2012 में फिल्म "विक्की डोनर" जैसी फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाले एक्टर आयुष्मान खुराना ने अब तक 10 फिल्में की हैं. इनमें से 2 फिल्में रिलीज नहीं हो पाई हैं, बाकी 8 फिल्मों में 4 सुपरहिट रही हैं. आयुष्मान की फिल्मों का चुनाव देखें तो वो हमेशा रिस्की विषयों पर बनी फिल्में करते रहते हैं. हालांकि ये हमारे समाज की हमारे आस-पास की ही कहानियां हैं, लेकिन आमतौर पर हम इसे घरों में खुलकर बतियाते नहीं हैं. आयुष्मान एक बार फिर 'बधाई हो' के जरिए एक सुनी-सुनाई कहानी में नजर आएंगे. बधाई हो ऐसी कहानी है जिसे लेकर पहले सोचा नहीं गया कि इस पर भी फिल्म बनाई जा सकती है.
दरअसल, जो मुद्दे समाज में टैबू की तरह देखें जाते हैं उन पर एक साफ़-सुथरी मनोरंजक फिल्म बनाना चुनौतीपूर्ण काम है. लेकिन ऐसे ही विषयों पर बनी आयुष्मान की फिल्में (विक्की डोनर, दम लगा के हईशा, शुभ मंगल सावधान और बरेली की बर्फी) देखें तो कहानी दूसरी नजर आती है. जिस गंभीरता, सफाई और मनोरंजक तरीके से आयुष्मान की फिल्मों में टैबू सब्जेक्ट्स दिखा, लगा कि ये तो फैमिली सिनेमा ही है. इसका सबूत बॉक्स ऑफिस ने भी दिया. लोगों ने अपने परिवार के साथ फिल्म देखी. नतीजन, टिकट खिड़की पर पैसों की जमकर बारिश हुई.
आयुष्मान के करियर में सबसे दिलचस्प बात ये भी है कि हमेशा ऐसे कंटेंट की वजह से ये सितारा बॉक्स ऑफिस पर भारी पड़ा है. उनकी पिछली ऐसी फिल्मों का ट्रैक रिकॉर्ड बताता है कि "बधाई हो" बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट साबित होगी. 19 अक्टूबर को फिल्म रिलीज किया जाना है. आइए आपको बताते हैं बधाई हो कि कहानी क्या है, और समाज की अलग-अलग कहानियों पर बनी फिल्मों का प्रदर्शन कैसा था.
क्या है ''बधाई हो'' की कहानी?
फिल्म में आयुष्मान के अलावा सान्या मल्होत्रा, नीना गुप्ता, गजराज राव अहम भूमिका में हैं. अमित आर शर्मा के निर्देशन में बनी फिल्म एक उम्रदराज महिला के प्रेग्नेंट होने पर बेस्ड है. यूट्यूब पर "बधाई हो" का ट्रेलर खूब पसंद किया जा रहा है. ट्रेलर में फिल्म की कहानी खोल दी गई है. अब कहानी के पूरे सफर को देखना दिलचस्प होगा. कहानी शुरू हुई है - आयुष्मान के घर में आई एक खुशखबरी से. ये खबर उन्हें उनके पिता देते हैं कि घर में नया मेहमान आने वाला है. बाल-बच्चों वाली किसी उम्रदराज महिला के प्रेग्नेंट होने पर समाज का नजरिया क्या होता है, उसका अपना परिवार और बच्चे किस तरह रिएक्ट करते हैं, वो समाज को कैसे फेस करते हैं, इसे मनोरंजक तरीके से दिखाने की कोशिश की गई है. पड़ोस में एक उम्रदराज महिला को लेकर हो रही चर्चाओं को देखना मजेदार होगा.
