भारतीय सिनेमा को ‘एकदम अलग तरह का’ बताते हुए मशहूर अभिनेत्री शबाना आजमी मानती हैं कि देश में फिल्मों को इस पैमाने पर नहीं बनाया जाता कि एक दिन उन्हें ऑस्कर पुरस्कारों की दौड़ में शामिल कराना है. उनका कहना है कि दुनिया में अब भारतीय फिल्मों को नयी पहचान मिल रही है.
एक नाटक के मंचन के सिलसिले में यहां आयी शबाना ने कहा, ‘हमारा सिनेमा एकदम अलग तरह का सिनेमा है और वह ऑस्कर के लिये नहीं बना है. फिर भी मुझे लगता है कि भारतीय सिनेमा आज बहुत बड़े मुकाम पर पहुंच चुका है.’
कई चुनौतीपूर्ण किरदारों की अदायगी के लिये प्रसिद्ध अभिनेत्री ने कहा, ‘हम अपनी फिल्मों से खासे संतुष्ट हैं. हमारा दर्शक वर्ग बेहद बड़ा है, लेकिन वह अलग तरह का है.’ क्या भारतीय प्रविष्टियां ‘लॉबिंग’ की कमी के कारण ऑस्कर पुरस्कारों की दौड़ में पिछड़ जाती हैं, इस सवाल पर शबाना ने कहा, ‘हमें हर बात का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिये. ऑस्कर पुरस्कारों के पैमाने अलग हैं.’
बहरहाल, उन्हें लगता है कि भारतीय फिल्मकारों का एक तबका ऐसा है, जो अब सोच रहा है कि उन्हें ऑस्कर पुरस्कारों के लिये प्रतिस्पर्धा करनी चाहिये. उन्होंने कहा, ‘वैसे यह कम बड़ी बात नहीं है कि हिंदुस्तानी फिल्मों को दुनिया भर में जाना जा रहा है. हिंदुस्तान में हॉलीवुड से कई गुना ज्यादा फिल्में बनती हैं.’{mospagebreak}
‘मुन्नी बदनाम हुई’ और ‘शीला की जवानी’ जैसे गीतों की सफलता पर शबाना कहती हैं, ‘एक लोकतांत्रिक पद्धति में हमें यह तय करने का कोई अधिकार नहीं है कि लोग क्या देखना-सुनना चाहते हैं या वे किस तरह की किताबें पढ़ना चाहते हैं.’ वह जोर देकर कहती हैं कि फिल्म ‘दबंग’ की कामयाबी ने फिल्मकारों को यह बात फिर समझा दी कि देश में दर्शकों का एक बड़ा वर्ग ऐसा है, जिसकी कतई अनदेखी नहीं की जा सकती.
मशहूर गीतकार जावेद अख्तर के साथ अपने रिश्ते की तासीर बयान करते हुए शबाना ने कहा, ‘हमारा रिश्ता बराबर की दोस्ती का है. मैं अक्सर मजाक में कहती हूं कि शादी भी इस रिश्ते का कुछ नहीं बिगाड़ पायी.