे बोल लेती हैं?
मैं अपनी तुलना किसी और से नहीं कर सकती. लेकिन मैं बचपन से ही पंजाबी और हिंदी माहौल में रही हूं. लेकिन प्रैक्टिस नहीं थी. अब मैं सब के साथ हिंदी बोलती हूं. यही मेरी प्रैक्टिस भी है.
अगली फिल्म के बारे में?
मैं रागिनी एमएमएस की शूटिंग कर रही हूं. अभी थोड़ी-सी शूटिंग बची है. शूटआउट ऐट वडाला का प्रमोशन खत्म होने के बाद मैं बची हुई शूटिंग पूरी कर लूंगी. अभी सांग भी रह गए हैं.
शूटआउट ऐट वडाला में रोल?
सभी सोच रहे हैं कि मैंने फिल्म में सिर्फ गाना किया है लेकिन ऐसा नहीं है. यह छोटा-सा रोल है लेकिन मजेदार है. सारे के सारे गैंगस्टर किस तरह मिलते हैं, यह मेरे रोल के साथ जुड़ा हुआ है. बालाजी के साथ काम करके मुझे वाकई बेहद खुशी है, उन्होंने मुझे यह रोल ऑफर किया जो मेरे लिए बिग सरप्राइज था.
खाली समय में क्या करती हैं?
बॉलीवुड मूवीज देखती हूं. पेंटिंग करती हूं. बहुत बड़ी-बड़ी एब्स्ट्रैक्ट पेंटिंग्स. किताबें भी खूब पढ़ती हूं. इन दिनों मर्लिन मुनरो की बायोग्राफी पढ़ रही हूं. मजेदार है.
आपकी पसंदीदा हिंदी फिल्में?
दिल और ओम शांति ओम.
आप भारत में किस तरह से याद किया जाना पसंद करेंगी?
एक ऐसी इंसान जो मेहनती थी और जिसने अच्छी फिल्में कीं.