बॉलीवुड की कई फिल्मों में तमाम तरह के किरदार निभाने वाले सीताराम पांचाल अब हमारे बीच नहीं रहे. वह चार साल से कैंसर से जूझ रहे थे.
फेफड़ों और किडनी में कैंसर की वजह से सीताराम की हालत अंतिम दिनों में काफी खराब हो गई थी. ये उनकी आखिरी तस्वीर है जो कुछ ही दिन पहले उनके बेटे ने फेसबुक पर अपने पेरेंट्स को एनिवर्सरी विश करते हुए शेयर की थी. इस फोटो में बेशक सीताराम पहचान में नहीं आ रहे हैं.
सीताराम पांचाल ने स्लमडॉग मिलेनियर, द लीजेंड ऑफ भगत सिंह, जॉली एलएलबी, सारे जहां से महंगा, हल्ला बोल, बैंडिट क्वीन जैसी फिल्में भी की हैं.
2017 में वह अक्षय कुमार की जॉली एलएलबी 2 में एक छोटी भूमिका में नजर आए थे.
अंतिम दिनों में सीताराम को भारी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है.
इस वजह से उन्होंने महंगा इलाज छोड़कर आयुर्वेद से अपना उपचार कराने की कोशिश की थी.
कुछ समय पहले उनका एक फेसबुक पोस्ट भी वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने खुद लोगों से मदद की गुजारिश की थी.
इस फेसबुक पोस्ट में लिखा था- भाइयों मेरी मदद करो. कैंसर से मेरी हालत खराब होती जा रही है. आपका कलाकार भाई सीताराम पांचाल .
पिछले साढ़े तीन साल से बॉलीवुड के उनके कुछ दोस्त उन्हें मदद कर रहे थे. इनमें इरफान खान, पाचांल के एनएसडी बैचमेट संजय मिश्रा, रोहिताश गौड़, टीवी प्रोड्यूसर (एक घऱ बनाऊंगा) राकेश पासवान आदि शामिल हैं
सीताराम पांचाल का जन्म हरियाणा के कैथल जिले के डूंडर हेड़ी गांव में
1963 में हुआ था. उन्होंने हरियाणवी फिल्म लाडो के अलावा छन्नो में भी काम
किया.
बता दें कि पांचाल ने अश्विनी की डेब्यू हरियाणवी फिल्म लाडो में काम किया था जिसे नेशनल अवॉर्ड मिला था.
पांचाल को स्कूल के दिनों से ही अभिनय पसंद था. ग्रेजुएशन के बाद दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में उनका सिलेक्शन हो गया था.
उसके बाद से वे हिंदी फिल्मों में अलग अलग चरित्र भूमिकाओं में दिखते रहे हैं. वहीं उनके अभिनय का लोहा अक्षय कुमार और आमिर खान जैसे एक्टर्स भी मानते हैं जिनके साथ उन्होंने काम किया था.
पांचाल अपने घर में अकेले कमाने वाले थे. उनका 19 साल का एक बेटा है, जो अभी पढ़ाई कर रहा है.