देश के करोड़ों गीत प्रेमियों के दिलों पर राज करने वाले पार्श्वगायक व
अभिनेता किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त, 1929 को मध्य प्रदेश के खंडवा शहर
में हुआ था और उनका निधन 13 अक्टूबर 1987 को हुआ. संगीत प्रेमियों के दिलों में सदा खास जगह बनाने वाले किशोर दा की पुण्यतिथी पर तस्वीरों में जानें इस महान शख्िसयत के बारे में.
किशोर कुमार का वास्तविक नाम आभास कुमार गांगुली था. अपने भाई-बहनों के बीच वे दूसरे नंबर पर थे.
किशोर कुमार ने फिल्म शिकारी (1946) से अभिनेता के रूप में शुरुआत की. इस फिल्म में उनके बड़े भाई अशोक कुमार ने प्रमुख भूमिका निभाई थी. 1948 में बनी फिल्म 'जिद्दी' में किशोर दा ने देव आनंद के लिए गाना गाया.
अपने जन्म-स्थान को लेकर किशोर दा के दिल में अगाध प्रेम था, जिसे वे कई अवसरों पर जाहिर किया करते थे.
किशोर कुमार की पहली शादी रूमा देवी से हुई, लेकिन यह शादी जल्द ही टूट गई. उनका दूसरा विवाह मधुबाला के साथ हुआ. उस जमाने में मधुबाला का दिल जीत लेना कोई साधारण बात नहीं थी. 1976 में किशोर दा ने योगिता बाली से शादी की, पर यह साथ महज कुछ महीनों का ही रहा. योगिता बाली ने इसके बाद मिथुन चक्रवर्ती से शादी कर ली. 1980 में किशोर कुमार की चौथी शादी लीना चंद्रावरकर से हुई.
'आदमी जो कहता है...', 'आ चल के तुझे...', 'आने वाला पल...', 'बचना ए हसीनो...' आदि सैंकड़ों गीत आज भी बड़े चाव से सुने जाते हैं.
किशोर कुमार ने कुछ फिल्मों का निर्देशन भी किया, जिनमें 'चलती का नाम जिंदगी', 'बढ़ती का नाम दाढ़ी', 'दूर का राही', 'दूर गगन की छांव में' प्रमुख हैं.
कॉलेज के दिनों में किशोर कुमार कैंटीन से उधार लेकर खुद भी खाते थे और दोस्तों को भी खिलाते थे. कैंटीन के बकाए को लेकर उन्होंने बाद में 'पांच रुपैया बारह आना...' की धुन तैयार की और एक गीत में इसे इस्तेमाल किया.
अपने जन्म-स्थान को लेकर किशोर दा के दिल में अगाध प्रेम था, जिसे वे कई अवसरों पर जाहिर किया करते थे.
किशोर दा मजाकिया स्वभाव के इंसान थे. गानों की रिकॉर्डिंग से पहले भी वे चुहल करने से बाज नहीं आते थे. उनकी पहली पत्नी का पूरा नाम रूमा गुहा ठाकुर (चित्र में दाएं) था, जो कि बांग्ला फिल्म में अभिनय करने के साथ-साथ पार्श्वगायन भी करती थीं.
13 अक्टूबर, 1987 को उन्होंने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया. किशोर कुमार और सबके दिलों को छू जाने वाले उनके गीतों को भुलाया जाना मुमकिन नहीं है. वे सदा गीत प्रेमियों के दिलों पर राज करते रहेंगे.
आभास कुमार गांगुली आगे चलकर किशोर कुमार नाम से देश-दुनिया में मशहूर हो गए.
उनके काम करने का अंदाज बेहद निराला था. गीतों के बीच वे अपने सहयोगी कलाकारों से चुहल करने से बाज नहीं आते थे.
किशोर कुमार गायकों के बीच सरताज थे और बेहद मृदुल स्वभाव के थे.
किशोरदा की आवाज में वो बात थी, जो आजतक लोगों को सुरों की सरिता में गोते लगाने को मजबूर करती आ रही है.
केवल भारत ही नहीं, विदेश में भी किशोरदा के गीतों के दीवानों की संख्या कम नहीं है.