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पाक में ‘मुन्नी बदनाम...’ सुपरहिट, लेकिन महिलाओं की हो रही है फजीहत

पाकिस्तान की सांस्कृतिक राजधानी लाहौर में दो बच्चों की मां मुन्नी आज कल अपनी छोटी सी दुकान खोलने से हिचक रही है. वह जब भी दुकान खोलती है सड़क छाप लड़कों की भीड़ जुट जाती है जो ‘मुन्नी बदनाम हुई...’ के गीत से उसे छेड़ने-चिढ़ाने का कोई मौका नहीं गंवाते.

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पाकिस्तान की सांस्कृतिक राजधानी लाहौर में दो बच्चों की मां मुन्नी आज कल अपनी छोटी सी दुकान खोलने से हिचक रही है. ऐसी बात नहीं है कि उसकी दुकान में ग्राहकों का टोटा हो गया है. वह जब भी दुकान खोलती है सड़क छाप लड़कों की भीड़ जुट जाती है जो ‘मुन्नी बदनाम हुई...’ के गीत से उसे छेड़ने-चिढ़ाने का कोई मौका नहीं गंवाते.

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दरअसल, पाकिस्तान में ‘दबंग’ का गीत ‘मुन्नी बदनाम हुई...’ सुपरहिट हुआ है.

पहले सिर्फ पड़ोस के टपोरी लड़के थे जिनसे मुन्नी को निबटना पड़ता था. वे उसके सामने यह गीत गाना नहीं भूलते. फिर लोगों को सलमान खान की फिल्म के इस सुपरहिट गीत की भनक लगी और उनके होंटों पर यह गीत चढ़ा. दूध से ले कर बिस्किट की तलब उन्हें सताती और वे उसकी दुकान पहुंच जाते. वहां वह ‘मुन्नी बदनाम हुई डार्लिंग तेरे लिए’ के बोल गुनगुनाना नहीं भूलते.

बहरहाल, मामला बस लाहौर की इस मुन्नी की नहीं है. पाकिस्तान में मुन्नी एक लोकप्रिय नाम है और कमोबेश सभी को लगता है कि काश यह गीत कभी नहीं लिखा गया होता और अगर लिखा गया तो इस कदर लोकप्रिय नहीं होता. {mospagebreak}

अगर ‘दबंग’ का गीत ‘मुन्नी बदनाम हुई...’ सुपरहिट हुआ है तो उसका कारण भी है. माना जाता है कि यह पाकिस्तानी गीत ‘लड़का बदनाम हुआ तेरे लिए’ की नकल है. यह उमर शरीफ के 1992 के एक फिल्म का गाना है. ‘दबंग’ में ‘मुन्नी’ की रील लाइफ के रूप में मलायका अरोड़ा खान ने लोकप्रियता तो हासिल की है लेकिन ‘रीयल लाइफ’ की अनेक मुन्नियां उससे आजिज हैं.

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लाहौर की मुन्नी ने कहा, ‘जब तब कोई मेरे स्टोर में पहुंच जाता और सामान खरीदने आए लोगों के सामने कहता ‘मुन्नी बदनाम हुई डार्लिंग तेरे लिए.’ पहले तो मैंने उसपर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और उसे नजरअंदाज करने की कोशिश की. लेकिन जब यह रोज का मामला हो गया तो मुझे गुस्सा आने लगा.’

उसने कहा, ‘यहां तक के भले लोगों ने मेरी दुकान के सामने से गुजरते हुए बुलंद आवाज में यह गीत गाया. मैंने कई को फटकार लगाई लेकिन वे सिर्फ ठहाके लगाते और भाग जाते.’

मुन्नी ने अपनी बेबसी बताते हुए कहा, ‘आखिरकार, मैं उनका यह रवैया बरदाश्त नहीं कर सकी और कई दिन तक दुकान बंद रखी.’ उसने कहा, ‘अब दो माह हो चुके हैं. मैं दुकान नहीं खोलती. अगर खोलती हूं तो खुद काउंटर पर नहीं बैठती.’

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