इंडिया टुडे माइंड रॉक्स समिट-2013 में अपने पहले गाने की कहानी बताने मंच पर आईं मशहूर रैपर और सिंगर हार्ड कौर.
तरण कौर ढिल्लों यूं ही हार्ड कौर नहीं बन गईं. इसकी स्टोरी शेयर करते हुए उन्होंने बताया, जब मैंने गाना शुरू किया था तो यूके में इंडस्ट्री मेल डॉमिनेटिंग थी. मेरा जज्बा देखकर दादी मां कहती थीं कि तेरा नाम तरण कौर नहीं, हार्ड कौर होना चाहिए. तब से मैं हार्ड कौर हो गईं.
12 साल लगे यह तय करने में कि सिंगर बनना है. उसमें भी रैपर बनना है. तब लड़के भी रैप नहीं करते थे. मां ने पूछा, आर यू श्योर, तुझे डॉक्टर नहीं बनना है? तब लगा कि फर्स्ट इंडियन फीमेल रैपर बनूंगी. मैं इंडिया से यूके गई थी. वहां के लोगों को लगता था कि छी इंडिया से आई है, वहां के लोगों को कुछ नहीं पता. इसी जुनून में सब शुरू हुआ.
पहले कुछ को लगता था कि क्या ये साड्डी कुड़ी क्या कर रही है. 12 साल मैंने हार्ड कोर हिप हॉप किया, रैप किया. फिर बाहर के लोगों को समझ में आय़ा कि ये कर सकती है. इंडिया की लड़की कर सकती है.
हिप हॉप करती थी. मम्मा बोले कि इंडियन लोगों के लिए भी कुछ बना दे. आंटी बोलती थीं कि ये करती क्या रहती है. तो मैंने सोचा कि कुछ ऐसा गाना बनाती हूं कि सबके सिर पर जाकर लगे.