सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने पिछले सालों में विलियम शेक्सपीयर के नाटकों के कई किरदारों को जीवंत किया है लेकिन जब उन्हें ऐतिहासिक बोडलीयन पुस्तकालय में 1623 में उनके नाटकों का ‘फर्स्ट फोलियो’ दिखाया गया तो वह आश्चर्यचकित रहे गए और लगभग निशब्द हो गए.
अपने हाथों को उन संवादों पर फेरते हुए जिन्हें उन्होंने अपने पिछले करीब चार दशकों के करियर में कई मंचों पर प्रस्तुत किया है, बिग बी ने कहा, ‘यह अतुल्य है.’ अमिताभ ऑक्सफोर्ड सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज (ओसीएचएस) के आमंत्रण पर ऑक्सफोर्ड के दौरे पर आए थे.
सेंटर में उनके लिए एक रिसेप्शन आयोजित करने के अलावा उन्हें बोडलीयन पुस्तकालय सहित 1602 में स्थापित ऐतिहासिक विश्वविद्यालय दिखाया गया.
शेक्सपीयर के अमूल्य कागजों को पलटने के बारे में पुरस्कालय के विशेष संग्रहों की देखभाल करने वाले रिचर्ड ओवेंडेन ने कहा, ‘एक महान अभिनेता ने एक महान नाटककार के कामों को छुआ.’ उन्होंने कहा, ‘इन दुर्लभ संग्रहों को देखने के लिए कई विद्वान आते हैं लेकिन यह पहली बार था कि एक महान अभिनेता शेक्सपीयर के काम को देखने के लिए हमारे यहां आया.’ इस काम को ‘मिस्टर विलियम शेक्सपीयर कॉमेडीज, हिस्टोरीज एंड ट्रेजेडीज’ नाम दिया गया है. यह ‘फर्स्ट फोलियो’ नाम से मशहूर है. फोलियो के रूप में मुद्रित इस संग्रह में 36 नाटक शामिल हैं.
एक अन्य नायाब चीज जो बिग बी को दिखाई गई वह है कालिदास के ‘शकुंतला’ की पहली बार अंग्रेजी में अनुवादित पांडुलिपि, जिसका विलियम जोन्स ने 1788 में अनुवाद किया था. जोन्स ने 1784 में कोलकाता में एशियाटिक सोसाइटी की स्थापना की थी.
अमिताभ को मैग्ना कार्टा की मूल प्रति भी दिखाई गई, जिसने 1215 में शाही शक्तियों को कम किया और ऐतिहासिक विकास की एक श्रृंखला की नींव रखी.
ओसीएचएस में अमिताभ का स्वागत इसके निदेशक प्रोफेसर गाविन फ्लूड ने किया. वह दक्षिण एशियाई परंपराओं, खासकर हिंदू तंत्र के विशेषज्ञ हैं.
भारतीय छत्रों और अन्य लोगों से मिले सम्मान से अभिभूत अमिताभ ऑक्सफोर्ड गलियारे से बोडलियन पुरस्कालय गए जहां उनका स्वागत उप कुलपति प्रोफेसर एंर्डयू हेमिल्टन ने किया.
बाद में शाम को अमिताभ ने कहा, ‘मैंने इस ऐतिहासिक संस्थान में सबसे खुशनुमा पल गुजारे हैं. यह ऐसा अनुभव है जो मेरे जेहन में लंबे समय तक रहेगा.’ उन्होंने कहा, ‘ऐतिहासिक और प्रख्यात विश्वविद्यालय में ऐसा स्वागत एक बहुत बड़ा सम्मान है. खासकर मैं भारत और ऑक्सफोर्ड के बीच लंबे और मजबूत संबंधों और ओसीएचएस के जरिए हिंदू अध्ययनों को यहां मिल रहे सम्मान से बहुत प्रभावित हूं.’