scorecardresearch
 

हुस्‍न व सादगी के संगम का नाम है 'कैटरीना'

नामः कैटरीना टरकॉट. नागरिकताः ब्रिटिश. औपचारिक स्कूली शिक्षा-नाममात्र की. बॉलीवुड हीरोइनों का परिचय आम तौर पर यह नहीं होता. लेकिन 26 वर्षीया कैटरीना कैफ ने अपनी हर दुश्वारी को अवसर में बदल दिया और सितारों की इस दुनिया की रपटीली चढ़ाई पर चढ़ते-चढ़ते आज बॉलीवुड की सबसे ज्‍यादा कमाई करने वाला सितारा बन गई हैं.

Advertisement
X

नामः कैटरीना टरकॉट. नागरिकताः ब्रिटिश. औपचारिक स्कूली शिक्षा-नाममात्र की. बॉलीवुड हीरोइनों का परिचय आम तौर पर यह नहीं होता. लेकिन 26 वर्षीया कैटरीना कैफ ने अपनी हर दुश्वारी को अवसर में बदल दिया और सितारों की इस दुनिया की रपटीली चढ़ाई पर चढ़ते-चढ़ते आज बॉलीवुड की सबसे ज्‍यादा कमाई करने वाला सितारा बन गई हैं.

Advertisement

उन्हें एक फिल्म के लिए 3 करोड़ रु. और अपने दस विज्ञापनों में से प्रत्येक के लिए ढाई-ढाई करोड़ रु. की सालाना फीस मिलती है. आप्रवासी दर्शकों के प्रति मुग्ध इस उद्योग में वे विदेशों में बसे सितारे के तौर पर लाजवाब हैं-गोरी-चिट्टी, खूबसूरत, आंखों के लिए सुहावनी और दिमाग के लिए और भी ज्‍यादा सुकून भरी, जो सरसों दा खेत में भी उतनी ही सजती है जितनी चेल्सी पब में.

इसके बावजूद, 2003 में जब वे बसने के लिए भारत आईं, तो उन्हें तवज्‍जो देने को कोई राजी नहीं था. जैकी श्रॉफ ने उन्हें अपने गुरु सुभाष घई के पास भेज दिया, जिनके साथ वे कैटरीना की पहली फिल्म बूम के सह-निर्माता थे. घई का मानना था कि वे ज्‍यादा ही लंबी हैं, ज्‍यादा ही अंग्रेज हैं और हिंदी जानती नहीं.

Advertisement

{mospagebreak}निर्माता मुकेश भट्ट ने उन्हें ताज लैंड्स एंड कॉफी शॉप में दोस्तों के साथ देखा, उन्हें वे बिजली की तरह कौंधती-सी लगीं और उन्होंने उन्हें फिल्म साया में ले लिया. लेकिन दो दिन की शूटिंग के बाद ही उन्होंने कैट को फिल्म से निकाल दिया, क्योंकि उन्हें एक शब्द भी हिंदी नहीं आती थी. बूम के निर्देशक कैजाद गुस्ताद ने पीछे पड़कर फोटोग्राफर अतुल कस्बेकर के साथ उनकी मुलाकात करवाई और कस्बेकर ने तुरंत उन्हें 2003 के किंगफिशर कैलेंडर के लिए मॉडल चुन लिया. लेकिन कस्बेकर को भी स्विमसूट में ढके उनके जिस्म के तीन चौथाई से ज्‍यादा हिस्से को एक घोड़े के पीछे छिपाना पड़ा. कस्बेकर याद करते हैं, ''वे छोटी-सी, गोलमटोल-सी थीं.''

लेकिन उस गोलमटोल-सी छोटी लड़की ने सबको गलत साबित कर दिया. 21 फिल्में कर चुकी इस अभिनेत्री ने बॉलीवुड में किस्मत आजमाने के लिए उतरी विदेशी बालाओं की जमात के लिए एक नजीर तैयार कर दी. कैटरीना इतनी हिंदी सीख चुकी हैं कि वे देवनागरी लिपि में लिखी पटकथा पढ़ लेती हैं. कथक गुरु वीरु कृष्णा से इतना डांस सीख चुकी हैं कि शीला की जवानी को इस साल के सबसे हिट डांसों में शुमार करवा सकें. अपने अभिनय को इतना निखार चुकी हैं कि पिछले साल की हिट फिल्म राजनीति में नाना पाटेकर, अजय देवगन और मनोज वाजपेयी जैसे मंजे हुए अभिनेताओं के सामने टिक सकें. वे कहती हैं, ''जिसने सात साल पहले हिंदी सुनी भी न हो, उसके लिए यह बुरा नहीं है.''

