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खनकती आवाज और सूफियाना अंदाज: कैलाश खेर

अपनी खनकती आवाज और रुह तक उतर जाने वाले सूफी अंदाज से कैलाश खेर ने म्यूजिक इंडस्ट्री में अहम पहचान बनाई है. मूल रूप से वह कश्मीरी परिवार से हैं, पर दिल्ली में पले-बढ़े. अपना बिजनेस जमाने की सारी कोशिशें नाकाम हो गईं तो सब कुछ छोड़कर गायकी में आ गए.

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कैलाश खेर
कैलाश खेर

अपनी खनकती आवाज और रुह तक उतर जाने वाले सूफी अंदाज से कैलाश खेर ने म्यूजिक इंडस्ट्री में अहम पहचान बनाई है. मूल रूप से वह कश्मीरी परिवार से हैं, पर दिल्ली में पले-बढ़े. अपना बिजनेस जमाने की सारी कोशिशें नाकाम हो गईं तो सब कुछ छोड़कर गायकी में आ गए. रियाज पहले से करते थे, आवाज हटकर थी, इसलिए काम ढूंढने में मुश्किल नहीं हुई. 2002 में फिल्म 'वैसा भी होता है' के लिए उन्होंने 'अल्लाह के बंदे' गाना गाया. फिल्म पिट गई, लेकिन गाना सुपरहिट हो गया. इस गाने ने कैलाश को हिंदुस्तान के घर-घर में पहुंचा दिया.

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कैलाश का एक बैंड भी है, 'कैलासा'. इसके बैनर तले कैलाश अब तक चार एलबम रिलीज कर चुके हैं. कैलासा (2006), झूमो रे (2007), चांदन में (2009) और रंगीले (2012). मुंबई के संगीतकार भाई नरेश और परेश कामत इस बैंड में कैलाश के साथ हैं. ये दोनों पहले 'बॉम्बे ब्लैक' बैंड से जुड़े हुए थे.

उन्होंने 'मंगल पांडे: द राइजिंग', 'बरसात', 'चॉकलेट', 'क्योंकि', 'दोस्ती', 'अनजान', 'जिंदा', 'फना', 'आप की खातिर', 'नक्शा', 'ट्रैफिक सिग्नल', 'आजा नच ले', 'बाल गणेश', 'कॉरपोरेट', 'सलाम-ए-इश्क', 'चांदनी चौक टू चाइना', 'अजब प्रेम की गजब कहानी', 'पाठशाला' और 'क्या सुपरकूल हैं हम' जैसी फिल्मों में गाने गाए.

2007 में वह आशा भोंसले, सोनू निगम और कुनाल गांजावाला के साथ एक प्रतिष्ठित कॉन्सर्ट टूर के लिए उत्तरी अमेरिका गए. मार्च 2011 में उन्होंने वाशिंगटन के केनेडी सेंटर में हुए मैक्सिमम इंडिया फेस्टिवल में भी परफॉर्म किया.

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कैलाश खेर एमटीवी के एक शो के जज भी बने. 2010 में आईपीएल सीजन के दौरान उन्होंने सुखविंदर सिंह और हार्ड कौर के साथ 'आईपीएल रॉकस्टार' रियलिटी शो को भी जज किया. इतना ही नहीं, अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के लिए उन्होंने 'अंबर तक नारा गूंजेगा' गाना बनाया और रामलीला मैदान पर प्रदर्शन के दौरान मंच से गाया भी.

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