अब तक बॉलीवुड की चार शानदार फिल्मों में अपने अभिनय का जलेवा बिखेर चुकी अभिनेत्री कल्कि कोएचलिन ने कहा है कि वह खुद को किसी खास विधा तक सीमित नहीं रखना चाहती बल्कि उन्हें अब भी हिन्दी सिनेमा की सूक्ष्म बारिकियों को सीखना बाकी है.
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फ्रांसीसी मूल की कल्कि (28) ने अपने पति अनुराग कश्यप की फिल्म ‘देव डी’ में आधुनिक ‘चंद्रमुखी’ का किरदार निभाकर अपने अभिनय करियर की शुरूआत की थी. ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’ और ‘शैतान’ जैसी फिल्मों में दमदार अभिनय से दर्शकों पर अलग छाप छोड़ने वाली कल्कि, संजय लीला भंसाली की कामेडी फिल्म ‘माइ फ्रेंड पिंटो’ में प्रतीक बब्बर के साथ नजर आयेंगी.
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कल्कि ने कहा, ‘मैंने अपने करियर की शुरूआत एक ऐसे किरदार के साथ की जिसे एक अभिनेत्री अपने शुरूआती दिनों में नहीं करना चाहती है. मैं अपने अभिनय को पसंद करती हूं और उच्चारण सीखने के लिये हिंदी की कक्षायें ले रही हूं.’
उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा अपने किरदारों में विविधता लाने का प्रयास करती हूं और खुद को किसी खास विधा तक सीमित नहीं रखना चाहती हूं. शुरू में यह मेरे लिये कठिन था लेकिन फिल्म उद्योग में अपनी छाप छोड़ने के लिये मुझे हिन्दी सिनेमा की सूक्ष्म बारिकियों को अभी सीखना है.’