Advertisement

2002 में पहली बार भारत आने के पहले की अपनी जिंदगी के बारे में वे सिर्फ इतना ही बताती हैं. {mospagebreak}विकीपीडिया पर प्रकाशित उनके परिचय में बताया जाता है कि वे लंदन में मॉडल्स1 के लिए काम किया करती थीं और ला सेंजा और अर्काडियस के लिए विज्ञापन कर चुकी हैं. मॉडल्स1 इससे इनकार करता है और कैटरीना भी. वे कहती हैं, ''उनकी जानकारी गलत है. मैं फ्रीलांस एजेंसियों के साथ काम करती थी. कोई खास या बड़ी बात नहीं थी.''

हांगकांग में जन्मीं कैटरीना और उनके सात भाई-बहन अपनी मां, चैरिटी वर्कर सुसाना टरकॉट के पीछे-पीछे चीन, जापान, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, पूर्वी यूरोप के कई देशों, बेल्जियम, हवाई का सफर करते हुए और तीन साल के लिए लंदन में रहते हुए, जहां आज भी उनकी कई बहनें पांच कमरों के एक मकान में रहती हैं, बड़े हुए हैं. वे कहती हैं, ''मैं यह नहीं बताऊंगी कि वे कहां रहती हैं. पहले ही पत्रकार वहां पहुंच चुके हैं और उन लोगों को परेशान कर चुके हैं.''

उनकी मां इंग्लैंड के बाथ की एक वकील हैं. वे अपनी बेटी के आने के एक साल बाद रिलीफ प्रोजेक्ट्स इंडिया की स्थापना के लिए भारत आईं, जो मदुरै में परित्यक्त बच्चों के लिए एक आश्रय चलाता है. उनके पिता मोहम्मद कैफ अमेरिका में रहते हैं और अच्छे-खासे खाते-पीते व्यवसायी हैं जिन्हें कैटरीना के अनुसार, उनसे संपर्क करने में कोई रुचि नहीं है. कैटरीना का दावा है कि उनके पिता कश्मीरी हैं, हालांकि उस इलाके के लिहाज से यह कोई आम नाम नहीं है.

Advertisement

कैटरीना कहती हैं, ''हमारे परिवार के लिए यह अध्याय बंद हो चुका है. मेरी मां ने दो बार शादी की. यह एक आम बात है, यहां तक कि यहां भारत में भी. उन्हें अपनी निजता बनाए रखने का अधिकार है. मेरे मां-बाप के बारे में लगातार सवाल क्यों किए जा रहे हैं?''

{mospagebreak}वास्तव में, उनसे जुड़ी यह एकमात्र बात नहीं है, जिसे लेकर सवाल किए जा रहे हैं. जिस दौर में हर जानकारी इंटरनेट पर मिल जाती है, कैटरीना सबसे बड़ी पहेली बनी हुई हैं. जाने-माने उपनाम वालों से भरे फिल्म उद्योग में कैटरीना के सरनेम को कोई नहीं जानता. अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने हाल में उनसे उनका पासपोर्ट देखने के लिए मांगा था.

अब मुंबई में रहने वाले गुस्ताद यही कहते हैं कि कैफ शब्द उन्होंने अपने नाम में तब जुड़वाया, जब मुंबई के पाली हिल होटल में हुए एक ऑडिशन में वे चुन ली गई थीं. कैटरीना के अतीत के बारे में गुस्ताद अंधे संकेत देते हैं. यहां तक कि सलमान खान ने भी, जो उनके पूर्व ब्वॉयफ्रेंड हैं (न अपने संबंधों को दोनों ने कबूला और न संबंध टूटने को), युवा अभिनेताओं के साथ काम करने के उनके कदम पर फब्तियां राष्ट्रीय टीवी चैनल पर कसी थीं.

