सोनू सूद ने फिल्म ‘दबंग’ में विलेन का शानदार अभिनय किया है. सोनू हिंदी के अलावा तेलुग, तमिल, पंजाबी और अग्रेजी फिल्मों में भी एक्टिंग कर चुके हैं.
फिल्म ‘मर्डर’ से सनसनी मचाने वाले इमरान हाशमी को ‘गैंगस्टर’ में निगेटिव रोल के लिए फिल्म फेयर पुरस्कार के लिए नामित किया गया.
संजय दत्त ने 'वास्तव', 'खलनायक' और 'हथियार' में एक विलेन का रोल किया है. दर्शकों ने भी संजय दत्त के निगेटिव रोल को काफी पसंद किया.
शाहरुख ने भी फिल्म 'अंजाम' और 'डर' में नकारात्मक भूमिका निभाई है.
के के मेनन को फिल्म ‘सरकार’ में निगेटिव भूमिका के लिए बहुत सराहना मिली.
अमजद खान ने वैसे तो कई फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभाई है लेकिन 'शोले' फिल्म में गब्बर सिंह का किरदार निभाकर उन्होंने एक नई मिसाल कायम कर दी.
सैफ अली खान ने फिल्म 'ओंकारा' में लंगड़ा त्यागी की भूमिका निभाई जिसे दर्शकों ने काफी सराहा.
सैफ अली खान ने उर्मिला मातोंडकर के साथ 'एक हसीना थी' में सैफ ने नकारात्मक भूमिका निभाई थी लेकिन यह फिल्म बाक्स आफिस पर चल नहीं पाई.
गुलशन ग्रोवर को बॉलीवुड में लोग इनके नाम से कम बैडमैन के नाम से ज्यादा जानते हैं.
गुलशन ग्रोवर का असली नाम गुलशन मेहता है.
गुलशन ग्रोवर बॉलीवुड में बैडमैन के नाम से मशहूर हैं. हाल ही में ग्रोवर को हॉलीवुड की स्टार सलमा हायेक के साथ एक फिल्म में काम करने का मौका मिला है.
इरफान खान आज स्थापित हिंदी फिल्म कलाकार है जो कोई भी किरदार बखूबी निभाता है. लेकिन इरफान को हिंदी फिल्मों में विलेन की भूमिका के लिए बहुत सराहना मिली. उन्हें फिल्म हासिल के लिए बेस्ट विलेन का फिल्म फेयर अवार्ड भी मिल चुका है.
मनोज बाजपेयी को फिल्म ‘अक्स’ के लिए स्टार स्क्रीन अवार्ड और फिल्म फेयर बेस्ट विलेन अवार्ड मिला.
मनोज बाजपेयी को अक्स के बाद लगातार दूसरे साल भी फिल्म ‘रोड’ के लिए बेस्ट विलेन का अवार्ड दिया गया.
जब खलनायकों का जिक्र हो और अमरीश पुरी का नाम नहीं लिया जाए यह तो हो ही नहीं सकता. 'मिस्टर इंडिया' में मोगैंबो का किरदार निभाने वाले अमरीश पुरी बेहद ही मंझे हुए कलाकार थे.
उन्हें मिस्टर इंडिया में मोगाम्बो के किरदार के लिए हमेशा याद किया जाएगा. साथ ही उन्होंने हॉलीवुड फिल्म ‘इंडियाना जोंस एंड द टेम्पल ऑफ डूम’ में मोला राम के किरदार के लिए भी याद किया जाएगा.
सत्यदेव दुबे और गिरीश कर्नार्ड सरीखे कलाकारों के साथ काम कर चुके अमरीश पुरी ने भारतीय फिल्म जगत में खलनायकी के किरदार को एक अहम पायदान तक पहुंचाया.
मुख्य कलाकार के रूप में तो नसीर ने अपनी कलाकारी का लोहा तो मनवाया ही लेकिन विलेन की भूमिका (‘मोहरा’ और ‘क्रिश’ व अन्य फिल्में) भी उन्होंने बखूबी निभाई.
नसीरुद्दीन शाह को भारतीय सिनेमा जगत का बेहतरीन अदाकार माना जाता है. बाराबंकी (उत्तर प्रदेश) में जन्में नसीर 1975 से फिल्मी दुनिया में अपने अदाकारी के फन को बिखेरते आ रहे हैं. उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से एक्टिंग की शिक्षा ली.
आशुतोष राणा बॉलीवुड में अलग-से किरदार निभाने के लिए जाने जाते हैं. 'जख्म’, ‘दुश्मन’ और ‘संघर्ष’ जैसी बेहतरीन फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) के 1994 बैच के छात्र रह चुके हैं.
