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पेंटर जो बना मिडल क्लास का हीरो, हैपी बर्थडे अमोल पालेकर, 10 बातों में जानें जीवन

एक्टर-डायेक्टर अमोल पालेकर आज 70 वर्ष हो गए. आम आदमी की तरह दिखने वाले पालेकर ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1971 में मराठी फिल्म से की थी.

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Amol palekar
Amol palekar

एक्टर-डायेक्टर अमोल पालेकर आज 70 वर्ष हो गए. आम आदमी की तरह दिखने वाले इस बेहद खास कलाकार ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1971 में मराठी फिल्म से की थी. इसके बाद वह बॉलिवुड में आए और साल 1974 में बासु चटर्जी की फिल्म 'रजनीगंधा' से दर्शकों के दिलों पर छा गए. यहीं से मिडल क्लास के हीरो के तौर पर उनकी पहचान जो तक कायम है. आइए जानते हैं उनके बारे में 10 खास बातें.

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1-अमोल पालेकर ने बतौर निर्देशक कई फिल्में बनाईं, जिनमें कच्ची धूप, नकाब और पहेली जैसी फिल्में शामिल हैं.
2-पालेकर एक्टर-डायरेक्टर होने के साथ पेंटर भी हैं. 26 नवंबर को वह एक प्रदर्शनी का आयोजन भी करने वाले हैं
3-अमोल मराठी और हिंदी के अलावा कन्नड़, बंगाली और मलयाली फिल्मों में भी काम कर चुके हैं.
4-पालेकर ने बॉलिवुड में करीब डेढ़ दशक तक काम किया, लेकिन उन्हें सिर्फ एक बार फिल्म फेयर अवार्ड मिला. 1980 में यह पुरस्कार उन्हें गोलमाल के लिए दिया गया था.

देखें अमोल पालेकर के 10 सुपरहिट गाने
5-अमोल पालेकर के पिता पोस्ट ऑफिस में नौकरी करते थे और उनकी मां एक प्राइवेट में काम करती थीं. वह बेहद सामान्य परिवार में जन्मे थे, लेकिन रंगमंच पर उनका जादू ऐसा चला कि उन्हें बॉलिवुड से ऑफर आने लगे.
6-रजनीगंधा, घरौंदा, गोलमाल, छोटी सी बात उनके करियर की बेहतरीन फिल्में रहीं. छोटी सी बात लो बजट फिल्म थी, जिसकी सफलता ने उस समय में बॉलिवुड में हलचल मचा दी थी.
7-2005 में अमोल पालेकर निर्देशित फिल्म पहेली ऑस्कर की विदेशी फिल्म श्रेणी में भारतीय प्रविष्टि के तौर पर शामिल हुई थी, लेकिन यह नामांकन तक नहीं पहुंच पाई थीं. उस वक्त ने अमोल ने कहा था कि ऑस्कर में लॉबिंग बेहद जरूरी है.
8-पालेकर ने मुंबई के प्रतिष्ठित कला संस्थान जेजे स्कूल ऑफ आर्ट में कला की पढ़ाई की. वह कॉलेज के दिनों से ही एक्टर बनना चाहते थे और उनका यही शौक बाद में उन्हें बुलंदियों तक ले गया.
9-अमोल पालेकर ने दो शादी कीं. उनकी पहली पत्नी का नाम चित्रा और दूसरी पत्नी का नाम संध्या गोखले है. पालेकर की दो बेटियां हैं.
10- पालेकर को फिल्मों में आने के लिए ज्यादा संघर्ष नहीं करना पड़ा. बासु चटर्जी और ऋषिकेश मुखर्जी उनके नाटक देखने जाया करते थे.

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