अपने स्टाइल और अदायगी से सबके दिलों पर राज करने वाली बॉलीवुड क्वीन कंगना रनोट का आज जन्मदिन हैं. उनके जन्मदिन पर देखें उनकी कुछ अनदेखी तस्वीरें.
कंगना का जन्म हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से कस्बे भांबला (जिला- मंडी) में 23 मार्च, 1987 को हुआ.
कंगना की मां पेशे से एक टीचर जबकि पिता बिजनेसमैन हैं. कंगना का एक भाई (अक्षित) और बड़ी बहन रंगोली हैं.
कंगना ने स्कूल की पढ़ाई चंड़ीगढ़ स्थित डीएवी मॉडल स्कूल, सेक्टर-15 से की है.
स्कूल की पढ़ाई के बाद कंगना मॉडल बनने के इरादे से दिल्ली चली आयीं. यहां उन्होंने 2003 में ‘इलिट मॉडलिंग एजेंसी’ में मॉडल बनने की ट्रेनिंग ली.
कंगना का परिवार आज भी हिमाचल प्रदेश में ही रहता है जबकि कंगना मुम्बई में रहती हैं.
दिल्ली मे अस्मिता थिएटर ग्रुप के साथ कंगना ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत की.
कंगना रानोट ने सुप्रसिद्ध रंगमंच निर्देशक अरविन्द गौड़ के पास ट्रेनिंग ली है.
कंगना ने अरविन्द की थियेटर कार्यशाला में इंडिया हैबिटेट सेंटर में भाग लिया और कई नाटकों में अभिनय किया.
अरविन्द गौड़ के साथ उसका पहला नाटक गिरीश कर्नाड का ‘रक्त् कल्याण’ था.कंगना बताती हैं कि थियेटर से उन्हें भरपूर आत्मविश्वास मिला है.
उन्होंने बताया की मशहूर निर्देशक अरविंद गौड़ की संस्था अस्मिता से उन्होंने अभिनय के प्रतीक और बिंब सीखे.
अपने पहले नाटक गिरीश कर्नाड की ‘रक्त कल्याण’ में उन्होंने ललिताम्बा और दामोदर भट्ट दोनों की भूमिका एक साथ की थी और इससे उन्हें अपने कैरियर के लिए जरूरी पहचान मिली.
कंगना ने 2004 में कैमरा को फेस करने में महारत हासिल करने के लिए आशा चंद्रा के तीन माह के कोर्स में नामांकन करवाया. इसके बाद कंगना मुंबई रवाना हो गईं.
सितंबर 2005 के दौरान हिंदी फिल्म निर्माता अनुराग बसु ने कंगना को एक कॉफी हाउस में देखा और उन्हें महेश भट्ट की फिल्म 'गैंगस्टर' में किरदार करने का ऑफर दिया.
फिल्म 'गैंगस्टर' को समीक्षकों और बॉक्स ऑफिस दोनों जगह कामयाब रही और सके बाद कंगना ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा.
2006 में कंगना 'गैंगस्टर', वो लम्हे और बहुत सी फिल्मों में नजर आईं लेकिन फिल्म 'क्वीन' में उनके अभिनय ने सबके दिल जीत लिए.
2007 में सुनील दर्शन की फिल्म ‘शाकालाका बूम बूम’ में नजर आयीं.
कंगना 2007 में ही ‘तारा रम पम’ में एक छोटी सी भूमिका में नजर आयीं.
2007 में कंगना ने ‘लाइफ़ इन अ... मेट्रो’ में काम किया. लाइफ़ इन अ... मेट्रो महानगर के जीवन पर आधारित हिन्दी भाषा की फिल्म है.
कंगना रानोट लाइफ इन अ... मेट्रो’ में नेहा की भूमिका अदा की.
इस फिल्म में कंगना के साथ ही शाइनी आहूजा, इरफान खान, शिल्पा शेट्टी, धर्मेन्द्र, कोनकणां सेन शर्मा, नफीसा अली और शर्मन जोशी ने भी किरदार निभाया था.
2007 में कंगना की एक तमिल भाषा में बनी फिल्म आयी जिसका नाम ‘धाम धूम’ था.
2008 में कंगना की फिल्म 'फैशन' ने बॉक्स ऑफिस पर जोरदार धूम मचाया.
कंगना के साथ इस फिल्म के मुख्य कलाकार थे- अरबाज खान, प्रियंका चोपड़ा, मुग्धा गोडसे और हर्ष छाया.
इस फिल्म को प्रसिद्ध निर्देशक मधुर भंडारकर ने निर्देशित किया था. जबिक इसके निर्माता रॉनी स्क्रूवाला थे.