टीवी सीरियल ‘स्वाभिमान’ से अपना करियर शुरू करने वाले आशुतोष आजकल स्टार प्लस के सीरियल काली-एक अग्निपरीक्षा में निगेटिव भूमिका निभा रहे हैं.
फिल्म ‘दुश्मन’ में एक हत्यारे की दिल दहला देने वाली भूमिका निभाने के लिए उन्हें आज भी विलेन के रूप में याद किया जाता है. अब वो फिल्मों में कम ही दिखते हैं.
आशुतोष राणा का असली नाम आशुतोष नीखरा है जबकि तेलगु सिनेमा में उन्हें जीवा के नाम से जाना जाता है.
आशुतोष राणा कहते हैं कि वे मध्यप्रदेश के रहने वाले एक सामान्य से छात्र थे और एलएलबी की पढ़ाई के बाद वकालत में अपना करियर बनाने की सोच रहे थे, लेकिन उनके गुरु दद्दा का आदेश हुआ कि मैं फिल्मों में जाऊँ और इसके लिए मैं एनएसडी से अभिनय प्रशिक्षण लूँ.
बोमन ने फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले होटल में रूम सर्विस स्टाफ और फिर अपनी बेकरी में भी काम किया. बहुत कम लोगों को पता है कि बोमन एक प्रोफेशन फोटोग्राफर भी हैं.
बोमन ईरानी आज भारतीय फिल्म जगत का जाना माना नाम है. फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस और लगे रहो मुन्ना भाई में उनके निगेटिव किरदार को काफी सराहा गया. इसके लिए इन्हें फिल्म फेयर का पुरस्कार भी दिया गया.
अनुपम खेर ने 'कर्मा', 'राम लखन', 'हम' सहित कई फिल्मों में अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया है.
अनुपम खेर का नाम भी हिंदी फिल्मों के खलनायकों सूची में शामिल है.
आशीष विद्यार्थी ने भी कई फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभाई है जिनमें, 'कहो ना प्यार है', 'वास्तव', 'एक और एक ग्यारह' और 'अंश' प्रमुख हैं.
डैनी डेन्जोंगपा एक भारतीय अभिनेता हैं. ये भारत के चौथे सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री से सम्मानित कलाकार हैं.
कुलभूषण खरबंदा ने वैसे तो कई फिल्मों में नकारात्मक भूमिका निभाई है लेकिन फिल्म 'शान' में उन्होंने नकारात्मक भूमिका निभाई और दर्शकों ने इस किरदार को काफी पसंद भी किया.
परेश रावल एक ऐसे कलाकार हैं जिन्हें कोई भी भूमिका दे दी जाए वह उसे बेहद बखूबी तरीके से निभाते हैं.
आफताब शिवदासानी ने फिल्म ‘कसूर’ में निगेटिव भूमिका की और इसके लिए उन्हें जी सिने अवार्ड में बेस्ट एक्टर इन निगेटिव शेड के अवार्ड से सम्मानित किया गया. उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कारों में बेस्ट विलेन कैटेगरी में नामित भी किया गया.
सायाजी शिंदे ने फिल्म ‘शूल’ में अविस्मरणीय भूमिका निभाया. बिहार की पृष्ठभूमि पर आधारित इस फिल्म में विलेन के किरदार के लिए उन्हें फिल्म फेयर पुरस्कार के बेस्ट निगेटिव रोल के लिए नामित किया गया. सायाजी शिंदे हिंदी के अलावा मराठी, तेलगु सहित कई भाषाओं में फिल्में करते हैं.
डेनी ने बॉलीवुड फिल्मों में कई पॉजेटिव रोल भी निभाए लेकिन वह विलन की भूमिका में काफी हिट रहे.
डेनी ने बॉलीवुड फिल्मों में कई पॉजेटिव रोल भी निभाए लेकिन वह विलन की भूमिका में काफी हिट रहे.
मिथुन चक्रवर्ती भी फिल्म ‘जल्लाद’ में विलेन की भूमिका में दिखे.
परेश रावल को हालांकि आज हास्य अभिनेता के रूप में ज्यादा जाना जाता है लेकिन उनकी असली पहचान तो विलेन के रूप में ही बनी.
लगभग दस वर्षो के अंतराल के बाद हिंदी फिल्मों के विलेन आशीष विद्यार्थी पुन: छोटे पर्दे पर दिखेंगे. जी टीवी पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक वारिस में आशीष केंद्रीय भूमिका निभा रहे हैं.