इस सब पर वे इतना ही कहती हैं, ''चूंकि मैं सलमान को बहुत अच्छी तरह जानती हूं, मुझे यह बात आपत्तिजनक या अजीब नहीं लगी. मैंने सोचा कि यह कोई चालाकी भरा चुटकुला होगा.'' पादुकोण के बारे में वे कहती हैं, ''वे मेरा पासपोर्ट देखना क्यों चाहती हैं? अगर उन्हें मेरा नाम देखना है, तो ठीक है, पासपोर्ट पर मेरा नाम टरकॉट है और कैफ उपनाम से लोग मुझे जानते हैं. यह तो कोई भी समझ सकता है कि मैं शत-प्रतिशत कॉकेशियन नहीं हूं.'' गुस्ताद, और बूम की निर्माता आयशा श्रॉफ की टिप्पणियों पर वे सिर्फ इतना कहती हैं, ''बूम में मैं 17 साल की थी. मैंने फिल्म में कड़ी मेहनत की. मैं समझ नहीं पाती कि मैं किसी को परेशान कैसे कर सकती हूं.''

Advertisement

व्यावहारिक. परिश्रमी. चुस्त और संकल्पवान. कैटरीना के लिए अधिकांशतः अब ये शब्द इस्तेमाल होते हैं. कोई उनके लिए यह तो नहीं कहता कि वे अद्भुत प्रतिभा की धनी हैं, लेकिन यह सभी मानते हैं कि अगर उनकी जरूरत सुबह सात बजे की शूटिंग के लिए होती है, तो वे पौने सात बजे ही तैयार मिलती हैं. न्यूयॉर्क के निर्देशक कबीर खान कहते हैं, ''उन्हें न केवल अपने डायलॉग पता होते हैं, बल्कि अपने साथी कलाकारों के डायलॉग भी वे जानती हैं.''

{mospagebreak}परिधानों की फिटिंग के लिए वे हमेशा उपलब्ध रहती हैं और महत्वपूर्ण गाने की रिहर्सल के लिए वे शूटिंग से 10 दिन पहले ही उपलब्ध हो जाती हैं. जोया अख्तर, जिनका मानना है कि उनकी अगली फिल्म जिंदगी ना मिले दोबारा में आधी देसी आधी अंग्रेज यात्री की भूमिका में वे पूरी तरह जंचती हैं. कहती हैं, ''सबसे बड़ी बात यह है कि वे खुले मन से, सिर्फ सीखने की नीयत से आती हैं.''

फिल्मों की जानकार नसरीन मुन्नी कबीर कहती हैं कि दर्शक भी उनके बारे में यही महसूस करते हैं, ''श्रीदेवी और रेखा भी शुरू में अच्छी हिंदी नहीं बोल पाती थीं. वैसे भी भारतीय सिनेमा के दरवाजे वैश्विक प्रभावों के लिए खुले हुए हैं और यह स्वाभाविक है कि इसके दरवाजे कहीं से भी आने वाले लोगों के लिए खुले होंगे.''

Advertisement

उन्हें केवल हिंदी नहीं बल्कि रहने का तरीका भी सीखना पड़ा है. आखिर सिनेमा सामाजिक बारीकियों का खेल है. कैटरीना किस्मत की धनी हैं कि वे उस जमाने में काम कर रही हैं जब आप्रवासी भारतीय पहले ही पुराने हो चुके हैं और जब महिलाओं को एक ही सरीखे भारतीय परिवेश में लिपटे हुए नहीं रहना है.

समाजशास्त्री शिव विश्वनाथन कहते हैं, ''न्यूयार्क से लेकर सिंह इज किंग तक, वे भारत के बाहर रची गई नई भारतीय महागाथा का हिस्सा हैं,  जो भारतीय होने का एक नया एहसास कराती हैं, जो निश्चित तौर पर वैश्विक है, शहरी है, गतिशील है और चतुर है. कैटरीना से नएपन की गंध आती है और वह नएपन का संदेश देती हैं. वे तमाम पुरुषों के साथ सहज नजर आती हैं और इसके बावजूद उन सबसे कहीं आगे निकल चुकी हैं.''

{mospagebreak}पहेली इसी में है. वे ऐसा कहती हुई नजर आती हैं कि एक महिला होने के नाते, मेरी शुरुआत कराने के लिए मुझे सलमान खान और अक्षय कुमार की जरूरत होती है, लेकिन बाजार में मेरे सिक्के की उम्र उनसे कहीं ज्‍यादा है. वास्तव में बूम के बाद उन्हें जो पहली फिल्म मिली वह थी-हमको दीवाना कर गए, जिसमें वे दक्षिण अफ्रीका में जन्मी भारतीय राजकुमारी की भूमिका में हैं. हीरो थे अक्षय कुमार, जो बी-क्लास के एक्शन कलाकार से निकल कर ए-क्लास के हरफनमौला कलाकार बनने की दहलीज पर थे, और उन्हें एक ऐसी हीरोइन चाहिए थी, जो उन्हें वह नफासत दे सके जिसकी जरूरत जाहिर तौर पर उन्हें आज भी है.

