भारत के महान सिनेमैटोग्राफरों में से एक अशोक मेहता का बुधवार दोपहर को स्थानीय अस्पताल में निधन हो गया. वह फेफड़े के कैंसर से पीड़ित थे. मेहता को कोकिलाबेन धीरुभाई अम्बानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि दिन में करीब एक बजे मेहता का निधन हुआ. वह 65 वर्ष के थे.
उनकी कुछ शानदार फिल्मों में शेखर कपूर की 'बैंडिट क्वीन', श्याम बेनेगल की 'मंडी' एवं 'त्रिकाल', अपर्णा सेन की '36 चौरंगी लेन' एवं 'परोमा', शशि कपूर की 'उत्सव', सुभाष घई की 'खलनायक', 'राम लखन' एवं 'किसना' और एम.एफ हुसैन की 'गज गामिनी' हैं.
मेहता के बीमारी की खबर रवीना टंडन के शो 'जीना इसी का नाम है' की रिकार्डिग के दौरान सामने आई. दरअसल इस शो की एक कड़ी अर्जुन रामपाल के ऊपर थी. मॉडल से अभिनेता बने अर्जुन ने मेहता के निर्देशन में बनी फिल्म 'मोक्ष' के जरिए बॉलीवुड में प्रवेश किया था.