शरमन जोशी 13 साल के अपनी फिल्मी जीवन के सफर में पहली सोलो फिल्म करके रोमांचित हैं. उनका कहना है कि ‘फरारी की सवारी’ से फिल्म इंडस्ट्री में उनकी स्थिति बदलेगी और आगे उन्हें ज्यादा और दमदार भूमिकाएं मिलेंगी.
33 साल के शरमन ने 1999 में ‘गॉडमदर’ से अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत की थी.
उन्होंने प्रेट्र को बताया, ‘मेरा मानना है कि यह फिल्म इंडस्ट्री में मेरी स्थिति को बदल देगा, इसे लेकर कोई सवाल नहीं है. और ऐसा इसलिए होगा क्योंकि यह अच्छी फिल्म है.’ अदाकार ने कहा कि फिल्म में पारसी पिता के किरदार के लिए उन्होंने काफी मेहनत की है और इस भूमिका में जान डालने के लिए उन्होंने काफी काम किया है.
शरमन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि मुझे इसका फायदा मिलेगा. यह पसंद और प्रशंसा की जाने वाली है और इसका बॉक्स ऑफिस कलेक्शन भी ठीक रहेगा.’ उन्होंने कहा, ‘और जब बॉक्स ऑफिस पर सही रहेगा तो मुझे कुछ व्यावसायिक मजबूती मिलेगी और मैं आज जहां हूं, उससे ज्यादा दमदार होउंगा.