दुनिया की नंबर दो और भारत की शीर्ष महिला बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल को ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाएगा.
20 वर्षीय सायना को 29 अगस्त को खेल दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में ‘खेल रत्न’ से नवाजा जाएगा.
खेल रत्न मिलने के बारे में सायना ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं. मेरे लिए यह चौंकाने वाली खबर है.
हैदराबाद की सायना ने हाल ही में लगातार तीन हफ्तों में इंडियन ओपन ग्रां प्री, सिंगापुर ओपन सुपर सीरीज और इंडोनेशियन ओपन सुपर सीरीज के खिताब जीते थे.
जिसकी बदौलत वह विश्व रैंकिंग में छठे से तीसरे और फिर तीसरे से दूसरे स्थान पर पहुंच गईं.
खिताबी जीत के बाद अपने परिवार के साथ सायना नेहवाल.
सायना को बीते वर्ष अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया था. इसके अलावा इस वर्ष की शुरुआत में उन्हे देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से नवाजा गया था.
बैडमिंटन के सुपर सीरीज टूर्नामेंटों को टेनिस के ग्रैंड स्लेम टूर्नामेंट के समकक्ष माना जाता है.
सायना ने गत वर्ष 21 जून को इंडोनेशिया ओपन में अपने से कहीं ऊंची वरीयता प्राप्त चीन की वांग लिन को हराकर यह खिताब जीता था. वह यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय बनी थी.
सायना ने गत वर्ष और इस वर्ष ऐसी कामयाबियां हासिल की हैं जो भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में पहले कभी नहीं सुनी गई थीं
जब पुलेला गोपीचंद ने 2004 में गोपीचंद बैडमिंटन एकेडमी शुरू की तब नेहवाल के पिता ने अपनी बेटी को पूर्व इंग्लैंड चैंपियन की निगरानी में डालने में वक्त नहीं गंवाया.
सायना पर गोपीचंद ने तभी ध्यान दिया था जब वह आरिफ की निगरानी में प्रशिक्षण हासिल कर रही थीं.
वह खेल से जुड़ी सभी योजना में माता-पिता समेत सभी बाहरी हस्तक्षेप से बचती हैं.
मानसिक शक्ति को मजबूत बनाने के लिए सायना एकेडमी में सप्ताह में कम से कम दो बार योग, ध्यान और एयरोबिक्स करती हैं.
सायना के कैरियर में मोड़ तब आया जब 2008 के बीजिंग ओलंपिक में अंतिम आठ खिलाड़ियों में शुमार हुईं.
इस खिलाड़ी की नजरें अब नंबर वन बनने पर टिकीं हैं. लेकिन विश्व चैंपियन बनाना बहुत मुश्किल काम है.
सायना ने गत वर्ष और इस वर्ष ऐसी कामयाबियां हासिल की हैं जो भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में पहले कभी नहीं सुनी गई थीं.
लगातार बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली सायना देश का सर्वोच्च खेल सम्मान पाने वाली दूसरी बैडमिंटन खिलाड़ी है.
सायना की सफलता का राज उनका रोजाना आठ घंटे अभ्यास करना है.
वह फेफड़ों की ताकत के लिए सप्ताह में कम से कम दो बार तैराकी करती हैं. इससे उन्हें देर तक खेलने और थके बिना थकाऊ मैच खेलने में मदद मिलती है.
वे पूरे शरीर की कसरत के लिए दिन में करीब दो घंटे तक वेट ट्रेनिंग की 23 कसरत करती हैं.
सायना ताकत, लचीलापन और क्षमता- के लिए 10 से 70 मिनट तक ट्रेडमिल पर दौड़ती हैं.
सायना अपने सभी टूनार्मेंट के बाद एकेडमी में अपने खेल का वीडियो विश्लेषण करती हैं.
सायना रविवार को घर पर आराम करती हैं और थोड़ी देर टेलीविजन देखती हैं.
कोच और संरक्षक के रूप में गोपीचंद ही उनकी कसरत और खेल की रणनीतियों से जुड़े सारे फैसले करते हैं.