बॉलीवुड की मानी हुई अदाकारा वहीदा रहमान का जन्म 1936 में हैदराबाद के एक परंपरागत मुस्लिम परिवार में हुआ था.
डॉक्टर बनने का सपना संजो रखा था वहीदा रहमान ने पर किस्मत को ये मंजूर न था, फेफड़ों में इंफेक्शन की वजह से वह यथोचित शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकी.
भारतनाट्यम् की जानकार वहीदा रहमान को अपने अभिभावकों से अभिनय की प्रेरणा मिली.
1955 में उन्हें एक के बाद एक करके दो तेलुगू फिल्मों में काम करने अवसर मिला.
फिल्म 'सीआईडी' (1956) में खलनायिका का रोल दे कर गुरु दत्त वहीदा को बंबई (वर्तमान मुंबई) ले आये.
'सीआईडी' की सफलता के बाद फिल्म 'प्यासा' (1957) में वहीदा रहमान को हीरोइन का रोल मिला.
फिल्म 'प्यासा' से ही गुरु दत्त और वहीदा रहमान का विफल प्रेम प्रसंग का आरंभ हुआ. गुरु दत्त एवं वहीदा रहमान अभिनीत फिल्म 'कागज के फूल' (1959) की असफल प्रेम कथा उन दोनों की स्वयं के जीवन पर आधारित थी. दोनों ही कलाकारों ने फिल्म 'चौदहवीं का चांद' (1960) और 'साहिब बीबी और गुलाम' (1962) में साथ-साथ काम किया.
वर्ष 1963 में गुरु दत्त और वहीदा रहमान के बीच अनबन हो गई और उनके बीच दूरियां बढ़ गई.
1964 में गुरु दत्त ने आत्महत्या कर ली. वहीदा रहमान ने 27 अप्रेल 1974 को कमलजीत सिंह, जो कि फिल्म 'शगुन' (1964) में उनके साथ हीरो थे, से विवाह कर लिया.
'गाइड', 'नीलकमल', 'खामोशी' आदि वहीदा रहमान की उल्लेखनीय फिल्में हैं.