स्वप्नील ने बताया कि उनकी जिंदगी में ये पहली बार था कि वे लाइट, कैमरा, एक्शन जैसे शब्द सुन रहे थे. उन्होंने बताया कि कैसे बहुत बड़ी टीम मिलकर उत्तर रामायण पर काम कर रही थी.
साथ ही उन्होंने बताया कि कैसे रामानंद सागर उन्हें और मयुरेश से बातचीत करते थे और उन्हें कहानियां सुनाते थे.