अभिनेता आमिर खान मंगलवार को 'माउंटेन मैन' के नाम से मशहूर बिहार के दशरथ मांझी के गांव गहलौर पहुंचे. उन्होंने मांझी के परिवार से विशेष मुलाकात की. दशरथ मांझी वही शख्स थे, जिन्होंने अपने गांव में अकेले ही एक पहाड़ को काटकर रास्ता बनाया था. आमिर अपने टीवी कार्यक्रम 'सत्यमेव जयते 2' के सिलसिले में मांझी के बेटे और बहू से मिलने गए थे.
कड़ी सुरक्षा के बीच आमिर ने मांझी के बेटे भगीरथ मांझी और बहू बसंती देवी एवं परिवार के दूसरे लोगों के साथ आधे घंटे तक बातचीत की.
आमिर ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'मैं यहां आकर, यहां की मिट्टी को स्पर्श करके वाकई खुश हूं, जहां एक अकेले इंसान ने अपनी नि:स्वार्थ प्रतिबद्धता का इतना बड़ा उदाहरण पेश किया है.'
अभिनेता एवं फिल्म निर्माता आमिर ने कहा कि दशरथ मांझी का गांव देखने की उनके ख्वाहिश पूरी हुई.
भगीरथ और बसंती ने आमिर से बातचीत करते हुए क्षेत्रीय बोली मगही में कहा कि वे बेहद गरीबी में जीवन बिता रहे हैं और अपनी स्थिति सुधारने के लिए आमिर की मदद चाहते हैं. गहलौर के दशरथ नगर दलित टोला में रहने वाले भगीरथ और बसंती दोनों शारीरिक रूप से अपंग हैं और स्थानीय स्कूल में मिड डे मील पकाने का काम कर किसी तरह गुजारा चलाते हैं.
आमिर से मिलने के बाद भगीरथ ने कहा, 'हमने आमिर से कहा कि उन्हें हमारी असल कहानी को दुनिया के सामने लाना चाहिए. शायद इससे सरकार का ध्यान हम पर जाए और हमारी कुछ मदद हो सके.'
बसंती ने कहा कि उसने आमिर को अपनी पूरी व्यथा बताई लेकिन उन्हें इस बात का दुख है कि आमिर ने उनका बनाया पारंपरिक खाना नहीं खाया.
गौरतलब है कि 'माउंटेन मैन' कहे जाने वाले बिहार के दशरथ मांझी ने सिर्फ हथौड़े और छेनी की मदद से दिन-रात एक करके अपने गांव में स्थित पहाड़ को काटकर 360 फीट लंबा, 30 फीट चौड़ा और 30 फीट ऊंचा रास्ता तैयार किया था. 2007 में कैंसर से उनकी मौत हो गई थी.
दशरथ मांझीः इतिहास की सबसे शानदार प्रेम कहानी