विशाल भारद्वाज उत्तर प्रदेश के बिजनौर में पैदा हुए और मेरठ में पले बढ़े कलाकार हैं. वह बतौर फिल्म डायरेक्टर, राइटर, स्क्रीनराइटर,
प्रो़ड्यूसर, म्यूजिक कंपोजर और सिंगर अपनी पहचान कायम कर चुके हैं. उनकी पत्नी रेखा भारद्वाज भी नामचीन सिंगर हैं. विशाल भारद्वाज ने
दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से पढ़ाई की. यहीं उनकी मुलाकात रेखा से हुई.
विशाल भारद्वाज ने करियर की शुरुआत गजल के कार्यक्रमों में हारमोनियम बजाकर की. सिलसिला शुरू हुआ और उनका नाम गुलजार तक पहुंचा. फिर
विशाल ने गुलजार के लिए चड्डी पहनकर फूल खिला है ( जंगल बुक का टाइटल सॉन्ग) जैसे टीवी जिंगल कंपोज किए. गुलजार की कल्ट
फिल्म माचिस का म्यूजिक विशाल का दिया हुआ है. पानी पानी रे और चप्पा चप्पा चरखा चले की कामयाबी के बाद विशाल के लिए मुंबई की
राह खुल गई.
पोलिश डायरेक्टर क्रिस्टोफ कीस्लोवस्की से प्रभावित होकर विशाल ने संगीत के अलावा डायरेक्शन की तरफ भी ध्यान देना शुरू किया. उनकी
पहली फिल्म मकड़ी बच्चों को ध्यान में रखकर बनाई गई. इसमें शबाना आजमी ने चुड़ैल का रोल अदा किया.
विशाल की दूसरी फिल्म मकबूल शेक्सपीयर के नाटक मैकबेथ से प्रेरित थी. इसमें मुंबई अंडरवर्ल्ड के साये तले पनपी कुछ प्रेम कहानियों और
साजिशों को दिखाया गया. फिल्म के डायलॉग मसलन, ‘गिलौरियां खाया करो गुलफान, जुबान काबू में रहती है‘, आज भी दोहराए जाते हैं. इस
फिल्म ने इरफान को बतौर एक्टर स्थापित किया.
विशाल की अगली फिल्म मटरू की बिजली का मनडोला भूमि अधिग्रहण, कॉरपोरेट कल्चर और कैपिटलिज्म की आलोचना के रूप में पेश की
गई. इसमें पंकज कपूर के अलावा इमरान खान और अनुष्का शर्मा लीड रोल में थे. फिल्म का म्यूजिक तो चला, मगर अच्छी ओपनिंग के बाद
भी फिल्म कुछ खास नहीं कर पाई. आलोचक इसे विशाल की अब तक की सबसे कमजोर फिल्म बताते हैं.
कमीने में प्रियंका चोपड़ा का काम देखने के बाद विशाल ने अगली फिल्म पूरी तरह उन्हीं पर आधारित रखी. ये फिल्म थी सात खून माफ...
रस्किन बॉन्ड की कहानी सूसैंस सेवेन हस्बैंड पर आधारित. सात पतियों के रोल निभाए नसीरुद्दीन शाह, इरफान, जॉन अब्राहम, नील नितिन
मुकेश और अन्नू कपूर जैसे कलाकारों ने.
अंडरवर्ल्ड से विशाल फिर बच्चों की दुनिया में लौटे. शेक्सपियर के अलावा उन्हें रस्किन बॉन्ड का लिखा बहुत लुभाता था. रस्किन की कहानी
पर विशाल ने फिल्म बनाई द ब्लू अंब्रैला. एक बच्ची और उसके नीले छाते की कहानी. एक दुकानदार के लोभ और फिर अलगाव की कहानी.
पंकज कपूर के जानदार अभिनय और हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत सिनेमैटोग्राफी से सजी ये फिल्म पत्थर पर उकरी तोतली पवित्र कविता सी
जान पड़ती है.
विशाल को देश-विदेश में मशहूर किया फिल्म ओंकारा ने. यह शेक्सपीयर के नाटक ओथेलो पर आधारित थी. इसमें पश्चिमी यूपी के
माफिया सरगना, उनके आपसी विद्वेष, प्रेम, प्रतिघात और प्रतिशोध को दिखाया गया. फिल्म के गाने जो कि हमेशा की तरह गुलाजर ने लिखे थे
बहुत मकबूल हुए. गालियों के धड़ल्ले से इस्तेमाल के चलते इसकी आलोचना भी बहुत हुई. लंगड़ा त्यागी का किरदार निभा सैफ अली खान ने
साबित कर दिया कि वह मंझे हुए एक्टर हैं. दीपक डोबरियाल भी इसी फिल्म से नोटिस हुए.
और अब आ रही है शेक्सपीयर के नाटक हैमलेट पर आधारित फिल्म हैदर. कश्मीर के एक युवा की कहानी. बताते हैं कि बशारत पीर के
उपन्यास कर्फ्यूड नाइट्स से भी फिल्म काफी प्रभावित है. शाहिद कपूर लीड रोल में हैं. इसके अलावा विशाल कैंप के इरफान, तब्बू वगैरह भी
इसमें नजर आएंगे.