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वो डायरेक्टर जिसकी जिद के आगे तो मि. परफेक्शनिस्ट आमिर खान की भी नहीं चली थी

Happy birthday Ashutosh आमिर खान से ऐसे शब्द सुनकर कोई भी डायरेक्टर किसी फिल्म को आगे बढ़ाने के बारे में नहीं सोचेगा लेकिन आशुतोष गोवारिकर साधारण फिल्ममेकर्स में से नहीं है.

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आमिर खान, आशुतोष गोवारिकर और शाहरुख खान Photo इंस्टाग्राम
आमिर खान, आशुतोष गोवारिकर और शाहरुख खान Photo इंस्टाग्राम

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'ये कैसा आइडिया ले आए तुम ब्रिटिश राज के गांववाले और क्रिकेट? किसी और प्रोड्यूसर को सुना भी मत देना इसे. मुझे ये लगान भरने और क्रिकेट खेलने वाले आयडिया में कोई दिलचस्पी नहीं है.'

आमिर खान से ऐसे लफ्ज़ सुनकर कोई भी डायरेक्टर इस फिल्म को आगे बढ़ाने के बारे में नहीं सोचेगा लेकिन आशुतोष गोवारिकर साधारण फिल्ममेकर्स में से नहीं है. पांच महीने बाद वे फिर आमिर से मिले थे और उनके मना करने के बावजूद आशुतोष ने आमिर को कहानी सुनाई. आमिर इस कहानी को सुनकर काफी हैरत में थे. वे जानते थे कि ये एक मुश्किल फिल्म है और इसके लिए फंड जुटाना भी मुश्किल होगा लेकिन इस चुनौती को खुद आमिर ने स्वीकार करते हुए इसे प्रोड्यूस किया और इस तरह आशुतोष के इस प्रोजेक्ट की शुरुआत हो पाई.

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हालांकि बॉलीवुड के कुछ चुनौतीपूर्ण प्रोजेक्ट्स का हिस्सा होने के बाद भी आशुतोष बाहरी ही फील करते हैं. उन्होंने न तो कोई फिल्मस्कूल जॉइन किया है और न ही वे किसी फिल्ममेकिंग परिवार से हैं. उनके पिता एक पुलिस ऑफिसर हैं जिन्हें फिल्मों का शौक रहा. आशुतोष सोशल मीडिया पर काफी कम एक्टिव रहते है. ऐतिहासिक फिल्मों को अपनी यूएसपी बना चुके आशुतोष को स्कूल में हिस्ट्री पसंद भी नहीं था. वे केमिस्ट्री की डिग्री के साथ मुंबई के मीठीबाई कॉलेज से पासआउट हुए थे.

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Happy Birthday Shah! Health and happiness always! Love. a. @iamsrk

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Obelix, Dogmatix, Asterix and Getafix the druid!

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Had one of my best meals in a long time!!! New restaurant at Worli, in Atria Mall, called Mizu. Japanese. Unbelievable food. And crazy deserts. Thank you Lakhan (Chef) thank you Vedant. I'm coming once a month.

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आशुतोष के हार ना मानने वाले इस एटीट्यूड के जरिए ही वे बॉलीवुड में अपना एक अलग दर्शक वर्ग गढ़ चुके हैं. लगान की रिलीज के 18 साल बाद भी उनका रियल लोकेशन्स के प्रति पैशन साफ झलकता है. उनकी आने वाली फिल्म मोहनजो दाड़ो के लिए भी उन्होंने मुंबई में सेट बनाने की जगह भुज में शूट करना बेहतर समझा. वे अपने क्राफ्ट के साथ कभी कंप्रोमाइज करना पसंद नहीं करते हैं.

फिल्ममेकिंग के सहारे वे अपनी नई दुनिया को भी साकार करने की कोशिश करते हैं. फिल्म जोधा अकबर के लिए आगरा के किले की ऊंचाई को  45 फीट से 70 फीट किया गया था लेकिन बजट की समस्या के चलते इसे कम करने की बात कही गई हालांकि आशुतोष ने ऐसा करने से मना कर दिया था. उनकी पत्नी से लेकर आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई तक ने पूरी कोशिश की लेकिन आशुतोष अपने फैसले से नहीं डिगे. लगान के सेट्स पर उनका एक्सीडेंट भी हो गया था और कई बार तो उन्होंने सेट पर लेटे-लेटे ही डायरेक्शन किया था. आशुतोष का खुद की कहानियों में विश्वास और रियलिस्टक लोकेशन्स के प्रति जज्बा उन्हें बाकी फिल्मकारों से बेहद अलग बनाता है.आशुतोष को जन्मदिन की शुभकामनाएं.

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