आमिर खान आज बॉलीवुड में सफलता का अभिप्राय बन चुके हैं. उनकी फिल्में वैश्विक स्तर पर पहचानी जा रही हैं. आमिर को फिल्मों में आए हुए 30 साल हो चुके हैं. हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान अपने करियर और च्वॉइस के बारे में बातें की.
आमिर ने कहा , ''जब वो नए-नए आए थे उस दौरान अपने पसंद की फिल्मों में काम करने को लेकर अकेले संघर्ष कर रहे थे. मगर आज की डेट में उसी तरह की फिल्में मेनस्ट्रीम सिनेमा का हिस्सा हो रही हैं. ये सफर इतना आसान नहीं था. मैं हमेशा हवा से विपरीत बहते हुए उस तरह की फिल्में बनाने की कोशिश करता रहा जैसा मैं चाहता हूं.''
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जब आमिर से पूछा गया कि क्या उन्हें फिल्मों के फ्लॉप होने का और कम पैसे कमाने का डर नहीं होता तो आमिर ने कहा ''बात ये नहीं है पैसा अलग चीज है मैं कोई फिल्म इसलिए करता हूं क्योंकि मुझे वो करनी ही होती है. मुझे पता होता है कि अगर मैं तलाश जैसी फिल्म बनाऊंगा तो वो साल की सुपरहिट फिल्म नहीं होगी मगर मैं ऐसी फिल्में इसलिए करता हूं क्योंकि मैं चाहता हूं.''
फिल्मों की स्क्रिप्ट के बारे में बात करते हुए आमिर ने बताया ''मैं किसी भी स्क्रिप्ट को एक ऑडियंस की तरह देखता हूं. मैं चाहता हूं कि स्क्रिप्ट ऐसी हो जो मुझे उत्साहित करे, उसमें एक संदेश हो. मैं चाहता हूं मेरी फिल्म अच्छी हो और उसे ज्यादा से ज्यादा लोगों द्वारा पसंद किया जाए.''
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कयामत से कयामत तक, जो जीता वही सिकंदर, बाजी, अर्थ, सरफरोश, दंगल, लगान और तारे जमीं पर जैसी फिल्मों में काम कर चुके आमिर आज इकलौते ऐसे कलाकार हैं जिनकी फिल्मों में अच्छे संदेश भी होते हैं और फिल्में बॉक्स ऑफिस पर भी अपना कमाल दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ती.