Advertisement

लिहाजा अक्षय कुमार ने उनकी सिफारिश निर्माताओं से की-जी हां, लिंगभेदी बॉलीवुड में हीरोइनों का चयन आम तौर पर इसी ढंग से होता है. और कैटरीना ने अक्षय कुमार के साथ अपनी पहली फिल्म नमस्ते लंदन की, सिंह इज किंग की और अभी हाल ही में दे दनादन, तीसमार खां की.

कैटरीना को जो भी मौका मिला, उसे भुनाती चली गईं. घई याद करते हैं कि किस तरह वे युवराज पर बात करने के लिए गैलेक्सी अपार्टमेंट में सलमान के घर गए थे. कैटरीना ने तब नमस्ते लंदन साइन ही की थी और बेफिक्र होकर घूम रही थीं. घई कहते हैं, ''वे अगले ही दिन मेरे ऑफिस में आईं और मुझसे युवराज में एक भूमिका के बारे में पूछने लगीं. वे सलमान से भी कह सकती थीं कि वे मुझसे कहें. लेकिन उनमें इतना स्वाभिमान था कि वे खुद काम मांगें. मैंने उन्हें दो फिल्मों के लिए साइन कर लिया. उन्होंने जरा भी मोलभाव नहीं किया.''

{mospagebreak}बूम के बाद कैटरीना ने तीन क्षेत्रीय फिल्में की, जिनमें सबसे उल्लेखनीय है निर्माता सुरेश नायडु की फिल्म, जिनका कहना है कि उन्होंने मल्लिश्वरी में राजकुमारी की भूमिका के लिए किसी नई लड़की को आज तक का सबसे ज्‍यादा भुगतान-पूरे 65 लाख रु. किया था. कैटरीना ने मॉडल के तौर पर काम किया, बड़े विज्ञापन किए, सारे काम बंद कर दिए और फिर लॅक्मे गर्ल बन गईं. दिल्ली की सर्दी में दिन भर चली शूटिंग के बाद बार्कोली सूप चखते हुए अब वे कहती हैं, ''मैं नई चीजें सीखना चाहती थी.''

नमस्ते लंदन पहली ऐसी फिल्म थी, जिसे करने में उन्हें आनंद आया, और हालांकि तब वे सलमान के साथ डेटिंग कर रही थीं, फिर भी वे उन दिनों संघर्ष ही कर रही थीं. उनके साथ काम कर चुकी एक साथी याद करती हैं, ''वे पैसों को लेकर बहुत सतर्क थीं. वह कोई भी चीज खरीदने के पहले उसके दाम देखती थीं.'' एक अन्य साथी उनके मॉडलिंग के शुरुआती दिनों को याद करते हुए कहती हैं, ''जब हम कोई चेक जमा कराते थे, तो वह शुरुआत में उसकी पुष्टि जरूर करती थी, मानो उसे उम्मीद नहीं थी कि हम उसका भुगतान करेंगे.''

{mospagebreak}कैटरीना बताती हैं, ''मैंने काम करना तब शुरू कर दिया था, जब मैं 18 वर्ष की थी. अगर मैं काम न कर रही होती, तो अपनी बहन मेलिसा (जो एक साल छोटी हैं और लंदन के इंपीरियल कॉलेज से गणित में पीएचडी कर रही हैं) की तरह पढ़ रही होती.'' बात करते-करते वे अपना आईपैड चार्ज करने के लिए खुद उठती हैं.

एक कर्मचारी होने के बावजूद, वे दरवाजा खुद ही खोलती हैं. फिर चाहे यशराज फिल्म्स की फिल्म मेरे ब्रदर की दुलहन के अगले दिन के शूट के लिए फिटिंग्स लेने डिजाइनर आया हो, या कॉफी लेकर आया बैरा हो. वे कहती हैं कि यह आत्मनिर्भर होने की बचपन से मिली शिक्षा के बूते बनी आदत है.

