एक जमाने में उनका जलवा ऐसा था कि फिल्मों के चुनाव में मादाम आमिर खान जैसी सख्त होने का दावा करती थीं. जलवा भी ऐसा कि आर्ट फिल्मों के धुरंधरों से लेकर कॉमर्शियल मेकरों के लिए तब्बू पहली पसंद थीं.
वैसे मौसम और वक्त की तरह बॉलीवुड के मि.जाज का बदलना नियत माना जाता है, तभी इस बेहतरीन अदाकारा की एक नई फिल्म रिलीज होने जा रही है और कहीं कोई सुगबुगाहट नहीं. सीधे कहें तो कैटरीनाओं और करीनाओं के इस जमाने में अब किसी को उनकी जरूरत नहीं रही. वे जैसे इतिहास में दफन हो गई हैं. यह मामला एकतरफा हो, ऐसा भी नहीं. उनके साथ कई फिल्में बना चुके एक निर्देशक के बकौल अपने अच्छे दिनों में वे किसी से सीधे मुंह बातें करना पसंद नहीं करती थीं. उनके अक्खड़ स्वभाव के चलते ही इंडस्ट्री वालों ने उनसे किनारा कर लिया. तभी गुलजार जैसे उनके मुरीद अपनी नई फिल्म के लिए उनकी जगह विद्या बालन के घर के चक्कर काट रहे हैं. और तब्बू को इस बेमुरव्वती का कोई तोड़ नहीं मिल रहा.