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सिंघम: बाजीराव के जमीर में है बहुत दम

इक्कीसवीं सदी की एक आदर्श एक्शन फिल्म है सिंहम. एक फिजूल-सी नायिका और गैरजरूरी लगते प्रेमगान को छोड़ दें तो उम्दा एक्शन और डायलॉगबाजी से लबरेज सवा दो घंटे का यह ड्रामा खासा मजेदार है.

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निर्देशकः रोहित शेट्टी

कलाकारः अजय देवगन, प्रकाश राज, काजल

इक्कीसवीं सदी की एक आदर्श एक्शन फिल्म है सिंहम. एक फिजूल-सी नायिका और गैरजरूरी लगते प्रेमगान को छोड़ दें तो उम्दा एक्शन और डायलॉगबाजी से लबरेज सवा दो घंटे का यह ड्रामा खासा मजेदार है.

मुकाबले में हैं बाजीराव सिंहम (देवगन) और जयकांत शिकरे (प्रकाश). सैकड़ों हाथियों के बल वाला, नक्कारे-मृदंग पर, स्लोमोशन में शिवतांडव-सी अदा में चलता एक अदना इंस्पेक्टर बनाम खौफ के पर्यायवाची-सा, कालिमा का अवतार, घोर घमंडी अपराधी माफिया. आल्हे-सी गरजती मूंछें बनाम ईगो/ अहम से उछलती आंखें.

इधर का आदर्शः ''मेरी जरूरतें कम हैं, इसलिए मेरे जमीर में दम है.'' उधर की टैगलाइनः ''कुछ भी करने का, मेरा ईगो नई हर्ट करने का.'' .जमीर और अहम की यह धींगामुश्ती गोवा और आसपास के खूबसूरत आउटडोर में चलती है.

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सिंहम का पूरा बिल्ड-अप एक्शन से ज्‍यादा उठान देने वाले संगीत और टकसाली संवादों से बना है. उसके बाद उम्दा चरित्र अभिनेताओं की फौज इसे अपने कंधों पर लेती है. देवगन की पूरी उपस्थिति रोमांचकारी पर प्रत्याशित है.

इस फिल्म का सबसे बड़ा बूता हैं प्रकाश राज. दक्षिण के इस कलाकार ने मारक आंखों, त्यौरियों और दक्षिण भारतीय लबोलह.जे वाली डायलॉग डिलीवरी के जरिए एक खल चरित्र को तो स्थापित किया ही है, यह फिल्म सीधे-सीधे अपने नाम कर ली है.

दुर्योधन के अंदाज में खलनायक के मानमर्दन के अलावा गद्दार पुलिस अफसरों का कपोल मर्दन और भ्रष्ट नेता का नितंब मर्दन (!!!) सिंहम दिलचस्प अंदाज में करती है. हिंदी के साथ सलीके से जुड़ी मराठी उसे नई जमीन भी देती है.

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