रजनीकांत के दीवाने यह मानने को तैयार ही नहीं हैं कि उनके चहेते सितारे को कुछ हो भी सकता है. रजनी की अलौकिक और जादुई शक्तियों के बारे में अनगिनत चुटकुले हैं. सिनेमा में भी रजनी की छवि कुछ ऐसी ही है कि वे अजेय हैं. वे कुछ भी कर सकते हैं और उन्हें कुछ नहीं हो सकता.
रजनी के दीवानों को भी इस बात का पक्का यकीन है और शायद यही वजह है कि जब वे अस्पताल में भर्ती हुए तो उनके प्रशंसकों का यह विश्वास डगमगा गया. रजनीकांत, और अस्पताल में? कितनी विचित्र बात है. कुछ बयान करना ही मुश्किल है. लोग स्तब्ध हैं.
''जल्दी से स्वस्थ हो जाओ तलैवा (लीडर). मुझे पक्का यकीन है कि तुम उस फिल्म में काम करोगे, जिसमें ऐश्वर्र्य की बेटी हीरोइन होगी.'' रजनी के अनगिनत दीवानों में से एक ने ट्वीटर पर यह ट्वीट की है. पार्श्व-गायिका चिन्मयी ने तो यहां तक कह डालाः ''तलैवा! प्लीज, जल्दी से स्वस्थ हो जाओ. हम आपको अपनी किडनी दान कर देंगे. आप अपनी पसंद से जो चाहें वो किडनी चुन सकते हैं.''
खबर है कि रजनीकांत की किडनी ने अस्थायी रूप से काम करना बंद कर दिया था. यही है वह विश्वास और प्रेम, जो रजनीकांत ने दुनिया भर में अपने करोड़ों प्रशंसकों के बीच अर्जित किया है.
इस समय अस्पताल के बिस्तर पर कमजोर और असहाय पड़े इस सुपरस्टार के बारे में जो खबरें और अफवाहें आ रही हैं, वे अवास्तविक लगती हैं. और क्यों न हो, आखिर रजनी नहीं करेंगे तो दूसरा कौन करेगा? और दूसरा कौन है रजनी जैसा? उनकी पत्नी लता ने कहा कि रजनी दैवी और अलौकिक नहीं हैं, लेकिन उनके असंख्य दीवानों के लिए वे अलौकिक ही हैं.
रजनी के अनगिनत प्रशंसकों का शुक्रिया कि आज 61 साल की उम्र में भी रजनी भारत के सबसे महंगे अभिनेता हैं. दरअसल वे अपनी अगली फिल्म राणा में दीपिका पादुकोण, जो उम्र में उनकी बेटियों से भी छोटी हैं, के साथ पेड़ों के इर्दगिर्द नाचने की तैयारियां कर रहे थे, लेकिन शूटिंग के पहले ही दिन उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा.
रजनीकांत के प्रशंसक प्रतिदिन बड़ी संख्या में पोरुर के श्रीरामचंद्र मेडिकल सेंटर में उनकी सिर्फ एक झ्लक पाने के लिए आते हैं.
रजनी के चाहने वाले उनके लिए मंदिरों में पूजा कर रहे हैं, जमीन पर भात खा रहे हैं और अस्पताल में रात-रात भर जाग कर प्रार्थना कर रहे हैं. बहुत से लोग ट्वीटर पर अपनी पीड़ा प्रकट कर रहे हैं. एक हफ्ते पहले मदुरै में अपने चहेते सितारे के जल्दी से जल्दी स्वस्थ होने की कामना से उनके 25 प्रशंसकों ने अग्नियात्रा की.
मदुरै में रजनी फैन क्लब के अध्यक्ष कोहा राजा ने कहा, ''हमने अपने तलैवा के लिए विशेष पूजा की. हम चाहते हैं कि वे फिर जल्दी से जल्दी चलने-फिरने लगें, इसलिए उनके फैन क्लब के हम 25 सदस्य आग पर चले हैं.''
सिर्फ इतना ही नहीं, उनके प्रशंसकों ने 'मन्न सोरु' भी खाया. यह एक तमिल प्रथा है, जो बहुत प्रबल और प्रभावपूर्ण मानी जाती है. इस प्रथा में रजनी के प्रशंसकों ने होसुर के कलिकंबा मंदिर में जमीन पर बिखरा हुआ भात खाया. चेन्नै के पश्चिमी उपनगर तिरुवेरकाडु में रजनी के एक प्रशंसक ने हर सप्ताह अंगप्रदक्षिणम् (गीले वस्त्रों में मंदिर के चारों ओर चक्कर करना) किया. दूसरी जगह बहुत-से लोग अपने परिवारों के साथ मदुरै मीनाक्षी अम्मा मंदिर के स्वर्ण रथ को खींचने के लिए एकत्रित हुए. विल्लुपुरम के श्री प्रत्यंगिरा देवी मंदिर में लोगों ने 108 प्रकार का अभिषेक किया.
सुपरस्टार की सेहत के लिए प्रार्थना करने के लिए 500 निर्देशक और 1,000 सह निर्देशक एक सिनेमा हॉल में एकत्रित हुए. मुख्यमंत्री जयललिता ने लता रजनीकांत को बुलाया और रजनीकांत की सेहत के बारे में पूछा.