इस फिल्म में कहानी तीन किरदारों के इर्द गिर्द घूमती है. प्रतिनिधि के तौर पर चुनी गई तीन माडलों की कहानी दिल को छूती है.
'फैशन' में मेघना माथुर, सोनाली राजपाल और जेनेट के नाम भले ही अलग हों लेकिन उनकी पृष्ठभूमि एक सी है. मधुर इन किरदारों के जरिए दर्शकों को भावविह्वल करने में सफल रहे.
हालांकि यह फिल्म पूरी तरह से प्रियंका चोपड़ा की फिल्म है. प्रियंका ने मध्यवर्गीय मेघना के भाव के क्रमिक उतार-चढ़ाव को अच्छी तरह व्यक्त किया है.
कंगना रानाउत ‘गैंगस्टर’ और ‘वो लम्हे’ में इस तरह के किरदार निभा चुकी हैं. हालांकि विशेषज्ञा की नजर में फिल्म फैशन में कंगना की क्षमताओं का सही इस्तेमाल नहीं हो पाया है.
कंगना के लिए यह फिल्म कितनी बड़ी सफलता थी इसका अनुमान इसी से ही लगाया जा सकता है कि उन्हें इस फिल्म के लिए फिल्म फेयर अवार्ड और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया.
2008 में ही फिल्म फैशन के बाद कंगना ने इमरान हाशमी के साथ हॉरर फिल्म ‘राज- द मिस्ट्री कंटिन्यू’ में किरदार किया.
पुरस्कारों की बात की जाये तो 2006 में फिल्म गैंगस्टर के लिए कंगना को स्टार स्क्रीन पुरस्कार से नवाजा गया. इसके अलावा साल 2014 की बॉलीवुड की बेस्ट एक्ट्रेस फिल्मफेयर अवॉर्ड के लिए कंगना रनोट को चुना गया.
2007 में कंगना रनोट ने पुस्कारों की झड़ी लगा दी थी. जब उन्हें गैंगस्टर के लिए एक के बाद एक कई पुरस्कार दिए गये.
2007 जीफा ने उन्हें गैंगस्टर के लिए पुरस्कृत किया. तो उन्हें गैंगस्टर के लिए फ़िल्मफ़ेयर का पुरस्कार भी मिला.
इसके अलावा गैंगस्टर के लिए ही स्टारडस्ट ने भी पुरस्कृत किया. जी सिने अवार्ड ने भी कंगना को गैगस्टर के लिए अवार्ड से नवाजा.
2007 में गैंगस्टर के लिए ही आई आई एफ ए ने कंगना को पुरस्कार दिया. 2007 में एआईएफए पुरस्कार में गैंगस्टर के लिए कंगना को सर्वश्रेष्ठ पहली फिल्म- महिला का पुरस्कार भी दिया गया.
'गैगस्टर' के लिए ही 2007 में कंगना को बॉलीवुड फ़िल्म पुरस्कार भी दिया गया.
2008 में स्टारडस्ट ने कंगना को लाइफ इन अ मेट्रो... के लिए सम्मानित किया.
2008 में स्टारडस्ट ने कंगना को लाइफ इन अ मेट्रो... के लिए सम्मानित किया.
2009 में उन्हें फिल्म फैशन के लिए फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार दिया गया.
यह हिन्दी फिल्म में बेहतर अभिनय के लिये सहायक अभिनेत्री को फिल्मफेयर पुरस्कार समारोह में दिया जाता है.
1955 से दिए जा रहे इस पुरस्कार को कंगना से पहले भी कई नामची अभिनेत्रियों ने अपने नाम किया.
कंगना की अबतक रिलीज फिल्में- गैंगस्टर (2006), वो लम्हें (2006), शाकालाका बूम बूम (2007), लाइफ इन अ मेट्रो... (2007), धाम धूम (2007), फैशन (2008), राज- द मिस्ट्री कंटिन्यू (2008), वादा रहा (2009), एक निरंजन (2009), काइट्स (2010), वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई (2010), नॉक आउट (2010).
फिल्मी पंडितों का मानना है कि रंगमच से आई कंगना की अभिनय प्रतिभा को अब केवल पुरस्कारों की नजर से नहीं देखा जाना चाहिए.
फिल्मी पंडितों का मानना है कि रंगमच से आई कंगना की अभिनय प्रतिभा को अब केवल पुरस्कारों की नजर से नहीं देखा जाना चाहिए.
कंगना आर माधवन के साथ ‘तनु वेड्स मनु’, अभिषेक बच्चन के साथ ‘गेम’ और बिहार के शीर्ष नेता रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान के साथ ‘वन एंड ओन्ली’ फिल्में खासी चर्चा में रही.