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'सेंसर बोर्ड' पर उठती रही हैं उंगलियां...

बॉलीवुड में समय-समय पर ऐसी कई फिल्‍में बनीं, जिनमें कई 'बोल्‍ड सीन' फिल्‍माए गए. इनमें से कई फिल्‍मों ने बेजोड़ व कलात्‍मक फिल्‍मांकन की वजह से दर्शकों की तारीफें बटोरीं. कई फिल्‍में अर्द्धनग्‍न दृश्‍यों के कारण बुद्धिजीवियों की आलोचना की शिकार हुईं. पर बॉलीवुड ने इस तरह की आपत्तियों को यह कहकर खारिज कर दिया कि यह सीन तो 'कहानी की डिमांड' है.

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बॉलीवुड में समय-समय पर ऐसी कई फिल्‍में बनीं, जिनमें कई 'बोल्‍ड सीन' फिल्‍माए गए. इनमें से कई फिल्‍मों ने बेजोड़ व कलात्‍मक फिल्‍मांकन की वजह से दर्शकों की तारीफें बटोरीं. कई फिल्‍में अर्द्धनग्‍न दृश्‍यों के कारण बुद्धिजीवियों की आलोचना की शिकार हुईं. पर बॉलीवुड ने इस तरह की आपत्तियों को यह कहकर खारिज कर दिया कि यह सीन तो 'कहानी की डिमांड' है.

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कई बार यह तर्क सच के करीब मालूम पड़ा, तो कई बार सरासर गलत. अक्‍सर ऐसा पाया जाता है कि फिल्‍म को हिट कराने के लिए सेक्‍सी दृश्‍य डाले जाते हैं और इसी को ध्‍यान में रखकर पटकथा भी तैयार की जाती है. वैसे भारत में फिल्‍म के दृश्‍यों आदि पर नियंत्रण के लिए 'केंद्रीय फिल्‍म प्रमाणन बोर्ड' है, जिसे बोलचाल की भाषा में 'सेंसर बोर्ड' कहा जाता है. 'सेंसर बोर्ड' कई बार तो फिल्‍म के आपत्तिजनक दृश्‍यों को भी दिखाने की इजाजत दे देता है, तो कई बार सिर्फ पटकथा के आधार पर ही फिल्‍म को 'ए' सर्टिफिकेट दे देता है. ऐसे में बोर्ड अनायास ही सुर्खियों में आ जाता है.

'सेंसर बोर्ड' भारत में फिल्मों, टीवी धारावाहिकों, टीवी विज्ञापनों और विभिन्न दृश्य सामग्री की समीक्षा करने वाला निकाय है. यह सूचना व प्रसारण मंत्रालय के अधीन है. इसे उपरोक्त वर्णित सभी को विभिन्न श्रेणी प्रदान करने का और स्वीकार या अस्वीकार करने का अधिकार है.

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केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की श्रेणी प्रणाली
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की फिल्मों के लिए 4 श्रेणियां है:
'अ' (अनिर्बंधित) या 'U': इस तरह की फिल्मों को सभी आयु वर्ग के लोग देख सकते हैं.

'अ/व' या 'U/A' : इस श्रेणी की फिल्मों के कुछ दृश्यों मे हिंसा, अश्लील भाषा या यौन संबंधित सामग्री हो सकती है. इस श्रेणी की फिल्में केवल 12 साल से बड़े व्यक्ति किसी अभिभावक की उपस्थिति मे ही देख सकते हैं.

'व' (वयस्क) या 'A' : इस श्रेणी की फिल्‍में सिर्फ वयस्क, यानी 18 साल या उससे अधिक उम्र वाले व्यक्ति देखने के पात्र हैं.

'वि' (विशेष) या 'S': यह विशेष श्रेणी है. यह उन फिल्मों को दी जाती है, जो विशिष्ट दर्शकों, मसलन इंजीनियरिंग या डॉक्टरी पेशे आदि के लिए बनाई जाती हैं.

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