द्रमुक नेता एम. करुणानिधि और डीएमडीके नेता विजयकांत उनसे मिलने अस्पताल गए. अन्य कर्ई लोगों ने उन्हें जल्दी से जल्दी स्वस्थ हो जाने के लिए शुभकामनाएं दीं. रजनी के प्रति वास्तविक चिंता और लगाव को एक किनारे कर दें तो भी ये नेतागण जानते हैं कि वे रजनीकांत की सेहत के प्रति उदासीन नहीं रह सकते.
गुरुवार को जब रजनी को आइसीयू में ले जाया गया तो यह खबर जंगल की आग की तरह फैल गई और तकरीबन 1,000 प्रशंसक अस्पताल के बाहर इकट्ठा हो गए. पोरुर हाइवे पर ट्रैफिक जाम हो गया. अंबातुर के 37 वर्षीय ऑटोरिक्शा चालक मरुतमलै ने कहा, ''मैं यह सुनना चाहता हूं कि वे जल्दी-जल्दी ठीक हो रहे हैं. मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना कर रहा हूं. वे 1979 में बीमार पड़े थे, लेकिन फिर स्वस्थ हो गए थे. उसी तरह इस बार भी मुझे पूरा यकीन है कि वे जल्द ही चलने-फिरने लगेंगे और ढेर सारी हिट फिल्में करेंगे. मैं तलैवा की फिल्मों के बिना अपनी जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकता.''
यह अफवाह है, हालांकि इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है कि तमिलनाडु के उतुकोट्टै जिले में रजिनी वेंकटेशन नामक एक दीवाने ने रजनीकांत की मृत्यु की खबर सुनकर आत्महत्या कर ली. हालांकि यह पुष्ट नहीं हुआ कि वास्तव में ऐसी कोई घटना हुई या नहीं, लेकिन रजनी के दीवाने अपने दुख और पीड़ा को प्रकट करने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकते हैं.
अप्रैल के आखिर में अपनी नई फिल्म राणा की शूटिंग के दौरान रजनी बीमार पड़ गए. बाद में 13 मई को उन्हें परीक्षण के लिए श्रीरामचंद्र मेडिकल सेंटर में भर्ती किया गया. वहां के डॉ. एस. तनिकचलम कहते हैं, ''गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल समस्या की वजह से उनकी श्वसन प्रक्रिया में दिक्कत आई थी.
लेकिन इसकी भी कोई एक वजह नहीं है.'' लेकिन उन्होंने ठीक-ठीक इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि रजनी के शरीर का कौन-सा अंग प्रभावित है. सूत्रों के मुताबिक, उनकी स्थिति को इस हालत में लाने की कोशिश की जा रही है कि वे अमेरिका जाकर अपना इलाज करवा सकें.
यद्यपि अब तक यह नहीं पता चल पाया है कि उनकी बीमारी की ठीक-ठीक वजह क्या थी. लेकिन एक मुंह से दूसरे मुंह अफवाहों और अटकलों का सिलसिला जारी है. अभिनेता के नजदीकी सूत्रों का कहना है कि फिल्म राणा के प्रशिक्षण और तैयारियों के दौरान उन्हें काफी थकान हो गई थी, लेकिन इन सबके बावजूद वे फिल्म की मुहूर्त पूजा पर उपस्थित रहने के लिए तत्पर थे.
कुछ लोगों का कहना है कि जब से उन्होंने सिगरेट और शराब पीनी छोड़ी थी, तब से उन्हें सिगरेट-शराब छोड़ने से होने वाली परेशानियां हो रही थीं. इसी कारण उनकी तबीयत भी खराब हुई. इन सबके साथ-साथ यह भी कयास लगाया जा रहा है कि उन्हें फेफड़ों का कैंसर था.
उनकी लंबी गैरमौजूदगी से तमिल फिल्म इंडस्ट्री को गहरा धक्का लगेगा. कॉलीवुड के सूत्रों का कहना है कि फिल्म राणा के बहुत सारे हिस्से ऐसे हैं, जिनकी शूटिंग सुपरस्टार के बगैर नहीं हो सकती. रजनीकांत इस फिल्म में तीन प्रमुख भूमिकाएं निभा रहे हैं.
एक अनुमान के मुताबिक फिल्म राणा पर 150 करोड़ रु. दांव पर लगे हैं. फिल्म के निर्देशक के. एस. रविकुमार ने कहा, ''यह बहुत स्वाभाविक है. लोग बीमार पड़ते ही हैं. राणा सुपरस्टार रजनी का ड्रीम प्रोजेक्ट है. यह उन्हीं के दिमाग की उपज और उन्हीं की कल्पना है.''
यद्यपि रजनीकांत की फिल्में दो-तीन साल में एक बार ही रिलीज होती हैं, लेकिन फिर भी 500 करोड़ रु. की पूरी तमिल फिल्म इंडस्ट्री रजनीकांत के इर्दगिर्द ही घूमती है. इंडस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक उनकी आखिरी ब्लॉकबस्टर फिल्म रोबोट ने 60 करोड़ रु. की कमाई की थी.
क्या रूपहले परदे का अजेय बादशाह इस लड़ार्ई में भी विजयी होगा? उनके दीवानों को इस बारे में रत्ती भर भी संदेह नहीं है.