विवादों से घिरी दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति ने राहत की सांस ली जब 71 देशों से आने वाले 10000 खिलाड़ियों और अधिकारियों के लिये अक्षरधाम मंदिर के पास बने खेलगांव को मीडिया ने पहली बार देखा और सराहा भी.
राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी ने इस खेलगांव का साफ्ट लांच किया.
कलमाड़ी ने संवाददाताओं से कहा, ‘खेलगांव के तीनों क्षेत्र रिहायशी जोन, अभ्यास जोन और अंतरराष्ट्रीय जोन पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं.’
कलमाड़ी ने कहा कि इनका यहां टेस्ट भी किया गया जिस पर ये खरे उतरे
कलमाड़ी ने बताया कि खेलगांव का औपचारिक उद्घाटन 23 सितंबर को होगा और इसी दिन से विदेशी टीमें यहां आना शुरू हो जायेंगी.
कलमाड़ी ने कहा कि आज भी चार देशों के प्रतिनिधियों (स्काटलैंड, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड) ने यहां आकर अपने देशों के खाने का स्वाद चखा और तारीफ की.
खेलगांव में खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक में भाग लेकर आये कलमाड़ी ने कहा कि खिलाड़ियों की सुरक्षा हमारी सर्वोपरि प्राथमिकता है.
कलमाड़ी ने कहा कि इस काम में उपराज्यपाल और दिल्ली पुलिस ने काबिले तारीफ काम किया है.
कलमाड़ी ने कहा, ‘खिलाड़ियों की सुरक्षा सबसे अहम है.’
कलमाड़ी ने कहा कि दिल्ली पुलिस और उपराज्यपाल ने इस दिशा में बहुत अच्छा काम किया है.
करीब 158 एकड़ में फैले और 23 करोड़ डालर की लागत से बने खेलगांव में 14 ब्लॉक, 34 टावर और 1,168 वातानुकूलित फ्लैट हैं.
शेरा ने भी लिया खेलगांव का जायजा.
रिहायशी परिसर के अलावा खेलगांव में एथलेटिक्स, तैराकी, भारोत्तोलन और कुश्ती के वातानुकूलित अभ्यास स्थलों के अलावा फिटनेस सेंटर भी है.
खेलगांव में खाने का बेतरीन इंतजाम किया गया है.
खेलगांव में रोज परोसे जायेंगे 150 से अधिक व्यंजन, ढाई सौ से अधिक शेफ जुटे
राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान दुनिया के विभिन्न हिस्सों से दिल्ली आने वाले खिलाड़ियों और अधिकारियों को खेलगांव में रोजाना 150 से अधिक व्यंजन परोसे जायेंगे जिसमें विभिन्न किस्म के पास्ता, पिज्जा, बर्गर, भारतीय दस्तरखान की दावतें और अफ्रीका के मशहूर व्यंजन शामिल हैं.
खेलगांव के लांच के मौके पर किचन और फूड प्रोडक्शन प्रभारी और 2006 के मेलबर्न राष्ट्रमंडल खेलों में भी अपनी सेवायें दे चुके वाल्टर ने बताया, ‘मेनू तैयार हो चुका है. हम रोज करीब 40000 लोगों को दिन में चार बार खाना परोसेंगे.’
तीन से 14 अक्तूबर तक होने वाले खेलों के लिये रसोई को पश्चिमी, एशियाई, भारतीय, अफ्रीकी, शाकाहारी, सलाद और फल तथा पिज्जा और पास्ता जैसे अलग अलग वर्गों में बांटा गया है.
यह पूछने पर कि गौमांस परोसने की मनाही होने से उसका क्या विकल्प होगा, जर्मन मूल के इस आस्ट्रेलियाई शेफ ने कहा, ‘हम भैस के मांस के कुछ व्यंजन परोसेंगे. गौमांस बिल्कुल इस्तेमाल नहीं होगा.’
विदेश से पानी के आयात की खबरों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि सिर्फ कुछ मसाले और फल आयात किये जा रहे हैं. मसलन कीवी, पीनट बटर और कुछ खास किस्म के मसाले बाहर से मंगवाये गए हैं.
कैटरिंग सलाहकार अजय ग्रोवर ने बताया कि एक बार में करीब 2300 लोगों को खाना परोसा जायेगा और किचन चौबीसों घंटे खुली रहेगी.
कलमाड़ी ने कहा, ‘खेलगांव में रोजाना शाम को विदेशी मेहमानों के लिये सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जायेगा.
ऐसा पहली बार होगा जब उद्घाटन समारोह में मार्चपास्ट में भाग लेने वाले खिलाड़ी बाद में स्टेडियम में बैठकर भारत की 5000 साल पुरानी ऐतिहासिक विरासत की बानगी देख सकेंगे.
खेलगांव में एक्वाटिक स्पर्धाओं के लिये दो तरणताल बनाये गए हैं. इसके अलावा अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त फिटनेस सेंटर भी बनाया गया है.