न्यूयॉर्क और अजब प्रेम की गजब कहानी के साथ 2009 उनके लिए समय बदलने वाला साल रहा. वे कहती हैं, ''सिर्फ पिछले दो साल से ही मैंने अपने काम में आनंद लेना सीखा है. इसके पहले तक यह 9 बजे से 5 बजे तक के काम जैसा था, जो बढ़कर रात के दस बजे तक चलता रहता था. लेकिन एक बार बुनियादी बातें सीख लेने के बाद मुझे ज्‍यादा असली भूमिकाएं मिलने लगी हैं.'' और अब उन्हें इससे भी ज्‍यादा कुछ की तलाश है. ''लेकिन मैं फराह के साथ काम करना चाहती थी. मैं उनके सिनेमा की बहुत बड़ी प्रशंसक हूं.''

अगली बारी है जोया की फिल्म की, जिसमें वे एक मुक्त आत्मा की तरह हैं, जो जिंदगी से प्रेम करती है और जिसे हर चीज में सौंदर्य नजर आता है. आप कुछ कहें, इसके पहले ही वे कह डालती हैं, ''नहीं. यह मेरी तरह नहीं है. मैं सुरक्षा में ही पनपती हूं. मुझे एक सुरक्षित और खुशनुमा घर चाहिए. मैं लोगों के बारे में फैसला नहीं करती, लेकिन जब मैं घरेलू हो जाती हूं, तो मैं खिल उठती हूं.''{mospagebreak}

उनमें यह स्वीकार करने लायक ईमानदारी अभी भी है कि उन्हें उनके साथी कलाकार हृतिक रोशन ने डरा दिया था. वे कहती हैं, ''वे इतने ज्‍यादा छा जाने वाले इंसान हैं.'' लेकिन वे अपने उन साथी कलाकारों के लिए उतनी हावी होने वालों में से नहीं हैं, जिनके बारे में सुना जाता है कि वे उनके साथ डेटिंग कर रही हैं.

रणबीर कपूर के बारे में वे सिर्फ इतना कहती हैं कि वे वास्तव में सलीके से पेश आते हैं और एक-दूसरे को साथी के तौर पर लेते हैं. सलमान के लिए वे घुमा-फिरा कर बात कहती हैं, ''यह एक उलझन भरी स्थिति है. आप किसी ऐसे शख्स के लिए ना कहना कैसे सीखते हैं, जो इतने समय से आपके पक्ष में रहा है? जिसने आपको उस समय एक बड़ी फिल्म दी थी, जब वहां वास्तव में कोई और नहीं था. उस व्यक्ति का आप पर कितना ऋण है ? ठीक है, उन्होंने आपको मौका दिया. यह उनके लिए कारगर रहा, यह आपके लिए कारगर रहा. तो आप एहसान को कितनी दूर तक ढो सकते हैं?''

सुर्खियों के जीवन की अपनी लागत होती है. वे कहती हैं, ''यह धीरे-धीरे चूर-चूर कर देने वाली प्रक्रिया है. हर दिन आप थोड़ा इधर, थोड़ा उधर कुछ-न-कुछ सहन करते रहते हैं. मैं एक संवेदनशील व्यक्ति हूं. जब कोई चीज मुझे परेशान करती है, तो उससे मुझे कष्ट होगा और मैं उसे स्वीकार कर लूंगी और कहूंगी कि चलो अगली बार देखेंगे. लेकिन एक दिन आपकी नींद खुलती है और आप पाते हैं कि आपका दम घुट रहा है. आपको रो पड़ने की, भाग जाने की या सिर्फ बाहर निकल आने की अपनी स्वाभाविक इच्छाओं पर काबू पाना होता है.'' {mospagebreak}कैटरीना को वास्तव में ''उदासी की भावना से बाहर निकलने के लिए खुद से बात करनी पड़ती है.''

कैटरीना कहती हैं कि वे अपने बारे में सारी ''गलत धारणाओं'' का स्पष्टीकरण दे सकती हैं, लेकिन ऐसा करना पूरे समय का काम हो जाएगा. अब वे सिर्फ अपनी मां से कहती हैं कि हर बार गूगल पर कोई अलर्ट आने पर वे उन्हें घबरा कर फोन न किया करें. वे कहती हैं, ''अब उन्हें सिर्फ तब परेशान होने की अनुमति है, जब कोई चीज लगातार दो दिन तक सुर्खियां बनाती रहे.''

