फिल्म में आप देखते हैं कि जब इंस्पेक्टर संग्राम भालेराउ की मुंहबोली बहन के साथ रेप किया जाता है और उसे मार दिया जाता है, तब संग्राम सभी दोषियों को सजा देने की ठानता है. लेकिन क्योंकि उसे न्यायपालिका पर विश्वास नहीं होता, इसलिए वो एक प्लान बना उन सभी दोषियों का फेक एनकाउंटर कर देता है.
फिल्म में दिखाया है कि पुलिस थाने के अंदर ही दोषियों के हाथ में जबरदस्ती बंदूक पकड़ाई जाती है, उसके बाद उन्हें गोली मार कह दिया जाता है कि ये आत्मरक्षा में किया गया था