बॉलीवुड में पुलिस अफसरों के ऊपर, उनके शौर्य का बखान करते हुए कई फिल्में बनाई गई हैं. उन फिल्मों में पुलिस को हीरो की तरह दिखाया जाता है जिन्हें कभी नहीं हराया जा सकता. लेकिन कुछ ऐसे भी फिल्ममेकर्स रहे हैं जिन्होंने लीक से हटकर काम किया है. बॉलीवुड की कुछ ऐसी भी फिल्में देखने को मिली हैं जहा पुलिसवालों की मार दिया जाता है. अब वो कभी वीरगति को प्राप्त होते हैं तो कभी अपनी गलतियों की सजा भुगतते हैं. आइए ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में जानते हैं जहां पुलिस ऑफिसर्स को ही मार गिराया गया था.
राउडी राठौर
साल 2012 में रिलीज हुई प्रभु देवा की फिल्म राउडी राठौर सुपरहिट साबित हुई थी. फिल्म में दिखाया गया था कि कैसे एक ईमानदार पुलिस अफसर विक्रम सिंह राठौर अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए सभी भ्रष्ट्राचारियों को सबक सिखाता है. वो गुंडो के सामने पुलिस को कभी झुकने नहीं देता और सभी आरोपियों को मुंहतोड़ जवाब देता है. लेकिन फिर बापजी के गुंडे उसे प्लानिंग के तहत मार गिराते हैं उस सच्चे अफसर की मौत के बाद शिवा उसका बदला लेता है और बापजी और उसके गुंडो का काम-तमाम करता है. फिल्म में अक्षय कुमार ने ही विक्रम ओर शिवा का रोल निभाया है.
दयावान
1988 में रिलीज हुई फिरोज खान की फिल्म दयावान में भी एक पुलिस अफसर को दिन दहाड़े मार दिया जाता है. फिल्म में पुलिस की क्रूरता पर जोर दिया गया है. कहानी की बात करें तो बचपन में ही शक्ति के पिता को मार दिया जाता है. अब क्योंकि उसके पिता की मौत पुलिस की वजह से होती है, वो पुलिस से नफरत करने लगता है. फिर वो अपने दूसरे दोस्त शंकर संग मुंबई आ जाता है और करीम बाबा के साथ रहने लगता है. लेकिन फिर पुलिस करीम बाबा को गिरफ्तार करती है और जेल में उनकी मौत हो जाती है. ये देख शंकर का गु्स्सा काफी बढ़ जाता है और वो दिन दहाड़े सभी के सामने इंस्पेक्टर रतन सिंह को मौत के घाट उतार देता है. फिल्म में विनोद खन्ना ने मेन रोल निभाया है.
प्रतिघाट
एन चंद्रा की फिल्म प्रतिघाट को हिट माना जाता है. फिल्म की बेहतरीन स्टारकास्ट और भावुक कर देने वाली कहानी की वजह से इसने दर्शकों का दिल जीता था. फिल्म में काली प्रसाद नाम का एक डॉन दिखाया गया जिसका आतंक सभी में देखने को मिलता है. फिल्म में जब काली प्रसाद को इंस्पेक्टर अजय श्रीवास्तव गिरफ्तार कर लेते हैं, तब बदला लेने के लिए डॉन के आदमी अजय को मार देते हैं. सभी के सामने हुई उस घटना पर हर कोई चुप्पी साध लेता है. फिल्म में नाना पाटेकर,चरन राज, मोहन भंडारी जैसे कलाकारों ने काम किया था.
विधाता
सुभाष घई के निर्देशन में बनी फिल्म विधाता ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी. फिल्म में दिलीप कुमार, शम्मी कपूर और संजय दत्त जैसे कलाकारों ने काम किया था. फिल्म में दिखाया गया कि प्रताप सिंह नाम का पुलिस अफसर एक गांव में काम करता है. उसे पता चलता है कि जगावर चौधरी स्मगलिंग का काम करता है. जगावर,प्रताप से हाथ मिलाना चाहता है लेकिन प्रताप अपने ईमान को बेचने को तैयार नहीं होता. इसके बाद जगावर और उसके गुंडे प्रताप को मार देते हैं. इसके बाद एक बदले की कहानी दिखाई जाती है जहां संजय दत्त अपने पिता के हत्यारों ढूंढता है.
सिंघम
रोहित शेट्टी की फिल्म सिंघम में वैसे तो पुलिस को हीरो की तरह दिखाया गया है, लेकिन फिल्म की शुरूआत में पता चलता है कि सच्चे ऑफिसर राकेश कदम गोली मार खुद की जान ले लेते हैं. बताया जाता है कि उन्हें गुंडे जयकांत ने फंसाया होता है. इसके बाद कैसे इंस्पेक्टर बॉजीराव सिंघम, जयकांत को मारते हैं और उस सचे अफसर को न्याय दिलवाते हैं, फिल्म की कहानी उसी बारे में है. फिल्म में अजय देवगन लीड रोल में हैं.