महाराष्ट्र में शिवसेना के हवाले सोशल मीडिया पर मोदी सरकार के दो साल निशाना साधा गया है. एक पोस्टर में तंज कसते हुए कहा गया है कि यूनिवर्सिटी में अब पढ़ाई नहीं पिटाई होती है और देश वाकई में बदल गया है.
देश में किसानों की आत्महत्या के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा गया है कि चुनाव के पहले किसानों के लिए किए वादों को मोदी सरकार ने पूरा नहीं किया, जिसकी वजह से किसान फांसी लगाने को मजबूर हो रहे हैं.
2015 में महिलाओं पर हो रहे जुर्म के आंकड़ें पेश कर और बीजेपी सांसद साक्षी महाराज की तस्वीर दिखा सवाल किया है कि ऐसे लोगों के रहते महिला सुरक्षा की कितनी उम्मीद की जा सकती है.
पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर निशाना साधते हुए कहा गया है कि सूट-बूट की सरकार में लूट मची हुई है.
पोस्टर में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में पेश सरकारी आंकड़ों को गलत बताया गया है.
यूपीए के समय की योजनाओं के नाम बदलने पर तंज कसते हुए सलाह दी गई है कि सरकार नाम नहीं, अपनी नीयत बदले.
स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश के स्कूलों में शौचालयों के निर्माण को भी साल 2013 की अपेक्षा 2015 में कम दर्शाया गया है. हालांकि, शिवेसेना के पीआर हेड ने कहा कि ये तस्वीरें पार्टी द्वारा जारी नहीं की गई हैं.