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मनोरंजन

61वें राष्‍ट्रीय फिल्‍म पुरस्‍कारों में इन फिल्‍मों ने मारी बाजी

61वें राष्‍ट्रीय फिल्‍म पुरस्‍कारों में इन फिल्‍मों ने मारी बाजी
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61वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्‍कारों में जॉली एलएलबी, भाग मिल्‍खा भाग, मद्रास कैफे, शाहिद और जल जैसी फिल्‍मों ने बाजी मारी. फिल्‍म भाग मिल्‍खा भाग में ‘हवन करेंगे’ गाने के लिए गणेश आचार्य को बेस्‍ट कोरियोग्राफर का पुरस्‍कार भी मिला.
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फिल्‍म जॉली एलएलबी को हिन्‍दी की सर्वश्रेष्‍ठ फिल्‍म चुना गया जबकि फरहान अख्‍तर की फिल्‍म भाग मिल्‍खा भाग को संपूर्ण मनोरंजन के लिए पुरस्‍कार दिया गया.
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जॉली एलएलबी
देश की सुस्त अदालती कार्रवाई पर व्यंग है फिल्म ‘जॉली एलएलबी’. इस फिल्म में दिखाने की कोशिश की गई है कि किस तरह पैसे के दम पर केस को तोड़ने-मरोड़ने का काम किया जाता है. इस फिल्म को सुभाष कपूर ने डायरेक्ट किया है. इसे सर्वश्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है. फिल्म में न्यायाधीश के तौर पर एक खुश दिल और शानदार अभिनय के लिए सौरभ शुक्ला को सह-कलाकार का पुरस्कार मिला है.
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जल
कच्छ की पृष्ठभूमि में बनी गिरीश मलिक की फिल्म ‘जल’ रेगिस्तान के वाशिंदों की कहानी है. फिल्‍म के मूल विषय को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रभावों के सृजनशील इस्‍तेमाल के लिए फिल्म को सर्वश्रेष्‍ठ विशेष प्रभाव कैटेगरी में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है. फिल्म इंटरमेज्जो स्‍टूडियो एलियन सेन्‍स फिल्‍म्स प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले बनी है.
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काफल
बातूल मुख्तियार के निर्देशन में बनी यह फिल्म उत्तराखंड के छोटे से गांव में रहने वाले दो युवा लड़कों की कहानी है जिनके पिता उन्हें घर से दूर भेज देते हैं. इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म का पुरस्‍कार मिला है.
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मद्रास कैफे
श्रीलंकन माहौल पर आधारित सूरजीत सरकार की इस फिल्म को तीन नेश्नल अवार्ड मिले हैं. साउंड डिजाइनिंग के लिए बिश्वदीप चैटर्जी को....डी युवराज फिल्म उस साजिश को परत दर परत पेश करती है, जिसकी वजह से देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. निहार रंजन सामल को स्‍थानीय ध्‍वनि रिकॉर्डकर्ता और विश्‍वदीप चटर्जी को ध्‍वनि डिजाइन के लिए राष्ट्रीय पुरस्‍कार मिला है.
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शाहिद
वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता शाहिद आजमी के जीवन पर आधारित है फिल्म ‘शाहिद’. 2010 में मुंबई में शाहिद आजमी का खून कर दिया गया था. इस फिल्म को दो राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार मिले हैं. राजकुमार राव को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और हंसल मेहता को इस फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है.
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शिप ऑफ थिसियस
‘शिप ऑफ थिसियस’ एक दार्शनिक फिल्म है जिसमें तीन छोटी कहानियां हैं. पहली कहानी एक अंधी लड़की की है, दूसरी एक भिक्षु की और तीसरी एक नौजवान स्टॉक ब्रोकर की. इस फिल्म की कहानी और डायरेक्शन आनंद गांधी ने किया है. फिल्म में अंधी लड़की का रोल करने वाली आइदा एल्काशेफ को सपोर्टिंग एक्ट्रेस का पुरस्कार मिला है. साथ ही इस फिल्म को बेस्ट फीचर फिल्म का भी पुरुस्‍कार मिला है.
