विद्या बालन स्टारर फिल्म शकुंतला देवी ह्यूमन कंप्यूटर 31 जुलाई को रिलीज हो रही है. फिल्म की कहानी राइटर और मैथ्स की जीनियस शकुंतला देवी की जिंदगी की आधारित है. इस बायोपिक फिल्म का ट्रेलर रिलीज हो चुका है और इसे सोशल मीडिया पर काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. लेकिन देखना होगा कि फिल्म जब अमेजन प्राइम पर रिलीज होती है तो इस पर दर्शकों की क्या प्रतिक्रिया रहती है.
फिल्म की रिलीज से पहले हम आपको शकुंतला देवी की जिंदगी से जुड़े कुछ ऐसे दिलचस्प तथ्य बताने जा रहे हैं जो आपको शायद ही मालूम हों. क्या आप जानते हैं कि शकुंतला देवी ने होमोसेक्शुएलिटी पर एक किताब लिखी थी जिसकी वजह कोई और नहीं बल्कि उनके पति थे.
चलिए शकुंतला की पूरी दास्तां आपको शुरू से सुनाते हैं. शकुंतला देवी के
पापा सर्कस में ट्रैपीज आर्टिस्ट का काम करते थे. एक बार जब वो शकुंतला को
कार्ड ट्रिक सिखा रहे थे, तब उन्हें अहसास हुआ कि बच्ची नंबर्स काफी तेजी
से याद कर लेती है.
तस्वीर में शकुंतला देवी
ये तब की बात है जब शकुंतला महज 3 साल की थीं. उनके पापा ने सर्कस वाली नौकरी छोड़ी और अपनी बच्ची के कैल्कुलेशन का रोड शो करने लगे. छह साल में शकुंतला ने कॉलेज लेवल के मैथ्स प्रॉब्लम सॉल्व करना शुरू कर दिया था.
1944 में 16 साल की उम्र में शकुंतला अपने पापा के साथ लंदन चली गईं. इसके बाद दुनियाभर में उन्होंने कई शोज किए. वो बड़े से बड़े नंबर वाले सवालों के जवाब सेकंडों में बता देती थीं. वो भी सिर्फ दिमाग में कैल्कुलेट कर के.
ऐसे ही एक करतब के लिए 1982 में उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया. इसके अलावा उन्होंने कई नॉवल्स, नंबर्स वाली किताबें और कुक बुक (खाना बनाने से जुड़ी किताब) भी लिखी हैं. लेकिन नंबर्स के अलावा उन्हें जिस चीज के लिए जाना जाता है, वो है होमोसेक्शुएलिटी पर लिखी किताब की वजह से. शकुंतला के लिए इस किताब को लिखने की वजह बहुत पर्सनल थी.
1944 में विदेश जाने के बाद वो 1960 के दशक में वापस इंडिया आईं. यहां उनकी
शादी हुई परितोष बैनर्जी नाम के एक शख्स से. लेकिन काफी साल तक साथ रहने
के बाद दोनों अलग हो गए. शकुंतला के पति होमोसेक्शुअल थे. इसलिए इस चीज को और करीब से जानने के लिए शकुंतला देवी ने 1977 में ‘वर्ल्ड
ऑफ होमोसेक्शुल्स’ नाम की एक किताब लिखी.
(Shakuntala Devi & Paritosh Banerji)
इसमें कुछ होमोसेक्शुअल कपल्स के
इंटरव्यू थे, लोगों की राय थी और उस दौर में ही इसे क्राइम की सूची से
निकालने की बात थी. इसे इंडिया में होमोसेक्शुएलिटी पर बात करने वाली पहली
स्टडी माना गया. क्योंकि तब के समय में इंडिया में गे रिलेशन को घोर टैबू
माना जाता था.
शकुंतला देवी ने और भी कई बड़े काम अपने जीवन में किए. उन्होंने भारत की महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था.
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