मशहूर चित्रकार मकबूल फिदा हुसैन का लंदन में निधन हो गया. कला को नई ऊंचाइयां देने वाले हुसैन 96 वर्ष के थे.
वर्ष 1991 में पद्म विभूषण से सम्मानित हुसैन का पिछले डेढ़ महीने से स्वास्थ्य खराब चल रहा था. उनके निधन से कला-जगत को अपूरणीय क्षति हुई है.
मशहूर चित्रकार मकबूल फिदा हुसैन का लंदन में निधन हो गया. कला को नई ऊंचाइयां देने वाले हुसैन 96 वर्ष के थे.
एम. एफ. हुसैन का जन्म 17 सितंबर, 1915 को महाराष्ट्र के पंढरपुर में हुआ था.
एम. एफ. हुसैन ने लंदन के रॉयल ब्राम्पटन अस्पताल में स्थानीय समयानुसार तड़के ढाई बजे अंतिम सांस ली.
हुसैन जब 2 साल के थे, तभी उनकी मां का निधन हो गया. उनका आगे का जीवन भी कम संघर्षपूर्ण नहीं रहा.
भारत के मशहूर चित्रकार व फिल्म निर्माता-निर्देशक एम एफ हुसैन को आज भी लोग खरीदते हैं.
एमएफ हुसैन की तीन कलाकृतियां बोनहैम की नीलामी में सबसे ऊंचे दामों पर नीलाम हुई.
भारत सरकार ने हुसैन को देश की शान बताते हुए भरोसा दिया था कि यदि वह भारत लौटते हैं तो उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जायेगी.
हुसैन पर एक हिंदू देवी की विवादास्पद पेंटिंग बनाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में मुकदमा चल रहा था.
विवादों में फंसने के बाद विश्व प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार एमएफ हुसैन ने दोहा स्थित भारतीय दूतावास को अपना पासपोर्ट सौंप दिया था.
हुसैन की इच्छा मुंबई या केरल में फिल्मों पर बनने जा रही पेंटिंग्स के लिए एक संग्रहालय की स्थापना भी करना चाहते थे.
हुसैन ने भारतीय सिनेमा के सौ साल पूरे होने पर पेंटिंग्स की एक श्रृंखला भी बनाई और अरब तथा भारतीय सभ्यता पर भी काम कर रहे थे.
भारत में एक वर्ग द्वारा हुसैन की पेंटिंग्स का विरोध किए जाने और अदालतों में मुकदमे चलने की वजह से वह विदेश में रह रहे थे.
हुसैन ने माधुरी दीक्षित को लेकर गजगामिनी का और तब्बू को लेकर मीनाक्षी का निर्देशन किया था.
एक साक्षात्कार में हुसैन ने बताया था कि विद्या सितंबर में लंदन आएँगी और तब ही फिल्म के पहले दृश्य की शूटिंग होने की संभावना है.
खूबसूरत अदाकारा विद्या बालन जाने-माने चित्रकार एमएफ हुसैन की नई प्रेरणा हैं, जिन्हें मुख्य भूमिका में लेकर हुसैन एक कॉमेडी फिल्म का निर्देशन करने वाले थे.
हुसैन के चाहने वाले भारत कें अलावा विदेशों में भी थे.
एक कार्यक्रम के दौरान एमएफ हुसैन.
अपनी पेंटिग को दिखाते एमएफ हुसैन.
हुसैन की पेंटिंग की नालामी ने भी रिकार्ड तोड़े.
पेंटिंग बनाने में व्यस्त चित्रकार एमएफ हुसैन.
अदालती आदेश के तहत भारत में हुसैन की संपत्तियों को कुर्क कर लिया गया. उनके खिलाफ एक अदालत ने जमानती वॉरंट भी जारी किया गया.
भारत में कानूनी मुकदमे दायर होने और जान से मारने की धमकिया मिलने के बाद से हुसैन वर्ष 2006 से आत्म निर्वासन में रह रहे थे.
भारत सरकार ने वर्ष 1991 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. 92 वर्ष की उम्र में उन्हें केरल सरकार ने राजा रवि वर्मा पुरस्कार दिया.
1973 में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया तो वर्ष 1986 में उन्हें राज्यसभा में मनोनीत किया गया.
वर्ष 1971 में साओ पावलो समारोह में उन्हें पाबलो पिकासो के साथ विशेष निमंत्रण देकर बुलाया गया था.
वर्ष 1967 में उन्होंने अपनी पहली फ़िल्म थ्रू द आइज़ ऑफ़ अ पेंटर बनाई. ये फ़िल्म बर्लिन फ़िल्म समारोह में दिखाई गई और फ़िल्म ने गोल्डन बेयर पुरस्कार जीता.
यूरोप और अमरीका में उनकी पेंटिग्स की ज़ोर-शोर से चर्चा शुरू हो गई. वर्ष 1955 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया.
युवा पेंटर के रूप में एमएफ़ हुसैन बंगाल स्कूल ऑफ़ आर्ट्स की राष्ट्रवादी परंपरा को तोड़कर कुछ नया करना चाहते थे.
एमएफ़ हुसैन को पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर पहचान 1940 के दशक के आख़िर में मिली. वर्ष 1947 में वे प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट ग्रुप में शामिल हुए.
शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के साथ बैठे एमएफ हुसैन.
वी दुर्गा और सरस्वती के उनके चित्रों पर हिंदू समूहों ने तीखी प्रतिक्रिया दी और वर्ष 1998 में चित्रकार के घर पर हमला कर उनकी कलाकृतियों को नुकसान पहुंचाया गया.
