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शिबानी बतीजा: संवेदना की स्याही

उनकी बतौर पटकथा लेखिका पहली फिल्म फना थी, जिसे दर्शकों ने बेहद पसंद किया. उन्होंने इस फिल्म का पहला ड्राफ्ट लिखने में महज तीन हफ्ते का समय लिया था.

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शिबानी बतीजा
शिबानी बतीजा

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शिबानी बतीजा, 41 वर्ष
उनकी बतौर पटकथा लेखिका पहली फिल्म फना थी, जिसे दर्शकों ने बेहद पसंद किया. उन्होंने इस फिल्म का पहला ड्राफ्ट लिखने में महज तीन हफ्ते का समय लिया था. इसके बाद उन्होंने फिल्म किडनैप की पटकथा लिखी और फिर कभी अलविदा न कहना के स्क्रीनप्ले को अंजाम दिया.

वे अपनी कहानी सीधे कंप्यूटर पर लिखने में यकीन करती हैं. उन्हें अपने स्कूल के समय से ही लिखने और पढ़ने का बेहद शौक था. उन्होंने अमेरिका से ग्रेजुएशन किया है और सैन फ्रांसिस्को से फिल्म और टेलीविजन में मास्टर्स को अंजाम दिया है. वे फिल्मों में आने से पहले एक टीवी चैनल में बतौर क्रिएटिव मैनेजर काम भी कर चुकी हैं.

माय नेम इज खान के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ पटकथा लेखिका के आइफा सम्मान से नवाजा जा चुका है. अब तक उनकी लिखी गई चार में से तीन फिल्में बड़ी हिट रही हैं.
पसंद हैः उन्हें ब्लैक और व्हाइट का दौर सबसे अधिक पसंद हैं. यश चोपड़ा, बिमल रॉय और गुरु दत्त और राज कपूर उनके पसंदीदा फिल्म निर्देशक हैं.
पसंदीदा फिल्में: दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, लगान और रंग दे बसंती.
हाल-फिलहालः  वे एक अंग्रेजी फिल्म लिख रही हैं.
''मुझे उन लोगों के बारे मे लिखना पसंद है जिनके बारे में मैं ज्‍यादा नहीं जानती या मैं उनमें इसलिए दिलचस्पी लेती हूं क्योंकि वे मुझ्से अलग हैं.हूं''

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