लिहाजा वे संगीत सुनकर, कर्मचारियों के साथ घूम-फिरकर या सबसे ज्‍यादा संभावित तौर पर अपने डायलॉग याद करके अपने आपको शांत बनाए रखती हैं. बांद्रा में उनका अपना अपार्टमेंट है, लेकिन वे स्वीकार करती हैं कि वह उसे बहुत अच्छी तरह से नहीं चला पा रही हैं. वे कहती हैं, ''ऐसे दिन होते हैं, जब फ्रिज में कुछ नहीं होता है और मुझे अपने मैनेजर को फोन करके कुछ खाने का इंतजाम करने के लिए कहना पड़ता है. लेकिन जब मेरी मां चेन्नै से आ जाती हैं. तो बात अलग होती है. वह हर समय घर भर में कुछ-न-कुछ करती रहती हैं.''

कैटरीना में बॉलीवुड के मौजूदा तमाम सितारों की तरह वर्जिश करने का जुनून नहीं है. वे कहती हैं कि वे भाग्यशाली हैं कि उन्होंने कच्ची उम्र में ही जेन फोंडा-कैथी स्मिथ एरोबिक दौर से निपट लिया था. वे कहती हैं, ''आप मांसपेशियों में एक याददाश्त विकसित कर लेते हैं, इससे आपको दोबारा अपने आकार में लौटने में मदद मिलती है.''{mospagebreak}

ठीक वैसे ही, जैसे उन्होंने तब किया था जब उन्हें पहचान बन चुके शीला की जवानी के लिए अपने पेट का अतिरिक्त दायरा कम करने के लिए सिर्फ 14 दिनों का समय मिला था. उन्होंने 14 दिन कसरत की, अपने कोच यास्मीन कराचीवाला के साथ हल्के और खुले हाथ के व्यायाम किए.

अभ्यास. उनका रहस्य यही है. फिर चाहे वह एक ही सीन को सही ढंग से करने के लिए 25 बार दोहराना हो या जब बाकी सारे लोग पार्टी मना रहे हों, तब अपने शिक्षक के साथ रात भर अभ्यास करके एक बड़े दृश्य के लिए अपना उच्चारण ठीक करना हो.

गुलशन ग्रोवर कहते हैं कि यह आदत उन्होंने बूम से सीखी. वे कहते हैं, ''बूम में हमने एक प्रेम दृश्य के लिए बहुत कड़ी मेहनत की. इसका सुझाव उन्हीं ने दिया था. हम चाहते थे कि यह दृश्य अमिताभ बच्चन और पद्मा लक्ष्मी के दृश्य से बेहतर हो जाए. यह बुर्ज अल अरब होटल के एक्वेरियम में बहुत ही खूबसूरती से फिल्माया गया था. इसमें उन्होंने मुझे एक छोटा-सा चुंबन भी दिया था. लेकिन निदेशक बहुत घटिया था. उसने वह काट दिया.'' गुस्ताद जाहिर तौर पर सेट पर उन्हें झिड़कने में ज्‍यादातर समय लगाते नजर आए, जिससे कई बार वे रो पड़ती थीं और इस रुलाई के लिए दो बार उन्हें गुस्ताद की उस समय सहायक निदेशक रहीं अपूर्वा लाखिया से मार भी खानी पड़ी.{mospagebreak}

अब किसी फिल्म में कोई उनसे चुंबन का दृश्य या नग्न दृश्य नहीं करवा सकता. वे गंभीरतापूर्वक कहती हैं, ''आपको अपनी सीमाएं, आपकी संस्कृति द्वारा लगाई गई बंदिशें पता होनी चाहिए. आपको शालीन होना ही चाहिए.''

वे अपने मन की आवाज पर अपनी फिल्में चुनती हैं और उम्मीद करती हैं कि वे कड़ी मेहनत कर चुकी हैं, अपनी देनदारी पूरी कर चुकी हैं और अपना समय लगा चुकी हैं कि उन्हें कोई ऐसी फिल्म मिले, जिसके लिए उन्हें याद किया जाए. वे आह भरते हुए कहती हैं, ''और वह एकदम जादुई होगा.'' और आप शर्त लगा सकते हैं कि वे ऐसा कर दिखाएंगी. भले ही इसके लिए उन्हें बाकी सारे लोगों की लाइनें भी क्यों न याद करनी पड़ें. कैटरीना के कॅरिअर की परीकथा में अपनी गॉडमदर वे खुद हैं.

Advertisement
Advertisement