हिमांशु शर्मा, 30 वर्ष
एक ईमानदार जिद ने उनसे मनु और तनु जैसे किरदार लिखवाए. ''राज, राहुल, सिमरन और कैफे कॉफी डे संस्कृति के किरदारों में छोटे शहरों-कस्बों के लोग खो गए थे.'' दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से हिंदी ऑनर्स हिमांशु शर्मा 2004 में मुंबई आ गए पर मन फिर भी लखनऊ के आसपास ही घूमता रहा, जहां वे बड़े हुए थे.
एक सीरियल में सहायक के तौर पर 10 दिन में सात बार श्राद्धक्रिया शूट करवाई. पक गए. जाना ही छोड़ दिया. आनंद राय से मिले, स्ट्रैंजर्स बनाई, पिटी. यशराज में सहायक निर्देशक बनकर ज्ञान बटोरा. पर अपने इलाके की कहानी दिल में बसी ही रही. और तनु वेड्स मनु के रूप में निकली तो करोड़ों दिलों तक जा पहुंची.
बेबाकीः मीठे के जबरदस्त शौकीन, घर के अकेले 'गैर-शाकाहारी'. निर्देशक आनंद राय से कह रखा है कि लखनऊ, बनारस और मुरादाबाद से परे का कोई किरदार चाहिए तो किसी और को पकड़ना, ''भइया मेरे बस का नहीं है.''
संयोगः तनु वेड्स मनु की स्क्रिप्ट पूरी हुई, अगले हफ्ते मंदी आ गई
''पापा ने कहा कि सिनेमा में जाओ पर चाहे अवार्ड लेने बढ़ो या सड़क पर भीख मांगो, दोनों ही स्थितियों में मेरा नाम मत लेना.''
छोटे शहरों के संस्कार-तहजीब पर उनकी अच्छी पकड़ है.
तिग्मांशु धूलिया, फिल्म निर्देशक