फरवरी 2006 में हुसैन पर हिंदू देवी-देवताओं के निर्वस्त्र चित्र बनाकर लोगों की भावनाएं आहत करने का आरोप लगा.
एक संगीत कार्यक्रम के मौके पर एमएफ हुसैन.
देवी दुर्गा और सरस्वती के उनके चित्रों पर हिंदू समूहों ने तीखी प्रतिक्रिया दी और वर्ष 1998 में चित्रकार के घर पर हमला कर उनकी कलाकृतियों को नुकसान पहुंचाया गया.
महाराष्ट्र के पंढरपुर में 17 सितंबर 1915 को जन्मे हुसैन हिंदू देवियों के बनाए अपने चित्रों के कारण विवादों में आ गए.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जाने माने भारतीय चित्रकार मकबूल फिदा हुसैन के लंदन में हुए निधन पर शोक व्यक्त करते हुए इसे 'राष्ट्रीय क्षति' बताया.
हुसैन बीते डेढ़ महीने से अस्वस्थ थे. वह एक ऐसे चित्रकार थे जिन्होंने अपनी कलाकृतियों के जरिए शोहरत भी कमाई और नाराजगी के भी शिकार हुए.
पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे हुसैन अपनी पेंटिग्स के कारण हमेशा चर्चा में रहे.
हिंदू देवियों की उनकी विवादास्पद पेंटिंग को लेकर दक्षिणपंथी संगठनों के विरोध अभियान के तेज होने के बाद हुसैन ने अपना अधिकांश वक्त दुबई में बिताया.
एक कार्यक्रम के मौके पर बॉलीवुड अभिनेता अमरीश पूरी से गले मिलते एमएफ हुसैन.
हुसैन ने कहा था, 'अन्ना हजारे जो कर रहे हैं वह एक दूसरी क्रांति है और भारत में जो कुछ हो रहा है उससे मैं बहुत खुश हूं.'
एक कार्यक्रम के मौके पर जया बच्चन से मिले एमएफ हुसैन.
कतर की नागरिकता अपना चुके हुसैन ने दुबई से बताया था, 'मैं रोमांचित हूं कि युवा पीढ़ी ने भारत में भ्रष्टाचार को कुचलने का बीड़ा उठा लिया है.
चित्रकार एमएफ हुसैन ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठे अन्ना हजारे के समर्थन में एक कार्टून बनाया था.
'तहजीब' में हुसैन साहब को उर्मिला पर फिल्माया गया डांस 'मेहरबां मेहरबां' बहुत पसंद आया.
हुसैन को फ़िल्मों और शायरी के बारे गहरी जानकारी थी.
हुसैन इतने बड़े कलाकार होते हुए ही दंभ या घमंड से कोसों दूर थे और सबसे मिलते थे.
अमरीका की फॉर्ब्स पत्रिका ने हुसैन को भारत का पिकासो भी कहा है.
हुसैन की कलाकृतियों को कला के जानकार आश्चर्यजनक क़ीमत पर ख़रीदते हैं.
मशहूर भारतीय पेंटर अपर्णा कौर कहती हैं कि हुसैन देश के बाहर रहने के लिए मजबूर होते हुए भी हमेशा मुस्कराते रहते थे.
अपर्णा कौर ने बताया, 'देश के बाहर रहने के बावजूद वो हमेशा प्रसन्नचित रहते थे, मैं जानती हूं कि वो इस देश से, इसकी संस्कृति से बेहद प्यार करते थे.
भारतीय देवी की नग्न तस्वीर बनाने के बाद हुसैन की लोगों ने काफी विरोध भी किया.
विश्व प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार एम.एफ. हुसैन ने कभी माधुरी दीक्षित को लेकर गजगामिनी के रूप में परदे पर उतारा था.
एक प्रदर्शन के मौके पर लगी हुसैन की पेंटिंग.
हुसैन ने विश्व भर में अपनी पेंटिंग प्रदर्शनी लगाई.
एमएफ हुसैन की पेंटिंग के चाहने वालों की कोई कमी नहीं है.
एक कार्यक्रम के दौरान पेंटिंग बनाते एमएफ हुसैन.
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के जीतने पर प्रख्यात भारतीय चित्रकार एमएफ हुसैन भी अपने को उनकी पेटिंग बनाने से नहीं रोक सकें.
हुसैन ने माधुरी के साथ गज गामिनी नामक फिल्म भी बनाई. ऐसे ही उन्हें तब्बू ने भी आकर्षित किया था उनके साथ भी उन्होंने एक फिल्म का निर्माण किया था.
हुसैन ने माधुरी दीक्षित की फिल्म 'हम आपके हैं कौन' को देखने के बाद उनकी पेंटिंग बनाई थी.
एमएफ हुसैन की पेंटिंग प्रदर्शनी के दौरान उर्मिला मातोंडकर के साथ हेमा मालिनी.
एमएफ हुसैन के बॉलीवुड में काफी चाहने वाले थे.
एमएफ हुसैन की पेंटिंग प्रदर्शनी देखने पहुंची बॉलीवुड अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर.
एमएफ हुसैन की पेंटिंग को देखती बॉलीवुड स्टॉर उर्मिला मातोंडकर.
हुसैन ने अपने जीवन के अंतिम वक्त दुबई और लंदन में बिताए.
एम. एफ. हुसैन का जन्म 17 सितंबर, 1915 को महाराष्ट्र के पंढरपुर में हुआ था. जब वे 2 साल के थे, तभी उनकी मां का निधन हो गया.