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आयुष्मान की ये फिल्में देती हैं हिट का भरोसा
आयुष्मान की विक्की डोनर, दम लगा के हईशा और शुभ मंगल सावधान की कहानी को पर्दे पर लाकर निर्माताओं ने बड़ा जोखिम उठाया था. लेकिन ऑडियंस ने समाज को आइना दिखाती इन फिल्मों को हाथोहाथ लिया था. तीनों ही फिल्मों को क्रिटिक्स और ऑडियंस ने जमकर सराहा. विक्की डोनर, स्पर्म डोनर और इंफर्टिलिटी जैसे अहम मुद्दे पर बेस्ड थी. आयुष्मान की डेब्यू फिल्म दम लगा के हईशा में दिखाया गया कि कैसे माता-पिता दहेज के लिए बिना बेटे की पसंद जाने उसकी शादी एक वजनदार लड़की से करते हैं. ये भी पहलू उठाया गया कि आयुष्मान-भूमि की अटपटी जोड़ी कैसे समझौते की शादी को निभाते हैं. तीसरी फिल्म शुभ मंगल सावधान की कहानी पुरुषों से संबंधित अहम समस्या (इरेक्टाइल डिसफंक्शन) की तरफ इशारा करती है.
#VickyDonor, #DumLagaKeHaisha, #BareillyKiBarfi, #ShubhMangalSaavdhan, #AndhaDhun and #BadhaaiHo... Ayushmann Khurrana is surely making the right choices... Picking up stories that defy the stereotype or issues we generally brush under the carpet... Commendable indeed!
— taran adarsh (@taran_adarsh) September 11, 2018
आयुष्मान की इन फिल्मों ने फैलाई जागरुकता
आयुष्मान ज्यादातर ऐसी कहानियों को पकड़ते हैं जिनके बारे में सोसायटी में कम बात की जाती है. इन फिल्मों में कॉमेडी फ्लेवर के साथ दर्शकों को बड़ा मैसेज दिया गया. चाहे वो स्पर्म डॉनर हो, बेमेल शादी की समस्या हो या इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी बीमारी, सोसायटी में इन्हें टैबू माना गया है. एक्टर की इन फिल्मों का स्क्रीनप्ले जबरदस्त था. एक संजीदा कहानी को कॉमिक अंदाज में दिखाते हुए कड़ा मैसेज देना मामूली बात नहीं है. भारतीय कॉमर्शियल सिनेमा में ऐसा देखा गया है कि संजीदा मुद्दों पर कॉमेडी के नाम पर अश्लीलता परोस दी जाती है. लेकिन आयुष्मान की जिन फिल्मों की चर्चा हो रही है, उनका स्टोरी प्रेजेंटेशन काबिले तारीफ था. इन फिल्मों ने हिंदी दर्शकों की सोच का दायरा बढ़ाने में मदद की. साथ ही समाज में जागरुकता फैलाई है.अगर लोग थियेटर तक परिवार के साथ आयुष्मान की फिल्म देखने आए तो समझ सकते हैं कि समाज ने इन फिल्मों को किस तरह लिया.
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बॉक्स ऑफिस भी दे रहा सबूत
बधाई हो के हिट होने का सबूत बॉक्स ऑफिस पर उनकी पिछली फिल्मों के रिकॉर्ड भी दे रहे हैं. आयुष्मान की विक्की डोनर का लाइफटाइम बिजनेस करीब 41 करोड़, शुभ मंगल सावधान का 42 करोड़ और दम लगा के हईशा ने भारतीय बाजार में 31 करोड़ के करीब कारोबार किया था. ये फिल्म कम बजट में बनी थीं. आयुष्मान खुराना 6 साल के बॉलीवुड करियर में एक मंझे हुए कलाकार के तौर पर उभकर आए हैं. उनकी फिल्मों की असली हीरो कहानी होती है. आने वाली फिल्मों में एक्टर ऐसे और कौन से मुद्दों को पर्दे पर लाते हैं, ये देखना दर्शकों के लिए काफी मजेदार होगा.