केन्द्र सरकार राष्ट्रमंडल खेलों की सुरक्षा संबंधी तैयारियों की अंतिम समीक्षा संभवत: 21 सितंबर को करेगी.
रोजाना करीब सात टन मीट, 18 टन चावल, 600 से 1400 किलो प्याज और इससे कुछ अधिक आलू की जरूरत होगी.
रिहायशी परिसर के अलावा खेलगांव में एथलेटिक्स, तैराकी, भारोत्तोलन और कुश्ती के वातानुकूलित अभ्यास स्थलों के अलावा फिटनेस सेंटर भी है.
खेलगांव में दिल्ली के उपराज्यपाल.
रोज करीब 40,000 लोगों को दिन में चार बार खाना परोसा जायगा, जिसमें नाश्ता, लंच, डिनर और सपर शामिल है.
सभी भागीदार देशों के खान पान को ध्यान में रखकर मेनू तैयार किया गया है.
रोजाना 150 से अधिक व्यंजन परोसे जायेंगे और रोज मेनू में बदलाव होगा.
रोज करीब 40000 लोगों को दिन में चार बार खाना परोसा जायगा जिसमें नाश्ता, लंच, डिनर और सपर शामिल है.
खेलगांव के लांच के मौके पर किचन और फूड प्रोडक्शन प्रभारी और 2006 के मेलबर्न राष्ट्रमंडल खेलों में भी अपनी सेवायें दे चुके वाल्टर ने बताया, ‘मेनू तैयार हो चुका है.’
260 शेफ्स की टीम लगातार काम कर रही है
राष्ट्रमंडल खेलों की सुरक्षा संबंधी तैयारियों की अंतिम समीक्षा संभवत: 21 सितंबर को की जाएगी.
खेलगांव में एक्वाटिक स्पर्धाओं के लिये दो तरणताल बनाये गए हैं.
कलमाड़ी ने कहा, ‘खेलगांव में रोजाना शाम को विदेशी मेहमानों के लिये सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जायेगा.
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है खेलगांव का फिटनेस सेंटर.
ऐसा पहली बार होगा जब उद्घाटन समारोह में मार्चपास्ट में भाग लेने वाले खिलाड़ी बाद में स्टेडियम में बैठकर भारत की 5000 साल पुरानी ऐतिहासिक विरासत की बानगी देख सकेंगे.
मेनू के बारे में ताज सेट्स एयर कैटरिंग के शेफ अरूण गोवलानी ने बताया कि पोषण को ध्यान में रखकर ही इसे तैयार किया गया है.
रिहायशी परिसर के अलावा खेलगांव में एथलेटिक्स, तैराकी, भारोत्तोलन और कुश्ती के वातानुकूलित अभ्यास स्थल भी हैं.
अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त फिटनेस सेंटर भी बनाया गया है.
खेलगांव में खाने का बेतरीन इंतजाम किया गया है.
खेलगांव के अंदर का एक दृष्य.
राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति के अध्यक्ष हैं सुरेश कलमाड़ी.
खेलगांव के अंदर स्वीमिंग पूल.
खेलगांव में स्वीमिंग पूल की सफाई अभी बाकी है.
स्वीमिंग पूल में हैं मच्छर.
खेलगांव में भारतीय खाने की है भरमार.
खेलगांव में खाने का लुत्फ लेते लोग.
काफी सुंदर बना है खेलगांव.
कैटरिंग सलाहकार अजय ग्रोवर ने बताया कि एक बार में करीब 2300 लोगों को खाना परोसा जायेगा और किचन चौबीसों घंटे खुली रहेगी.
रोजाना करीब सात टन मीट, 18 टन चावल, 600 से 1400 किलो प्याज और इससे कुछ अधिक आलू की जरूरत होगी.
किचन में स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा है और हर क्षेत्र के टेस्ट का भी.
260 शेफ्स की टीम लगातार काम कर रही है जिसमें जर्मन और आस्ट्रेलियाई खानसामे शामिल हैं.
अभी तक आलोचना से घिरी आयोजन समिति को इस बेहतरीन खेलगांव के निर्माण का कितना श्रेय जाता है, यह पूछने पर कलमाड़ी ने कहा कि आयोजन समिति अकेले श्रेय लेना नहीं चाहती. कलमाड़ी ने कहा, ‘टीम इंडिया ने मिलकर काम किया है.’ कलमाड़ी ने कहा कि टीम इंडिया में सरकार, दिल्ली सरकार और विभिन्न एजेंसियां आती है. सभी को मिलकर इसका श्रेय देना चाहिये. कलमाड़ी ने यह भी बताया कि सभी 71 देशों के अभियान प्रमुख और अन्य अधिकारी यहां एक बैठक के लिये आये थे और सभी तैयारियों से संतुष्ट होकर गए हैं.