सुशांत सिंह राजपूत के जीजा विशाल कीर्ति ने हाल ही में एक ब्लॉग लिखा है जिसमें उन्होंने सुशांत के थेरेपिस्ट के दावों पर सवाल उठाए हैं. सुशांत की थेरेपिस्ट सुजेन वॉकर ने हाल ही में कहा था कि एक्टर मानसिक समस्या से जूझ रहे थे और रिया चक्रवर्ती इस दौरान उनके लिए एक स्ट्रॉन्ग सपोर्ट के तौर पर थीं.
विशाल ने कहा कि उन्होंने आखिरी बार सुशांत को साल 2017 में देखा था और दोनों की आपस में अच्छी बॉन्डिंग थी. विशाल ने कहा कि वे सुशांत को 1997 से जानते हैं. विशाल और सुशांत की बहन श्वेता (जो अब उनकी पत्नी हैं) एक ही क्लास में पढ़ते थे वही सुशांत एक क्लास जूनियर थे. उस दौरान लोग सुशांत को श्वेता के छोटे भाई के तौर पर पहचानते थे. इसके बाद विशाल आईआईटी मद्रास चले गए और श्वेता निफ्ट मद्रास जिसके बाद दोनों की नजदीकियां बढ़ीं और दोनों ने शादी रचा ली. विशाल इसके बाद साल 2006 में अमेरिका चले गए थे और वे साल 2019 तक सुशांत के टच में थे.
विशाल ने खुद को फेमिनिस्ट बताते हुए कहा कि रिया के खिलाफ आरोपों का मतलब ये नहीं है कि वे महिलाओं के हितों की बात नहीं करते हैं. रिया के खिलाफ क्रिमिनल चार्ज लगे हैं तो उसकी वजह भी है क्योंकि इस पूरे मामले में उनकी भूमिका विवादास्पद है. जहां ज्यादातर मामलों में पुरुष की आपराधिक घटनाओं में शामिल रहते हैं वही ऐसा नहीं है कि महिलाएं आपराधिक गतिविधियों में शामिल ही नहीं होती हैं.
उन्होंने कहा कि मेंटल हेल्थ को लेकर आज भी देश में तमाम-तरह की वर्जनाएं हैं. किसी भी इंसान की मेंटल हेल्थ जानकारी को किसी साइकोथेरेपिस्ट या साइकोलॉजिस्ट द्वारा साझा करना ना केवल गलत है बल्कि गैर कानूनी भी है और ये बात मैं अपने ससुर जी और सुशांत के पिता पर छोड़ता हूं कि वे क्या एक्शन लेते हैं.
विशाल ने आगे कहा कि मेंटल डिस्ऑर्डर के बारे में पता लगाना एक कठिन टास्क है. आपको एक इंसान पर काफी बारीकी से नजर बनानी होती है और आपको उन्हें लंबे समय तक चेकअप करना होता है. ऐसा माना जाता है कि इस तरह की समस्या के लक्षण सामने आने के बाद 5-6 सालों में इस बीमारी को लेकर आप सही निष्कर्ष तक पहुंच पाते हैं. लेकिन सुशांत की थेरेपिस्ट ने बड़ी आसानी से महज दो महीने यानि सिर्फ कुछ अपॉइन्टमेंट्स में ये साफ कर दिया कि सुशांत इस गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे.
विशाल ने कहा कि सुशांत की थेरेपिस्ट ने ना केवल सुशांत से जुड़ी जानकारी को पब्लिक किया जो कि उनकी प्राइवेसी का हनन है बल्कि ये भी कहा है कि इस ट्रीटमेंट को रिया द्वारा कराया जा रहा था, सुशांत द्वारा नहीं. अक्तूबर/नवंबर 2019 के बाद से सुशांत को इसकी जरूरत पड़ी. जहां तक मैं जानता हूं, जो भी सुशांत के साथ रहा है, उसने आज तक सुशांत की मानसिक स्थिति को लेकर कोई शिकायत नहीं की है. खुद सुशांत ने कभी भी ऐसा नहीं कहा कि वो मानसिक परेशानी से जूझ रहा है.
विशाल ने इसके बाद रिया के बारे में बात करते हुए कहा कि एफआईआर का दावा है कि सुशांत को रिया ने साइकोट्रॉपिक ड्रग्स दिए, हो सकता है कि सुशांत को इस बारे में पता भी ना हो. आखिर अक्तूबर नवंबर 2019 के बाद से ही सुशांत को मानसिक समस्याएं क्यों होने लगी? हो सकता है कि यूरोप ट्रिप के बाद से ही उन्हें कोई सीक्रेट मेडिकेशन दी जा रही हो और अक्तूबर-नवंबर में इसकी सप्लाई बंद हो गई हो जिसके चलते सुशांत को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हो और उनकी देखभाल के नाम पर साइकोथेरेपिस्ट के पास उसे ले जाया गया हो?
विशाल ने कहा कि रिया ने सुशांत की अपॉइन्टमेंट्स थेरेपिस्ट के साथ रखवाई थीं और वो हमेशा सुशांत के साथ सेशन्स में रहती थीं. हो सकता है कि इस बहाने रिया सुशांत और उनके थेरेपिस्ट पर नजर रखने की कोशिश कर रही हों. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि हो सकता है कि वे ऐसा इसलिए कर रही हों ताकि उनके मेंटल हेल्थ मुद्दों को लेकर उन्हें ब्लैकमेल किया जा सके.
विशाल ने कहा कि रिया की सुशांत के पास थेरेपिस्ट के मौजूदगी का मतलब था कि
रिया के पास रियल प्राइवेसी नहीं थी जिससे वे अपने मुद्दों के बारे में
बात सकते थे. ये भी तो हो सकता है कि सुशांत रिया की ब्लैकमेलिंग की वजह से
परेशान हों? मुझे लगता है कि रिया के हालातों को देखकर ऐसा लगता है कि
उनका स्वभाव एक सोशियोपैथ, साइकोपैथ बिहेवियर है और ये एक ऐसा मेंटल हेल्थ
का मुद्दा है जिसे डिस्कस किया जाना चाहिए.
विशाल ने आगे कहा कि पब्लिक डोमेन में जो सबूत हैं और एफआईआर में जैसे दावे
किए गए हैं, उनसे ये साफ होता है कि इस मामले में रिया चक्रवर्ती सबसे
बड़ी आरोपी हैं. उन्होंने सुशांत के परिवार और दोस्तों को उनसे अलग किया और
अगर वाकई ये बात कोर्ट में साबित हो जाती है कि वे सुशांत की केयर करती
थीं और उनकी बहुत देखभाल करती थीं और उन्हें प्यार करती थीं तो ये पूरे देश
के लिए बेहद हैरानी भरी बात होगी.