गीतकार अमिताभ भट्टाचार्य 35 वर्ष
इमोशनल अत्याचार, ऐंवइ-ऐंवइ, कैरेक्टर ढीला, भाग-भाग डीके बोस...गीतकार अमिताभ भट्टाचार्य एक आंधी की तरह नुमायां हुए हैं. हर किसी की जबान पर उनके नाम या उनके गानों का चर्चा. पर उनके मुताबिक अनुराग कश्यप (देवडी), आमिर खान (देहली बेली) और सलमान खान (रेडी) की फिल्मों के गाने होने से ऐसा हुआ है.
वूडी एलन की फिल्मों और दुनिया भर के संगीत-जिसकी भाषा समझ में न आए!!-के शौकीन इस मॉडर्न युवा के अर्थपूर्ण गानों पर किसी का ध्यान ही न गयाः अगर जिंदगी हो खुद में कहीं, तो फिर क्यूं रहे किसी की कमी (आइ ऐम). मजा देखिए कि मुंबई आने से पहले उन्होंने गाने नहीं लिखे थे. गाने आए थे, लिखने लगे. ''एक बात समझ में आईः आप जिंदगी को प्लान नहीं कर सकते.''
इंतजारः विशाल भारद्वाज-गुलजार और ए.आर. रहमान का कोई भी नया एल्बम आने का वे बेसब्री से इंतजार करते हैं.
नए की बातः अग्निपथ में वे फिर से वजनदार गाने लिख रहे हैं पर फिर भी अंदेशा है कि चर्चा दूसरी फिल्मों के गानों की ज्यादा होगी.
''जिस नए स्कूल ऑव राइटिंग की बात हो रही है, गुल.जार साब वह काम कब से करते आ रहे हैं. हम तो तिनके हैं.''
अमिताभ अच्छी और मॉडर्न भाषा में बात करते हैं. उनके बिंब भी नए हैं.
स्वानंद किरकिरे, गीतकार