अभिषेक बच्चन ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2018 में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि वे जूनियर बच्चन के रूप में खुद को किस तरह देखते हैं.
अभिषेक बच्चन ने बताया उन्हें बचपन से ही इस बात को लेकर काफी सम्मान मिला कि वे बच्चन परिवार से हैं. उनकी परवरिश अमिताभ बच्चन के बेटे के रूप में हुई. वे अपने पिता की फिल्मों को देखते हुए बड़े हुए. उन्होंने एक्टिंग सीखने के लिए अमिताभ की ही फिल्में देखी और फिर उनके जैसा एक्ट करने की कोशिश की. इसीलिए वे यदि अमिताभ की कोई फिल्म रीमेक के रूप में करना चाहें तो ये अमिताभ की एक्टिंग की ही कॉपी होगी.
अभिषेक ने किया जब भी उन्हें ट्रोल किया जाता है तो वे अपने लिए नहीं, बल्कि अपने परिवार के लिए दुखी होते हैं. उन्हें अपने पेरेंट्स के बारे में सोचकर बुरा लगा है. उन्होंने अपनी आलोचना के सवाल पर कहा, "मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता. मैं ऐसी चीजों को अपने अंदर लाता ही नहीं. यदि आप इस तरह से दबाव में आ जाएंगे तो आप सोचना बंद कर देंगे. मेरा लाइफ में अपना अलग नजरिया है. मेरी आलोचना हो सकती है, मैं बड़ा आदमी हूं. लेकिन मैं उस परिवार में पला हूं जिसने मुझे बचपन से ही बहुत सम्मान दिलाया. उनके लिए मुझे बुरा लगता है."
पहली कोलकाता यात्रा
बातचीत के दौरान अभिषेक ने अपनी पहली कोलकाता यात्रा का जिक्र किया. अभिषेक ने कहा कि उनके पिता अमिताभ उन्हें कोलकाता लेकर गए थे. ये 80 के दशक की बात है. इस दौरान जब वे सत्यजीत रे के घर गए तो उन्होंने देखा कि वे शतरंज खेल रहे हैं. आसपास किताबें और फिल्मों के पोस्टर बिखरे हुए हैं. जब उन्होंने अभिषेक से शतरंज पर बात की तो उन्होंने पापा अमिताभ से पूछा कि ये कौन है. इसके बाद अभिषेक को पता चला कि ये महान फिल्मकार सत्यजीत रे हैं. इस दौरान अभिषेक ने विक्टोरिया पैलेस की भी सैर की.
पापा अमिताभ की बेस्ट फिल्म
जब अभिषेक से अमिताभ की बेस्ट फिल्म के बारे में पूछा गया तो उन्होंने रामगोपाल वर्मा की 'निशब्द' का नाम लिया. उन्होंने कहा कि ये फिल्म हो सकता है सबको पसंद न हो, लेकिन मुझे बहुत पसंद है. इसमें जिस तरह का अमिताभ का रोल है, वह बहुत चैलेंजिंग है. अभिषेक ने बताया कि वे अमिताभ का कोई रोल नहीं करना चाहते.