गुजारिश एक अद्भुत प्रेमकहानी है, जिसे इथेन (ऋतिक रोशन) और सोफिया (ऐश्वर्या राय) ने साकार किया है.
गुजारिश में मनोभावनाओं के साथ एक विचार है कि क्या पीडि़त व्यक्ति को इच्छा मृत्यु का अधिकार मिलना चाहिए?
संजय लीला भंसाली इरादतन अपनी फिल्मों को काल और समय से परे रखते हैं.
फिल्म में फोन देखकर सातवें-आठवें दशक का एहसास होता है, लेकिन रेडियो जिदंगी जैसा एफएम रेडियो और सैटेलाइट न्यूज चैनल हैं.
फिल्म की कहानी आजाद भारत की है, क्योंकि संविधान की बातें चल रही हैं. पीरियड कौन सा है? बता पाना मुश्किल होगा.
यह संजय लीला भंसाली की अनोखी रंगीन सपनीली दुनिया है, जिसका वास्तविक जगत से कोई खास रिश्ता नहीं है.
फिल्म ऐसा बांधती है कि हम अपलक पर्दे पर चल रही घटनाओं को देखते रहते हैं.
पहले फ्रेम से आखिरी फ्रेम तक फिल्म 'गुजारिश' किसी जादू की तरह जारी रहता है.