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येलो
सभी प्रकार की बुराइयों पर विजय प्राप्‍त करके अंतरराष्‍ट्रीय ख्‍याति पाने वाली एक लड़की के बारे में एक चमत्‍कारिक प्रेरणात्‍मक फिल्‍म. महेश लिमये के निर्देशन में बनी इस फिल्म को विशेष ज्‍यूरी पुरस्‍कार मिला है. इसके अलावा गौरी गाडगि‍ल, संजना राय को अभिनय के लिए विशेष उल्‍लेख भी मिला है.
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रंगभूमि
कमल स्वरूप की यह डॉक्यूमेंट्री दादा साहेब फालके के बनारस में बिताए दिनों पर फोकस करती है. फिल्मों की दुनिया से खुद को अलग करने के बाद फालके ने खुद को रंगमंच में समेट लिया था, जिसके बाद उन्होंने सेमी-आटोबायोग्राफी रंगभूमि लिखी थी. इसे श्रेष्ठ (गैर फीचर) फिल्म का राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार दिया गया है.
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मिस लवली
मुंबई के फिल्‍म उद्योग की आपराधिक गहराईयों, फूहड और वासना से सराबोर कहानी के बीच पारस्‍परिक विघटनकारी संबंधों को दर्शाया गया है. अ‍शीम अहलूवालिया इस फिल्म के निर्देशक हैं. इस फिल्म को विशेष ज्‍यूरी, सर्वश्रेष्‍ठ निर्माण डिजाइन का पुरस्कार मिला है.
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गुलाबी गैंग
फिल्म एक महिला समूह की कहानी है जो घर से लेकर लालफीताशाही तक के दलदल में फंसी महिलाओं को संघर्ष के लिए प्रेरित करती है. निष्ठा जैन के निर्देशन में बनी इस फिल्म को सामाजिक मुद्दों पर बनी श्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार मिला है. अर्जुन गौरीसरिया को श्रेष्ठ संपादन का पुरस्कार मिला है.
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भाग मिल्खा भाग
धावक मिल्खा सिंह के जीवन पर आधारित इस फिल्म को भरपूर मनोरंजन प्रदान करने वाली सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार मिला है. इसके अलावा हवन करेंगे गाने की कोरियोग्राफी के लिए गणेश आचार्य को राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार मिला है.
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फंडरी (मराठी)
एक युवक की सोच के माध्यम से भारत में दलितों का हाल इस फिल्म में दिखाया गया है जो रूढ़िवादी कड़े पुराने बंधनों को तोड़ने की कोशिश करता है. यह फिल्म इस बात पर जोर डालती है कि कई अहम सुधारों के बावजूद अब भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है. नागराज मुंजले ने इस फिल्म के जरिये निर्देशन में कदम रखा है. इसके लिए मुंजले को पहली सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार मिला है. बाल कलाकार सोमनाथ अवघडे को सर्वश्रेष्ठ बाल अभिनेता का पुरस्कार मिला है.
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द पैड पाइपर (अंग्रेजी)
एक ऐसे इंजीनियर की कहानी है जो विज्ञान प्रौद्योगिकी के बूते नैपकिन का अविष्कार करता है जिसका लाखों गरीब महिलाओं के स्वास्थ्य पर असाधारण प्रभाव पड़ता है. इस अकांक्षा सूद सिंह की इस फिल्म को श्रेष्ठ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी फिल्म का राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार मिला है.
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तुहिया धर्मकोंचा (मराठी)
हिंदी में इसका मतलब है ‘तुम्हारा धर्म क्या है’. यह एक गरीब जनजातीय परिवार की कहानी है, जिसमें धर्म परिवर्तन के कारण संस्कृति के नुकसान और परिवार की टूटती पारंपरिक आस्था और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच की खींचतान को बखूबी प्रदर्शित किया गया है. सतीश मंवर के निर्देशन में बनी इस फिल्म को सामाजिक मुद्दों पर आधारित सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार दिया गया है.
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अस्तु
मराठी फिल्म ‘अस्तु’ पिता और पुत्री के रिश्तों पर आधारित है. इस फिल्म के लिए अमृता सुभाष को सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेत्री का राष्‍ट्रीय पुरस्कार मिला है.
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फॉरेस्टिंग लाइफ
यह फिल्म एक ऐसे शख्स के ईर्द-गि‍र्द घूमती है जिसने आसाम में ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे दुनिया का पहला मैन मेड जंगल बनाया है और किसी सरकार के मदद के बिना जंगल को बचाने में जुटा है. आरती श्रीवास्तव की इस फीचर डॉक्यूमेंट्री को श्रेष्ठ पर्यावरण फिल्म (कृषि सहित) का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है.
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जातिश्वर
पुर्तगाली कवि के जीवन पर आधारित बांग्ला फिल्म है जातिश्वर. फिल्म को चार राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार मिले हैं. रूपनकार को ई तुमी किमोम तुमी गाने के लिए सर्वश्रेष्ठ पुरुष प्‍लेबैक सिंगर, सबरनीदास को सर्वश्रेष्‍ठ कॉस्‍टयूम डिजाइनर, विक्रम गायकवाड को सर्वश्रेष्‍ठ मेकअप कलाकार का राष्ट्रीय पुरस्‍कार मिला है.
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लायर्स डाइस
भारत के वर्किंग क्लास में पुरुष और महिला के रिश्तों पर आधारित है फिल्म ‘लायर्स डाइस’. हिमाचल प्रदेश की पृष्ठभूमि पर बनी यह फिल्म एक ऐसी युवा आदिवासी मां की कहानी कहती है जो तीन साल की बेटी के साथ मिलकर अपने लापता पति को खोजने के लिए शहर का रुख करती है जहां उसका पति मजदूरी करता है. सफर के दौरान उसकी मुलाकात सेना के एक भगोड़े अधिकारी से होती है जो मंजिल तक पहुंचाने में उनका साथ देने का वादा करता है. मलयालम अभिनेत्री गीतू मोहनदास ने इस फिल्म को डायरेक्ट किया है. बतौर डायरेक्टर यह मोहनदास की पहली फिल्म है. इस फिल्म में अभिनय के लिए गीतांजली थापा को बेस्ट एक्ट्रेस का राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार मिला है. राजीव रवि को सर्वश्रेष्‍ठ सिनेमेटोग्राफी का पुरस्‍कार मिला है.
61वें राष्‍ट्रीय फिल्‍म पुरस्‍कारों में इन फिल्‍मों ने मारी बाजी
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मंडराके ! मंडराके (हिंदी)
एक युवक की निपुणता से कसी हुई कहानी है इस फिल्म में जो मजाक-मजाक में पुराने भंडारगृह को अलादीन की गुफा में बदल देता है. इस फिल्म को रूचिर अरुण ने डायरेक्ट किया है. फिल्‍म को श्रेष्ठ लघु (काल्पनिक) फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया है. कैविन जगतियानी को श्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी का पुरस्‍कार मिला है.
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पेरारियाथवर (मलयालय)
यह एक ऐसे विधूर मेहतर और उसके आठ साल के बेटे की कहानी है, जो गुमनाम और उपेक्षित लोगों का जीवन जीते हैं. फिल्म में हमारे सभ्य समाज के गरीब लोगों के वास्तविक जीवन और उनकी अभूतपूर्व शक्ति एवं ईमानदारी को दर्शाया गया है. डॉ. बिजू ने इस फिल्म का निर्देशन किया है. इस फिल्म के लिए अभिनेता सूरज वेंजारामोडू को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्‍कार मिला है. साथ ही इसे पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षा पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म का भी पुरस्‍कार मिला है.
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